कूलर पर कविता, Poem on Cooler in Hindi

Poem on Cooler in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ कूलर पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

कूलर पर कविता, Poem on Cooler in Hindi

Poem on Cooler in Hindi

1. कूलर पर कविता

कुक्कू बोला, नानी कूलर
की है कैसी हवा सुहानी
पूरी गरमी हुई उड़न छू
है ना नानी, प्यारी नानी

हाँ, जब बाहर जाता हूँ मैं
तब लगती धरती अंगारा
गरमी तो बढ़ती ही जाती
चढ़ता ही जाता है पारा

हर चौराहे पर यदि नानी
अगर बड़ा सा हो एक कूलर
तो एक दिन भर घुमू घामूंगा
गरमी होगी बस छू मन्तर

हँसकर बोली, नानी कुक्कू
तेरी भी है बात निराली
पर कूलर से ज्यादा अच्छी
होती पेड़ों की हरियाली

अगर ढेर से पेड़ लगाए
तो गरमी से होगी राहत
पेड़ों की ठंडी छाया भी
होगी जैसे मीठा शरबत

ऐसे कूलर अगर लगे हों
मौसम होगा खूब सुहाना
गरमी हो या सर्दी, फिर मन
गाएगा मस्ती का गाना

2. Poem on Cooler in Hindi

ठण्डी-ठण्डी हवा खिलाए ।
इसी लिए कूलर कहलाए ।।

जब जाड़ा कम हो जाता है ।
होली का मौसम आता है ।।

फिर चलतीं हैं गर्म हवाएँ ।
यही हवाएँ लू कहलाएँ ।।

तब यह बक्सा बड़े काम का ।
सुख देता है परम-धाम का ।।

कूलर गर्मी हर लेता है ।
कमरा ठण्डा कर देता है ।।

चाहे घर हो या हो दफ़्तर ।
सजा हुआ है यह खिड़की पर ।।

इसकी महिमा अपरम्पार ।
यह ठण्डक का है भण्डार ।।

जब आता है मास नवम्बर ।
बन्द सभी हो जाते कूलर ।।
रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’

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