17+ चंदा मामा पर कविताएँ, Chanda Mama Poem In Hindi

Chanda Mama Poem In Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन चंदा मामा पर कविताएँ का संग्रह दिया गया हैं. इस Poem on Chanda Mama in Hindi को हमारे लोकप्रिय कवियों दुवारा लिखा गया हैं. यह कविता छात्रों के लिए भी सहायक होगी. क्योकि स्कूलों में भी Hindi Poem On Chanda Mama लिखने को कहा जाता हैं.

चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह हैं. इसके रोज आकर बदलते रहते हैं. कभी छोटा तो कभी आधा गोल तो कभी पूरा गोल बन जाता हैं. बचपन में तो सभी ने चंदामामा की कविताएँ और गीत गुनगुनाएं होंगे. चंदामामा को सभी बच्चों का मामा कहा जाता हैं.

अब आइए कुछ नीचे Chanda Mama Poem In Hindi में दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी चंदा मामा पर कविताएँ आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

चंदा मामा पर कविताएँ, Chanda Mama Poem In Hindi

Chanda Mama Poem In Hindi

1. Chanda Mama Poem In Hindi – चंदा मामा नभ से उतरो

चंदा मामा नभ से उतरो
पास हमारे आओ
इतने गोरे कैसे हो तुम
हमको भी बतलाओ

उस साबुन का नाम बताओ
जिससे तुम नहाते हो
क्रीम कौनसी वह है जिसको
नित ही आप लगाते

खूब नहाता क्रीम लगाता
तुम सा ना हो पाता
तुम्हें देखकर ही मम्मी के
झांसे में आ जाता

जाड़े में भी प्रतिदिन मम्मी
हमें रगड़ नहलाती
जब भी मैं रोने लगता हूँ
यह कहकर समझाती

मत रो मेरे मुन्ने राजा
तू दम दम दमकेगा
रोज नहाएगा तो तू भी
चंदा सा चमकेगा

2. चंदा मामा पर कविताएँ – चंदा मामा चंदा मामा

चंदा मामा चंदा मामा
मटक मटक कर घूम रहे
क्यूँ न पहनों तुम पाजामा

शरमा कर तब बोले मामा
हर दिन नाप बदलता जाए
पाजामा कैसे पूरा आए

3. Poem on Chanda Mama in Hindi – चंदा मामा धरती पर

चंदा मामा धरती पर
बस्ती नई बसाने
किसे किसे चलना है बोलो
मिलकर मौज मनाने

शेर सिंह का सुन सवाल
भालू जी पहले आए
बोले मन करता जाकर
चंदा पर नांच दिखाएं

फिर लोमड़ी उछलकर बोली
ठहरों हम चलते हैं
पर क्या अंगूरों के गुच्छे
वहां खूब फलते हैं

बोला हाथी हमें चाँद पर
जाना है तो माता
देखें हमें कौनसा राकेट
ऊपर ले जा पाता

घोड़ा बोला हम चेतक के
वंशज है जाएगे
एक नया इतिहास वीरता
का हम गढ़ आएँगे

सबने तय पाया चंदा पर
बस्ती नई बसाएं
बड़े मजे से वहां पहुंचकर
मंगल खूब मनाएं

4. Hindi Poem On Chanda Mama – रात का ज़ब है घऩघोर सा़या

रात का ज़ब है घऩघोर सा़या
तब़ आका़श़ में चाँद जग़मगा़या
टि़मटिमा़ते ता़रों के आँग़़न में

गो़ल च़कोर मऩ को भा़या
चाँद की़ शीत़ल़ चांदनी़ ने
द़बी आ़काँक्षा़ओं को जगा़या

चाँद़ क़हता है़ सबसे़ रोज़
इंसा़न तू़ हा़र से क्यों घ़ब़राया
दे़ख मु़झे मे़रे दाग़़ देख

मुझ़ पर बहु़तों ने आरो़प लगा़या
मैं निड़र सफ़े़द चा़द़र ओ़ढ़
आज फि़र दोबारा यहीं आ़या

5. नील ग़ग़न के चंदा़ मामा़

नील ग़ग़न के चंदा़ मामा़,
क्यों करते हो़ तु़म हंगा़मा.

