नाखून पर कविता, Poem on Nail in Hindi

Poem on Nail in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ नाखून पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

नाखून पर कविता, Poem on Nail in Hindi

Poem on Nail in Hindi

1. नाखून पर कविता

बेशर्मी की हद कर दी है
तुमने तो नाखून मियाँ

गया तुम्हारे कारण फिर मैं
टीचर से डाटा
जबके कुछ दिन पहले ही तो
था तुमको काटा
मुझे रुलाकर लगे समझने
खुद को अफलातून मियाँ

छीना झपटी में मुन्नी का
हाथ लगा मुंह पर
लगीं खरोचे तो फिर चुन्नू
रोया ऊँ ऊ कर
वजह तुम्ही थे फूट गया जो
गुड्डी का बैलून मियाँ

जितना काटों उतना बढ़ते
मनमानी करते
बेमतलब का काम बढ़ाते
नादानी करते
तुम्हें देखकर मन में बजती
है गुस्से की ट्यून मियाँ

2. Poem on Nail in Hindi

ये मेरे साथ जन्म से हैं
अँधेरे में चमकते
उजाले में पीले पड़ते
ये न जाने कब बढ़ जाते हैं ?

पूरे शरीर में
तय है इनकी एक जगह
मैं इन्हें मोड़कर
कहीं भी ले जा सकता हूँ
कभी-कभी इन्हें टूटते
देखता हूँ नींद में
खुशी होती है कि बोझ
कम हो रहा है शरीर का

मेरी तरफ़ बढ़ते
ये कई बार मुझे डरा जाते हैं
मेरे एकाएक सहमने पर
हँसते हैं ठठाकर

मैं इन्हें दुश्मनों के नाम से
याद करता हूँ
हालाँकि ये उनकी तरह
अपने भीतर नहीं छुपे रहते

इतिहास से मिली नफ़रत
मेरी अपनी है
उसे झेलते-झेलते
मैं लड़ाकू हो चला हूँ

ये इतना नहीं सोच सकते
बस, हँसते हैं
ज़रा-सा दबाने पर
शायद इन्हें पता नहीं कि
इनका भी इतिहास है
इनकी भी नफ़रत है
हेमन्त कुकरेती

3. सींग और नाखून

सींग और नाखून
लोहे के बक् तर कंधों पर।
सीने में सूराख हड्डी का।
आँखों में : घास काई की नमी।
एक मुर्दा हाथ
पाँव पर टिका
उलटी कलम थामे।
तीन तसलों में कमर का घाव सड़ चुका है।
जड़ों का भी कड़ा जाल
हो चुका पत्थर।

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