मुस्कान शायरी, Muskan Shayari in Hindi

Muskan Shayari – यहाँ पर आपको कुछ बेहतरीन मुस्कान शायरी का संग्रह दिया गया हैं. इन सभी Muskan Shayari in Hindi को कई प्रसिद्ध और लोकप्रिय शायरों द्वारा लिखा गई हैं. जो आपको बेहद पसंद आएगी. आप इसे अपने Whatsapp और Facebook पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं.

शायरी अपनी भावनाओं को किसी के प्रति व्यक्त करने के लिए सबसे अच्छा माध्यम हैं. मुस्कराहट एक ऐसी चीज हैं. जो चेहरे से चली जाए तो चेहरे की रौनक बिल्कुल ही खत्म हो जाती हैं. आप अपने चाहने वालों को इन सभी चेहरे पर मुस्कान शायरी को भेजकर अपने मन की भावनाओं को प्रकट कर सकते हैं. और उनको एहसास दिला सकते हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Muskan Shayari in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी २ लाइन मुस्कान शायरी आपको जरुर पसंद आएगी. इसे अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेयर करें.

मुस्कान शायरी, Muskan Shayari in Hindi

Muskan Shayari in Hindi

(1) हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह
चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह
– मीना कुमारी नाज़

(2) मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर
मुस्कुराना न भूल जाया करो
– अब्दुल हमीद अदम

(3) ज़रा इक तबस्सुम की तकलीफ़ करना
कि गुलज़ार में फूल मुरझा रहे हैं
– अब्दुल हमीद अदम

(4) तुम हँसो तो दिन निकले चुप रहो तो रातें हैं
किस का ग़म कहाँ का ग़म सब फ़ुज़ूल बातें हैं
– अज्ञात

(5) यूँ मुस्कुराए जान सी कलियों में पड़ गई
यूँ लब-कुशा हुए कि गुलिस्ताँ बना दिया
– असग़र गोंडवी

(6) बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या
अपनी मुस्कान से महफ़िल को मुनव्वर कर दे
– सदा अम्बालवी

(7) ज़िंदगी बस मुस्कुरा के रह गई
क्यों हमें नाहक़ रिझा के रह गई
नामी नादरी

(8) हमारे घर से जाना मुस्कुरा कर फिर ये फ़रमाना
तुम्हें मेरी क़सम देखो मिरी रफ़्तार कैसी है

(9) दिलों को तेरे तबस्सुम की याद यूँ आई
कि जगमगा उठें जिस तरह मंदिरों में चराग़
फ़िराक़ गोरखपुरी

(10) मुस्कुराने की क्या ज़रूरत है
आप यूँ भी उदास लगते हैं
अक़ील नोमानी

२ लाइन मुस्कान शायरी

(11) ‘नज़ीर’ लोग तो चेहरे बदलते रहते हैं
तू इतना सादा न बन मुस्कुराहटें पहचान
नज़ीर तबस्सुम

(12) गुज़र रहा है इधर से तो मुस्कुराता जा
चराग़-ए-मज्लिस-ए-रुहानियाँ जलाता जा
जोश मलीहाबादी

(13) वो मुस्कुरा के कोई बात कर रहा था ‘शुमार’
और उस के लफ़्ज़ भी थे चाँदनी में बिखरे हुए
अख्तर शुमार

(14) जीने मरने का एक ही सामान
उस की मुस्कान हो गई होगी
हबीब कैफ़ी

(15) मुस्कुराने का यही अंदाज़ था
जब कली चटकी तो वो याद आ गया
अज्ञात

(16) इतना रोया हूँ ग़म-ए-दोस्त ज़रा सा हँस कर
मुस्कुराते हुए लम्हात से जी डरता है
हसन नईम

(17) वहाँ सलाम को आती है नंगे पाँव बहार
खिले थे फूल जहाँ तेरे मुस्कुराने से
अहमद मुश्ताक़

(18) जैसे पौ फट रही हो जंगल में
यूँ कोई मुस्कुराए जाता है
अहमद मुश्ताक़

(19) शामिल नहीं हैं जिस में तेरी मुस्कुराहटें
वो ज़िंदगी किसी भी जहन्नम से कम नहीं
अज्ञात

(20) महफ़िल में लोग चौंक पड़े मेरे नाम पर
तुम मुस्कुरा दिए मिरी क़ीमत यही तो है
सय्यद हाशिम रज़ा

चेहरे पर मुस्कान शायरी

(21) मिरे हबीब मिरी मुस्कुराहटों पे न जा
ख़ुदा-गवाह मुझे आज भी तिरा ग़म है
अहमद राही

(22) मुस्कुराना कभी न रास आया
हर हँसी एक वारदात बनी
कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर

(23) नहीं इताब-ए-ज़माना ख़िताब के क़ाबिल
तिरा जवाब यही है कि मुस्कुराए जा
हफ़ीज़ जालंधरी