दूर हमे़शा रह़़ने वाले,
ऊँची़ पेंगे भ़रने वाले.

पास़ हमा़रे आ जा़ओ तु़म,
हमसे़ आँख चु़राओ न तुम़.

रो़ज-रोज़़ मैं तुम्हे़ बुला़ता,
याद ते़री ले़कर सो़ जाता.

बा़त हमा़री क़़भी न मा़नी़,
करते़ रहे़ अप़नी मऩमानी.

माऩव तु़म तक पहुँच ग़़या है़,
राज़ तु़म्हारा स़मझ ग़या है़.

खो़ज लिया है़ तुम़ पर पानी़,
बतला़ती है़ मे़री नानी़.

मैं भी़ एक दि़न आऊंगा,
तुम़से हा़थ मिला़ऊंगा.

6. Short Poem On Chanda Mama In Hindi Language

आस़मान में चंदा़ मामा़,
ह़ऱदम हंस़ते रहते हो,
क्या़ नाना़ के ड़र से माँ,

लु़कते-छि़पते रहते हो,
क्यों होते हो बड़े छो़टे,
क्यों कभी दिखाई ना़ देते,
है़ इस़़का क्या़ राज बता़ओ,
ज्ञाऩ अदभु़त हम़को करवाओ।

7. चंदा मामा, आ जाना, साथ मुझे कल ले जाना

चंदा मामा, आ जाना, साथ मुझे कल ले जाना
कल से मेरी छुट्टी है ना आये तो कुट्टी है।

चंदा मामा खाते लड्डू, आसमान की थाली में
लेकिन वे पीते हैं पानी, आकर मेरी प्याली में।

चंदा देता हमें चाँदनी, सूरज देता धूप
मेरी अम्मा मुझे पिलातीं, बना टमाटर सूप।

थपकी दे-दे कर जब अम्मा, मुझे सुलाती रात में
सो जाता चंदा मामा से, करता-करता बात मैं।

8. नील़ ग़ग़न के चंदा़ मामा

नील़ ग़ग़न के चंदा़ मामा,
क्यों करते हो तु़म हंगामा.

दूर हमेशा़ रह़ने वाले,
ऊँची़ पेंगे भ़़रने वाले.

पास हमा़रे आ जा़ओ तु़म,
हमसे़ आँख चु़राओ न तु़म.

रोज़-रोज़ मैं तु़म्हे बुला़ता,
या़द तेरी ले़कर सो जाता.

बात हमा़री क़भी न मा़नी,
करते ऱहे अपनी मनमा़नी.

मा़नव तुम़ तक पहुँच़ गया है,
राज़़ तुम्हारा स़मझ गया है़.

खोज़ लिया है़ तुम पर पा़नी,
बतला़ती है़ मेरी ना़नी.

मैं भी़ ए़क दिन आ़ऊंगा,
तुमसे़ हा़थ मिला़ऊंगा.

9. चंदा मा़मा दूऱ के, पुए पका़ए बूर के

चंदा मा़मा दूऱ के, पुए पका़ए बूर के
चंदा मामा दूऱ के, पुए पका़ए बूर के

आप खा़ए थाली़ मे, मुन्ने़ को दे प्याली़ मे
आप़ खाए थाली़ मे, मुन्ने को दे प्याली़ मे
चंदा मामा दू़र के, पुए पकाए़ बूर के
प्याली़ ग़यी टू़ट, मुन्ना गया रूठ

