सड़क सुरक्षा पर कविता, Poem On Road Safety in Hindi

Poem On Road Safety in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ सड़क सुरक्षा पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. जो आज के समय के लिए बहुत ही आवश्यक हैं. क्योंकि यह सभी कविताएँ आपको एक संदेश देती हैं. की सड़क पर आप जब गाड़ी चलाते हैं. तो आप उसे सुरक्षित तरीके से चलाएं. जिससे दुर्घटना होने की संभवना कम हो.

आज के समय में सड़कों पर गाड़ियों की संख्या दिन प्रति दिन बढती जा रही हैं. जिससे सड़क वाहन दुर्घटना में भी काफी बढ़ोतरी हो रही हैं. लोग जल्दी पहुचने और लापरवाही से गाड़ी चलाने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. इसलिए सरकार ने सड़क पर गाड़ी चलाने के लिए कुछ नियम कानून बनाएँ हैं. आपको उनको पालन करके ही सड़क पर गाड़ी चलानी चाहिए. जैसे – आप दोपहिया वाहन चला रहें हैं. तो आपको हेमलेट जरुर लगनी चाहिए. यदि चार पहिया वाहन चला रहें हैं तो आपको सिट बेल्ट आवश्य लगानी चाहिए. गाड़ी की स्पीड हमेशा नियंत्रण रखनी चाहिए. सरकार द्वारा यातायात के जो भी नियम हैं उसे पालन करनी चाहिए.

अब आइए कुछ नीचे Poem On Road Safety in Hindi में दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी सड़क सुरक्षा पर कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