(25) मेरे होंटों पे मुस्कुराहट है
गरचे सीने में दाग़ रखता हूँ
शब्बीर नाक़िद

(26) अब और इस के सिवा चाहते हो क्या ‘मुल्ला’
ये कम है उस ने तुम्हें मुस्कुरा के देख लिया
आनंद नारायण मुल्ला

(27) यूँ मुस्कुराए जान सी कलियों में पड़ गई
यूँ लब-कुशा हुए कि गुलिस्ताँ बना दिया
असग़र गोंडवी

(28) मुस्कुरा कर देख लेते हो मुझे
इस तरह क्या हक़ अदा हो जाएगा
अनवर शऊर

(29) और भी कितने तरीक़े हैं बयान-ए-ग़म के
मुस्कुराती हुई आँखों को तो पुर-नम न करो
अब्दुल अज़ीज़ फ़ितरत

(30) बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या
अपनी मुस्कान से महफ़िल को मुनव्वर कर दे
सदा अम्बालवी

मुस्कान शायरी

(31) दिल में तूफ़ान हो गया बरपा
तुम ने जब मुस्कुरा के देख लिया
अज्ञात

(32) एक ऐसा भी वक़्त होता है
मुस्कुराहट भी आह होती है
जिगर मुरादाबादी

(33) धूप निकली है बारिशों के ब’अद
वो अभी रो के मुस्कुराए हैं
अंजुम लुधियानवी

(34) तुम हँसो तो दिन निकले चुप रहो तो रातें हैं
किस का ग़म कहाँ का ग़म सब फ़ुज़ूल बातें हैं
अज्ञात

(35) तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
कैफ़ी आज़मी

(36) ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
मुझ को आदत है मुस्कुराने की
अब्दुल हमीद अदम

(37) हमारी मुस्कुराहट पर न जाना
दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है
आनिस मुईन

(38) चेहरे पर मुस्कान छिपा कर,
दिल की गमों को भुला कर,
आपनी हंसी से रोशन कर दो,
ज़िंदगी को ख़ूबसूरती से भर दो।

(39) कुछ लोग हद से ज्यादा मुस्कुराकर,
अपने गमों को छुपाकर,
जीने का हुनर रखते हैं!

(40) हंसने की इच्छा न हो तो भी हंसना पड़ता है,
जब कोई पूछे कैसे हो,
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है।

Muskan Shayari in Hindi

(41) ऐ ज़िन्दगी तू खेलती बहुत है खुशियो से,
हम भी इरादे के पक्के है मुस्कुराना नहीं छोड़ेंगे।

(42) उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में,
मगर बेवजह मुस्कुराने की,
मज़ा ही कुछ और है ज़िन्दगी में।

(43) चहरे पर ☺️ मुस्कान,
और दिल में खुशियाँ रखता हूँ,
गरीब हूँ साहब,
पर ज़िन्दगी हंस के जीता हूँ।

(44) वो मुझसे दूर रहकर,
अगर खुश है तो खुश रहने दो उसे,
वैसे भी उसकी चाहत से ज़्यादा,
मुस्कराहट पसंद है।

(45) तुम्हारे मुस्कान से ही,
शुरू हुई हमारी कहानी,
मुस्कुराते रहना यूँही,
यही आखरी तमन्ना है हमारी।

(46) जिंदगी ऐसे जियो कि कोई हंसे तो,
आपके वजह से हँसे आप पर नहीं,
और कोई रोये तो आपके लिए रोये,
आपकी वजह से नहीं।

(47) न दिल की चली न आँखों की,
हम तो दीवाने बस तेरी मुस्कान के हो गए।

(48) छोटे से दिल में अरमान कोई रखना,
दुनिया की भीड़ में पहचान कोई रखना,
अच्छे नहीं लगते जब रहते हो उदास,
इन होंठो पे सदा यही मुस्कान रखना।

(49) जनाब वजह यूँ तो कई है गम में डूब जाने की,
पर हमने एक वजह चुनी है उसमे मुस्कुराने की।

(50) तुम्हारी मुस्कान एक ऐसा वरदान है,
जो हर गम को भूला देती है,
रोते हुए व्यक्ति भी देख लें,
तो उसके चेहरे पर हंसी ला देती है।

(51) तुम्हें मुस्कुराते देख फूल खिल जाते हैं,
रूठे हुए दिल भी मिल जाते हैं,
कभी दूर हो जाओगे आप,
यहीं सोचकर हम भी डर जाते हैं।

(52) रेगिस्तान में बरसात ला दे, ऐसी है आपकी मुस्कान,
क्या करें, आप अभी भी है इस बात से अनजान।

(53) तेरी मुस्कान पर जन्नत भी कुर्बान है,
तुम मेरे साथ हो मुझे इसी बात का अभिमान है।

(54) मौसम बदल जाते हैं, तेरे मुस्कुराने पर,
प्यारा-सा एहसास होता है तेरे आने पर।

(55) पानी की शीतलता की तरह मुस्कान है तेरी,
देखकर इसे बूझ जाती है बेचैनी की प्यास मेरी।

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