छाता पर कविता, Poem On Umbrella in Hindi

Poem On Umbrella in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ छाता पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

छाता पर कविता, Poem On Umbrella in Hindi

Poem On Umbrella in Hindi

1. छाता पर कविता

कड़कती धूप से मैं बचाता
तेज़ बारिश में मैं काम आता
हरा गुलाबी लाल नीला काला
हर रंग में मैं हूँ मिल जाता
मुझको बंद करके छड़ी बना लो
खुल जाऊं तो काम लगा लो
इतना भी क्या सोच रहे हो
मैं हूँ तुम्हारा अपना छाता
– अनुष्का सूरी

2. Poem On Umbrella in Hindi

तेज धूप से यह लड़ जाता
वर्षा के आगे अड़ जाता
काम बड़ा यह मेरे आता
मेरा छाता मेरा छाता

बादल आँख अगर दिखाते
अम्मा इसे साथ कर देती
बूँदें पटक पटक सिर इस पर
आखिर समझौता कर लेती

नहीं चोट से यह घबराता
मेरा छाता मेरा छाता

करके बंद हाथ में ले लो
बेंत सरीखा बन जाता है
करो ईशारा तो पलभर में
पर फैलाता, तन जाता हैं

सेवा से यह जी न चुराता
मेरा छाता मेरा छाता

ऐसा अच्छा साथी पाकर
किसका मन न भला सुख पाए
इसीलिए इसका रंग काला
जिससे नजर नहीं लग जाए
खो न कहीं यह जाय, विधाता
मेरा छाता मेरा छाता

3. Hindi Poem on Umbrella

रंग बिरंगा मेरा छाता
तेज धूप से मुझे बचाता
जब गरजें घनघोर घटाएं
मैं इसके नीचे छिप जाता

रिमझिम रिमझिम बारिश का
संग इसके आनन्द उठाता
जब चलती है तेज हवाएं
यह मुझको बहुत सताता

उल्टा होकर यह नटखट
खूब दौड़ मुझसे लगवाता
जब दिखती बूढी अम्मा
नीचे अपने उन्हें बुलाता

वे देती आशीष मुझे
संग उनके मैं बतियाता
कहती, बेटा बड़े भले तुम
लम्बी उम्र करे विधाता

4. एक छाता

एक छाता सब कुछ नहीं कर सकता
बारिश झेल लेता है
मगर ओले नहीं
धूप से बचा लेता है
मगर हवा से नहीं
वो सब नहीं कर सकता
ओले गिरते है तब
फट जाता है
हवा चलती है जब उड़ जाता है
वो अकेला सब नहीं कर सकता
हाँ अगर कोई पकड़ के चले
तो जरुर लड़ाई लड़ लेता है
आड़े तिरछे होकर बचा लेता है
हवा के रुख के साथ भी
वो उस हाथ के साथ रहता है
मगर अकेला छाता
सब नहीं कर सकता
वो अकेला सब नहीं कर सकता
– Mayur Nikte

5. Short Poem On Umbrella In Hindi Language

धूप से भी बचाता
बारिश से भी बचाता
बिना परेशान किये अपना काम
चुपचाप है करता वह है छाता
देता संदेश हमें
सुख हो या दुःख सहन
करो एक समान
सुख में ना इतराओ दुःख में न रोवो
रहो चिंताओं से मुक्त
रखो अपने स्वास्थ्य का ख्याल
– पुष्पा

6. ले जाओ तुम अपना वो छाता

ले जाओ तुम अपना वो छाता
जो बारिश की कुछ बुँदे आ जाने पर दिया

ले जाओ तुम वो अपनी मीठी यादे
जो दूर हो जाने पर आँखों को नम किया

हम अकेले भले थे इस तन्हाई से भले थे
क्यूँ रातों की नीदों को कम किया

तेरी चाहत में अब हम खुद को अकेला पाते है
क्यों मुझे तुमने अपने इतने करीब किया

अब भूलना आसान नहीं हो रहा
क्यों मुझे तुमने इतना प्यार किया

ले जाओ तुम अपना वो छाता
जो बारिशो की कुछ बूंदे आ जाने पर दिया

ले जाओ तुम वो अपनी मीठी यादें
जो दूर हो जाने पर आँखों को नम किया

7. मैं छाता हूँ

मैं छाता हूँ
तेरे बहुत काम आता हूँ
गर्मियों में खुद धूप से
काला हो जाता हूँ
मगर तुझे छाँव देता हूँ
बारिश में खुद गीला हो जाता हूँ
मगर तुझे भीगने से बचाता हूँ

हाँ मैं मामूली सा छाता हूँ
मगर तेरे बहुत काम आता हूँ
हाँ मैं छाता हूँ
कुछ पल ही सही
मगर रोज कुछ देर
मैं तेरा छत बन जाता हूँ
– अभी

8. धूप बरसात से बचाता है

धूप बरसात से बचाता है
वर्षा के बूंदों को थामकर
खूब चोर मचाता है
भीगने का भी कोई डर नहीं रहता
सिर के ऊपर एक आशियाना बनाता है
घर के अंदर बंद हो जाता हैं
घर के बाहर खुल जाता है
बरसात धुप से हमें बचाने वाला
रंग बिरंगा साथी छाता कहलाता है
– प्रकाश कुमार यादव

9. ले कर जाता मैं छाता पर भीग के आता

ले कर जाता मैं छाता पर भीग के आता
बारिश से था ऐसा प्यारा नाता
छीकते छीकते मैं बडो से डांट भी खाता
छूटता नहीं पर बारिश से ये मेरा नाता
छोटा सा था वो मेरा इम्पोर्टेंट छाता
या तुम आती उसके नीचे या मैं आता
तुम भी भीगती मैं भी भीगता भीगता छाता
हमें देखकर मुस्कराता जाता
वो बारिश भी याद है मुझको और वो छाता
क्या तुम्हे भी वक्त वो प्यारा याद आता?
– Anuup Kamal Agrawal

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