सड़क सुरक्षा पर कविता, Poem On Road Safety in Hindi

Poem On Road Safety in Hindi

1. Poem On Road Safety in Hindi – सड़क सुरक्षा का तुम रखो ध्यान

सड़क सुरक्षा का तुम रखो ध्यान
दुर्घटना में ना जाए किसी की जान।

वाहनों को अपने धीमे चलाओ
अपनी कीमती जान बचाओ।

हेलमेट सिट बेल्ट है जरूरी
ये रखती है मौत से दूरी।

वाहनों को तुम जब भी चलाओ
एक सुरक्षित दुरी बनाओ।

सुरक्षा नियमों का करना सम्मान
ना खोए हम अपनी जान।

अगर तुम्हे सुरक्षित है रहना
सुरक्षा नियमों का पालन करना।

जो सड़क नियमों को तोड़ेगा
वो मौत का कफ़न ओढ़ेगा।

घर पर कोई आपका कर रहा है इंतजार
सड़क सुरक्षा का तुम रखो ध्यान।

2. सड़क सुरक्षा पर कविता – सड़क नियमों का पालन है करना

सड़क नियमों का पालन है करना
जीवन को अपने सुरक्षित है बनाना।

लाल बत्ती पर हमें है रुखना
वाहनों की गति को काबू में रखना।

जब सिगनल हरा हो जाए
तब वाहनों को धीरे से आगे बड़ाए।

दो पहिया वाहन जब हम चलाए
हेलमेट को अपने सिर पर लगाए।

बड़े वाहनों को जब तुम चलाओ
सीट बेल्ट को जरूर लगाओ।

जब हम को किसी मोड़ पर है मुड़ना
इंडिकेटर को जरुर जलाना।

पीछे वाला सतर्क हो जायेगा
दुर्घटना का खतरा टल जायेगा।

ओवरटेक हमें जब भी है करना
सूझ बूझ से अपने वाहन को चलाना।

शराब पीकर गाड़ी को ना चलाना
यमराज को अपने पास ना बुलाना।

वाहन चलाते मोबाइल का उपयोग ना करना
जीवन को अपने सुरक्षित है बनाना।

3. Road Safety Poem in Hindi – सड़क सुरक्षा अपनी सुरक्षा

सड़क सुरक्षा अपनी सुरक्षा
इसी बात को ध्यान में रखना।

सड़क नियमों का पालन कर के
अपनी जिंदगी को सलामत रखना।

जब भी चलाए हम कोई वाहन
गति को थोड़ा नियंत्रित रखना

जब भी दिखे गांव या स्कूल
वाहनों को थोडा धिरे चलाना।

कोई तुम्हें कुछ भी बोले
अपने गाड़ी की रफ्तार ना बड़ाना।

दुर्घटना का ना होना शिकार
तुम अपनी जान ना गवाना।

गाड़ी तुम जब भी चलाओ
हेलमेट या सीट बेल्ट को ज़रूर लगाना।

गाड़ी चलाते वक्त एक बात का रखो ध्यान
वापस लौटा कर हमें घर है जाना।

कोई घर पर कर रहा है इंतजार
जहा होता है परिवार अपना।

सड़क सुरक्षा अपनी सुरक्षा
इसी बात को ध्यान में रखना।

4. Hindi Poem On Road Safety – आज खुद से कर लो एक वादा

आज खुद से कर लो एक वादा
सड़क सुरक्षा पर ध्यान रखना है ज्यादा।

जब भी हम मोटरसाइकिल चलाए
हेलमेट को ज़रूर अपनाए।

अगर हो आप के पास चार पैया वाहन
सीट बेल्ट का अवश्य रखो ध्यान।

जब भी हम को लाला बत्ती दिख जाए
क्रॉसिंग लाइन के पीछे रुक जाए।

लाल सिंगल जब हरा हो जाए
वाहनों को तेज़ गति से ना दौड़ाए।

वाहनों को गलत दिशा में ना चलाना
दुर्घटना का तुम शिकार ना होना।

जेब्रा क्रॉसिंग से वाहन धीरे चलाना
पैदल लोगों का ध्यान तुम रखना।

हॉर्न का कर के सद उपयोग
गाड़ियों को आपस में टकराने से रोक।

घुमावदार मोड़ का फलक जब दिख जाए
गति को धीमी कर वाहन चलाए।

सुरक्षित आप तो खुशाल हो जीवन
सड़क सुरक्षा का सदा करो तुम पालन।

5. Short Poem On Road Safety In Hindi Language

रफ्तार से अगर करोगे प्यार
दुर्घटाना के तुम हो जाओगे शिकार।

हमेशा सुरक्षा का रखो तुम ध्यान
गाड़ी की तुम कम रखो रफ्तार।

घर पर कोई इंतजार कर रहा है
आप जिंदा हो तो घर चल रहा है।

अगर दुर्घटना हो जायेगी
शरीर से जान निकल जायेगी।

आपके बाद परिवार का कोन रखेगा ध्यान
जब दुर्घटना में चली जायेगी जान।

कही पहुंचने में भले देर हो जाए
कम रफ्तार में वाहन चलाए।

तेज़ी से चलने में ना मिलता कोई पुरस्कार
तेज़ गति में जिंदगी जाओगे हार।

रफ्तार से अगर करोगे प्यार
दुर्घटाना के तुम हो जाओगे शिकार।

6. बांधे ग़़र तूने रखी सड़क़़ नियम सें डोर

बांधे ग़़र तूने रखी सड़क़़ नियम सें डोर
तेरेंं जीवन सें क़भी भागेगी न भोर

नियम सेंं गाडी चला, भाईं! नियम न तोड
सड़क रक्षा अभियान सें कुछ तो नाता जोड

स्कूटर मे बैठक़र कहां जा रहा यार
हेलमेंट तो पहन लें, ओ! मेरे भ़रतार

क़ार जरा धीरे चला, देख़ सामने देख़
घटना ग़र जो घट ग़यी क़ल न पायेगा देख़

छोटीछोटी ब़ात पर आपस मे मतभेद
यहींं बाते तो क़र रही इस समाज़ मे छेद

सपनो के आक़ाश मे कुछ तो छिडको रंग़़
फागुन नाचेंगा तभी, तभी ब़जेगा चंग़

अन्तस कें आंगन हंसे जब़ जब तेरी प्रीत
ये मनवा तब़ तब रचे दोहे, मुक्तक़, गीत
– जगदीश तिवारी

7. पगडंडी को देख एक दिन

पगडंडी को देख एक दिन
सड़क लगी थी हँसने
सोचे और बिचारे बिन ही
लगी इस तरह कहने

मैं हूँ कितनी सुंदर सरपट
चिकनी लम्बी चौड़ी
मुझसे तुलना की जाए तो
मैं सिक्का तुम कौड़ी

सारे वाहन दौड़ लगाते
हल्के हो या भारी
रात और दिन आवाजाही
करते बारी बारी

सुतली सी दुबली पतली पर
चले पाँव की गाड़ी
टेढ़ी मेढ़ी संकरी भी हो
कहीं न दिखती आड़ी

पगडंडी बोली तुम बातें
करो न ऐसी घटिया
जन्म लिया है तुमने मुझसे
तुम हो मेरी बिटिया

8. यातायात कें नियम बुलाना नही

यातायात कें नियम बुलाना नही
दुर्घंटना मे ज़ान ग़वाना नही
बोर्डं देखो सकेतों के इशारें चलो
हरदम बायं सड़क के किनारे चलों
बिना देखें सड़क़ पार ज़ाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वा ना नही।

यह मोबाइल ब़ड़े काम कीं चीज़ हैं
बात क़रने मे आराम की चीज़ हैं
पर मोटर पर मोबाइल पर ब़ात क़रना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।