प्याली ग़यी टूट़, मुन्ना ग़या रूठ
लाएँगे ऩयी प्यालि़या, बजा-बजा़ के तालि़या
लाएँगे ऩयी प्यालि़या, बजा़-बजा़ के तालि़या
मुन्ने को मना़एँगे हम दूध मला़ई खा़एँगे
चंदा़ मामा दूऱ के, पुए़ पकाए़ बूर के

आप खाए थाली़ मे, मुन्ने़ को दे़ प्याली़ मे
चंदा मामा दूर के, पुए पकाए बूर के
उड़नखटोले बै़ठ के मुन्ना चंदा के घ़र जाएगा

उड़नखटोले बैठ़ के मुन्ना़ चंदा के घर जाए़गा
ता़रो के संग़़ आँख मिचौ़ली खेल़ के दिल बह़ला़एगा
खेल़ कूद से जब़ मेरे मुन्ने का दिल़ भर जाएगा
ठुमक-ठु़मक मे़रा मुन्ना वाप़स घ़र को आएगा
चंदा़ मामा दूऱ के, पुए पकाए़ बूर के

हो़ चंदा मा़मा दूर के, पुए पका़ए बू़र के
आप खाए थाली़ मे, मुन्ने को दे़ प्याली़ मे
आप़ खाए थाली़ मे, मुन्ने को दे प्याली़ मे

10. आयी है़ दे़खो अ़म्बर पर

आयी है़ दे़खो अ़म्बर पर,
चंदा की बारात।
ता़रें आये है़ बाराती बऩकर,
देने स़पनों की सौगा़त।

रौश़न है नग़री अम्बऱ़ की,
झिल़मिल क़रते तारों से।
चाँद की दुल्हऩ बनी चंदनिया,
लग़ती है हजा़रों में।

हो़ठों पर लिए मुस्कान,
कु़छ श़रमाई सी, कुछ़ इत़राई है।
ता़रों की जयमाला़ है हाथों में,
कर रहे स़ब मंगलगान।

आज इ़स शुभ़-मु़हर्त का,
साक्षी़ है पू़रा अम्ब़र।
करने स्वाग़त नव जोड़े का,
छा़या ऩभ में अम्बुद का स्व़र।

11. चंदामामा दूर के

चंदामामा दूर के
रोज रात में आ जाते है,
पता नहीं है, हमें
ये दिन में कहा जाता है,

कभी आधे कभी गोल
कभी टेड़े कभी मेढे
तुम तो बहुत चतुर हो,
इतने रूप आप कहा से लाते हो

कभी यहाँ और कभी वहा
कभी दूर चले जाते हो
कभी बदलो में तो कभी अंधारो में खो जाते हो

रात को वापस आते हो,
दिन को कहा तुम जाते हो
क्यू नहीं बतलाते हो,

आसमा की दुनिया का दिनभर सैर करने जाते हो
हवा की झौको से मन मस्तक हो जाते हो

तुम अपना दिल बहलाते हो.
रात को तुम आते हो
दिन को कहा खो जाते हो

12. चंदा मामा आओ ना

चंदा मामा आओ ना
दूध पताशा खिलाओ ना
मुझे मीठी लोरी सुनाओ ना
हलवा पूरी खाओ ना
बिस्तर पर सो जाओ ना

ले जाकर मुझे़ बाद़लों में,
मे़रा मन बह़लाओ ना।
अपने गो़दी के पल़ने में मुझ़को,
झूला़ तुम झु़लाओं ना।

आ़समाँ की दुनिया में,
मुझको तु़म सै़र कराओ ना।
म़स्त पवऩ के झोंको से,
मेरा सि़र सहला़ओं ना।

मे़रे सपने को स़च करने,
चंदा़ मामा आ़ओ ना।
गा़कर लो़री मी़ठी-मीठी,
मुझ़को तुम सुला़ओं ना़।