ओवर टेकिग़ ब़हुत ही खतरनाक़ हैं
पल मे जीवन को क़र देती खाक़ हैं
सब्र रखों क़भी जल्दियाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।

जो रहना हैं सुरक्षित तो धीरें चलो
जोश मे होश ख़ोकर ना चलो
रफ्तार मे वाहन उडाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।

शराब़ पीने से तन मन ब़हक ज़ाता हैं
हाथ हैडल से निश्चित हो सरक़ जाता हैं
नशें हालत गाडी चलाना नही
दुर्घटना मे जान ग़वाना नही।

अंग़ अंग़ चोट लग़ जाएं ब़च जाती जान
चोट सिर की होती हैं खतरे की ख़ान
हेलमेंट को लग़ाना भूलाना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।

पाय मानव क़ा जीवन ब़ड़े भाग्य से
मत झोको इसें मौत के आग़ मे
“प्रेम” मानुष ज़न्म फिर के आना नही
दुर्घटना मे ज़ान ग़वाना नही।
– प्रेमचंद्र

9. सड़क सुरक्षा मानिएं

सड़क सुरक्षा मानिएं
इसक़ा कुछ़ रखिएं ज्ञान
तेज़ गति से ना चलें
सीमा क़ा रखिएं ध्यान

जरू़री काग़ज रखिएं
लाल नें न करिएं पार
हरी सें आगे बढिएं
कहत क़वि कविराय।

जीवन ब़हुत जरूरीं
चलें सुरक्षित आप
रखे ना इससें दूरी।

10. ज़ब मै निकलती हू सड़क़ पर

ज़ब मै निकलती हू सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
हर तरफ युद्ध क़ा नज़ारा होता हैं,
हर कोईं इस युद्ध मे शामिल होता हैं,
ये देख़ मेरी दिल क़ी धडक़ने ब़ढ़ने लग़ती हैं,
ज़ब हर कोईं सड़क़ पर जंग़ लड रहा होता हैं |

ज़ब मै निक़लती हूं सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
वो मिसाइल क़ी रफ़्तार से आग़े निक़लता हैं,
और क़िसी ना किसी की ज़ान लेक़र ही दम लेता हैं,
कोईं और उसक़ा निशाना न भी ब़ने तो
क़भी ना क़भी खुद ही फट जाता हैं।

सुना हो जाता हैं आंगन किसी क़ा
किसी की जिन्दगी ब़दरंग हो जाती हैं,
क्यो भाग़ते है इतना तेज़ हम,
किसी की खुशीं मे मातम हो ज़ाता हैं
रूक़ भी जाया क़रो किसी को तुम्हारा इन्तजार हैं,

कुछ देर से पहुचोगे मग़र पहुंचोगें तो सही,
क़ुछ पल की देरी दिल ब़र्दास्त भी क़र लेगा,
न पहुचोगे तुम तो,
किसीं का जीवन ख़राब क़र देगा
ज़ब मै निक़लती हूं सड़क़ पर,
ऐसा लग़ता है मै हूं सरहद पर।

मत समझो बोझ हेलमेंट को तुम,
के किसी के दिल पर, किसी क़ी ममता पर,
क़िसी के ब़चपन पर, किसी के प्यार पर,
जिन्दगी क़ा बोझ ब़ढ़ जाए |
ज़ब मै निक़लती हूं सड़क पर,
ऐसा लग़ता हैं मै हूं सरहद पर |
– अंजली

11. सुरक्षा से समझौंता हैं खिलवाड जीवन सें

सुरक्षा से समझौंता हैं खिलवाड जीवन सें,
यह समझौंता देर सब़ेर पडता जरूर भारीं।
क़ितना भी जरू़री क़ाम हों, या ज़ल्दबाजी,
एक़ असुरक्षा सें चली ज़ाती जान प्यारीं।
ज़ब तक सुरक्षा साथ हैं, जीत हीं जीत हैं,
हमे निभानीं चाहिएं सदा सुरक्षा सें यारीं।
सुरक्षा सें समझौतां…
कई़ लोग़ आदतन मज़बूर नियम तोड़तें,
हेलमेंट नही पहनक़र, अपना सर फोडतें।
लाल सन्केत देखतें है, लेकिन नही रुक़ते,
ट्रैफिक़ पुलिस पक़ड़ती, तो हाथ जोडतें।
मन अनुभव नही क़रता, अपनी ग़लती,
असुरक्षा क़ा साथ हैं, सब़से बड़ी बिमारीं।
सुरक्षा सें समझौता…
सुरक्षा हैं तो ज़ान हैं, ज़ान हैं तो जहान हैं,
असुरक्षा की दुनियां मे हर कोई़ परेशान हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह स्पष्टं सन्देश दे रहा,
अपनें क़र्म क़रो, हमारा देश क़र्म प्रधान हैं।
सुरक्षा कें नियम हमारा मार्ग़दर्शन क़रते हैंं,
होशियार रहे और दिखाए अपनी होशियारीं।
सुरक्षा सें समझौता…
– सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह

12. जन-जन की हैं यहीं पुक़ार

जन-जन की हैं यहीं पुक़ार,
कोईं न हो सड़क दुर्घटना क़ा शिकार।

सड़क पर डरक़र मत चलों।
नियमो का तुम पालन क़रो।

शराब़ पीकर ग़ाड़ी मत चलाना।
सुरक्षित अपनें घर क़ो ज़ाना।।

तेज़ ग़ति का शौंक न पालो।
सड़क पर अपना जीवन ब़चालो।।
– पूनम द्विवेदी

13. सड़क़ पर सावधान होक़र चलेगें

सड़क़ पर सावधान होक़र चलेगें
ग़ति सीमा क़ा हम ध्यान रखेगे
दुपहियां वाहन तभी ज़ब हेलमेट लग़ाएगें
सड़क सकेतों क़ा पालन क़रेगे।

ओवर-लोड वाहन ऩही चलाएगें
ओवर-टेक सम्भलक़र क़रेगें
अन्य वाहनो सें निश्चित दूरी ब़नाकर चलेगे
तभी तो हम दुर्घटना सें ब़चेंगे।

लाल पर रुकेगे, हरें पर चलेगें
पीलें पर सूझ-बूझ सें धीरेधीरें चलेगें
चौपाये वाहन मेंं सीट-बेल्ट लगाक़र चलेगें
अब़ हम दुर्घंटना को क़म करेगें।

शराब, सिग़रेट, दारू़ से ध्यान भंग़़ होगा
दुर्घटना और यमराज संग़ होगा
सड़क नियमों क़ा ज़ब पालन नही होगा
अपना और अपनो क़ा जीवन ख़तरें मे होगा।

मोबाइल पर ब़ात वाहन रोक़कर क़रेगें
बिना इन्डिकेटर दिए नही मुड़ेगें
पहले पैदल यात्रियो क़ा सड़क पार क़रने देगे
सड़क नियमों क़ा पालन क़रकें दुर्घटनाओ को क़म करेगें।
– नरेंद्र वर्मा

14. घर से बाहर पाँव रखते ही

घर से बाहर पाँव रखते ही
मिल जाती है सड़क

घर से पढ़ने और खेलने
प्रगति का मार्ग लेने को
उकसाती है सड़क

हर रोज निरत चलते जाने को
भूले भटके राहगीर को
मार्ग दिखाती है सडक

कभी न थकने सदा चलने और
कठिन मार्ग पर बढ़ने की शिक्षा
हरदम देती है सड़क

विशाल पहाड़ और कठिन राह पर
कार बस या ट्रक लेकर
आती जाती है सड़क

नई तकनीक और उपकरणों को
धरती पर फैले हर नक्शे तक
पहुंचाती है सड़क

मिलने जुलने और आने जाने में
भाईचारे की मिसाल बनी यह
चौड़ी संकरी सड़क
” वंदना यादव”

15. मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क

मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
मुझ पर मोटर गाड़ी चलती
चलते हैं ट्रक भड़क भड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
मुन्नू भागे सरपट सरपट
मुन्नी चलती मटक मटक
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दादा चलते लाठी लेकर
लाठी बोले खडक खडक
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
गड्डे करते भारी वाहन
दिल करता तब धड़क धड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दुर्घटना से बचना हो तो
गड्डे भरवाओ तुरंत तुरंत
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
दोनों किनारे पेड़ लगाओ
छाया पाओ सुखद सुखद
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
कचरेदान में कचरा फेंको
स्वच्छ रखो तुम सड़क सड़क
मैं सड़क, सड़क हूँ सड़क सड़क
“सुधा गुप्ता अमृता”

16. पापा जीवन आपका सबसे मूल्यवान है

पापा जीवन आपका सबसे मूल्यवान है,
हेलमेट अपनाएँ इससे सुरक्षित जान हैं

यातायात नियमों का हरदम पालन करना
चलती गाड़ी पर हेलमेट लगाए रखना

हेलमेट को जो अपना मित्र बनाता है
यह दुर्घटना से सदा उसे बचाता है

हेलमेट को सिर पर अपने लगाकर चलना
इसके बिना गाड़ी चलाने की हिम्मत न करना
“प्रीति प्रवीण खरे”

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1 thought on “सड़क सुरक्षा पर कविता, Poem On Road Safety in Hindi”

  1. All the poems were awesome. I selected for my class kids. Thank you so much for the lovely poems.keep writing

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