13. हमारे चंदामामा गोल मटोल

हमारे चंदामामा गोल मटोल
जब ये जाते हो जाता शोर
कुछ तो बोल कुछ तो बोल

कल आधे आज क्यों गोल
खुद ही खोल दो अपनी पोल
क्यों कभी आधे और कभी होते हो गोल
रात में आते हो तुम संग में सितारे लाते हो

मगर दिन छिप क्यू जाते हो,
किससे तुम घबराते हो,
क्यू तुम छुप जाते हो कुछ तो बोलो

14. माँ मुझको कुछ रूपये दे दो

माँ मुझको कुछ रूपये दे दो
आरक्षण करवाना,
धरती पर बढ़ गया प्रदूषण
चंदा पर है जाना

शुद्ध हवा होगी चंदा पर
स्वच्छ मिलेगा पानी
चमकीले तारों के मुख से
सुन्नी नई कहानी

काफी शोर यहाँ सड़कों पर
मुश्किल है जी पाना
रूप बदलने का चंदा से
भेद समझ पाऊंगा
मोबाइल पर बात करूंगा
मैं तुमसे रोजाना

उत्सुकता ने जाल बिछाए
मना नहीं तुम करना
चूर चूर होंगे सब सपने
मुश्किल होगी वरना
फास्ट फूड के जैसा बदला
कितना आज जमाना

15. चंदा भैया सम्भल के सोना

चंदा भैया सम्भल के सोना
तुम बादल के बिस्तर पर
कहीं नींद में लुढ़क न जाना
तुम धड़ाम से धरती पर
दिनभर घर से गायब रहकर
तारों के संग खेले हो
थककर चूर हुए घर लौटे
नहीं सांझ से पहले हो
ओढ़ रजाई बदली की तुम
सोए सुध बुध खोकर अब
सू सू मत कर देना भैया
रहता मैं हूँ धरती पर

16. चंदा मामा दूर गगन से

चंदा मामा दूर गगन से,
मेरे घर भी आओ ना।
गाकर लोरी मीठी-मीठी,
मुझको तुम सुलाओं ना।

ले जाकर मुझे बादलों में,
मेरा मन बहलाओ ना।
अपने गोदी के पलने में मुझको,
झूला तुम झुलाओं ना।

आसमाँ की दुनिया में,
मुझको तुम सैर कराओ ना।
मस्त पवन के झोंको से,
मेरा सिर सहलाओं ना।

मेरे सपने को सच करने,
चंदा मामा आओ ना।
गाकर लोरी मीठी-मीठी,
मुझको तुम सुलाओं ना।

Written by- Nidhi Agarwal

17. हेलो हेलो चंदा मामा

हेलो हेलो चंदा मामा,
कैसा है ऊपर सब कुछ ये तो बताना।

भूखे हो तो भी बताना,
खाना खाया क्या वो भी बताना।

आज के मौसम का हाल बताना,
रात को मिलने जल्दी आना चंदा मामा।

हमसे बातें करो न चंदा मामा,
नहीं तो हमे आता है आपसे रूठ जाना।

हमारी बातें बादलों को भी बताना,
थोड़ी देर चंदा मामा को न छुपाना।

थोड़ा सा हँस दिया करो तुम,
हम पर खुशियों की बौछार करो तुम।

अँधेरे में खूब चमको तुम,
उजाला जीवन में हमारे भरो तुम।

रात को हमें रोज मिलो तुम,
बहुत सारी बातें हमसे करो तुम।

कल आओगे न मिलने जरा ये तो बताना,
मुझे आज जल्दी है सोने जाना।

हेलो हेलो चंदा मामा,
कैसा है ऊपर सब कुछ ये तो बताना।

यह भी पढ़ें:–

मकर संक्रांति पर कविता
नानी पर कविता
पेड़ पर कविता
भाई पर कविता

आपको यह Chanda Mama Poem In Hindi में कैसी लगी अपने Comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा। इसे अपने Facebook दोस्तों के साथ Share जरुर करे.

Leave a Comment