12+ पत्नी पर कविता, Poem on Wife in Hindi

Poem on Wife in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन पत्नी पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. इन सभी Best Love Poem for Wife in Hindi को अपने पत्नी को सुनाकर उन्हें खुश कर सकते हैं.

पति – पत्नी का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता हैं. पत्नी हमारी सुख दुःख की साथी होती हैं. पुरे घर परिवार को सम्भालने का श्रेय पत्नी को ही जाता हैं. यह सुबह से लेकर शाम तक बिना थके परिवार के लिए काम करती हैं. वह भी बिना किसी छुट्टी के सातों दिन. हमें भी अपने पत्नी का ख्याल रखना चाहिए.

दोस्तों आइए अब नीचे कुछ Poem For Wife Hindi में दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Patni Par Kavita आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

पत्नी पर कविता, Poem on Wife in Hindi

Poem on Wife in Hindi

1. Poem For Wife Hindi

प्यार की मूरत हो तुम
मेरे घर की शान हो तुम
तुम से ही है मेरा घर संसार
मेरी प्रिय पत्नी हो तुम।

तुम ने ही तो घर को स्वर्ग बनाया
आंगन में तुलसी को सजाया
इस मकान को घर बनके
तूने इसको मंदिर की तरह सजाया।

इस घर तू अपना मान
देती हो सबको समान
बड़े छोटे का आदर तुम करती
इस घर को तुम हो संभालती।

कोई आपदा का अहसास ना होने देती
सबके मन को तुम भली भाती जानती
रहती है कोई कथानाई किसी को
इसका हल तुम झट से निकलती।

सबको स्वादिष्ट भोजन खिलाती हो तुम
सबके बातों का ख्याल रखती हो तुम
छोटी छोटी बातों का रखती हो तुम ध्यान
मेरी जान मेरी प्रिय पत्नि हो तुम।

2. Patni Par Kavita

मेरी गलतियों को समझ लेती हो
मेरी हर बातों को सुन लेती हो
सहती हो मेरा हर गुस्सा
मुझ से प्यार भी बेहद करती हो।

मुझ से रूठती भी हो
मुझे मनाती भी हो
डाट लगाती हो गलती पर मेरी
और मुझे ही समझाती हो।

डर लगता तुम्हें मेरा हाथ पकड़ लेती हो
दर्द हो कभी तुम्हें तुम मुझे ही बतलाती हो
छोटी_छोटी बातों को बताकर मुझे
में तेरे लिए क्या यू ये जताती हो।

कभी दोस्त बन जाती हो
तो कभी सलागार बन जाती हो
देती हो हर कदम पर साथ
साथ निभाने वाली साथीदार बन जाती हो।

तुम मेरा सच्चा प्यार हो
तुम मेरे जीवन का आधार हो
तुमसे ही है पुरी दुनियां मेरी
तुम मेरी प्यारी पत्नी हो।

3. Best Love Poem for Wife in Hindi

जो दुख में भी साथ देती है
जो मुश्किल हालत में साथ होती है
जो ना छोड़ती है साथ कभी
उसे ही अर्धांगिनी कहते है।

जो खुदका घर छोड़ देती है
पति के घर को अपना समझती है
जो रिश्तों को बखूबी निभाती है
उसे ही अर्धांगिनी कहते है।

जो आंख बंद कर पति पर विश्वास दिखाती है
तुम हर जंग जीतोगे भरोसा दिलाती है
जो सफलता की हकदार कहलाती है
उसे ही अर्धांगिनी कहते है।

जो हर वचनों को निभाती है
जो सारा जनम पति की बनकर रहती है
जो हाथ पकड़कर चलती है
उसे ही अर्धांगिनी कहते है।

जो कभी पत्नि बन जाती है
तो कभी बहू बन जाती है
जो दिलाती है हक पिता बनने का
उसे ही अर्धांगिनी कहते हैं।

4. पत्नी पर कविता

माथे पे लगा कर सिंदूर
सिर पर साड़ी का पल्लू
माथे पर लाल रंग की बिंदी
वो है मेरी प्यारी धर्मपत्नी है।

हाथों में भरी है चूड़ियां
पाव में छन छन पायल
कानों लगी तेरी बलिया
वो है मेरी प्यारी धर्मपत्नी है।

गले में मेरे नाम का मंगलसूत्र
नाक में सुनहरी नथ
होठों पे लगी है तेरे लाली
वो है मेरी प्यारी धर्मपत्नी है।

हाथ पकड़कर मेरा
लिए थे जिसने साथ फेरे
खाई थी साथ जनम की कसमें
वो मेरी प्यारी धर्मपत्नी है।

खुदका घर छोड़कर
कर दी जिंदगी नाम मेरे
मैं ही हु सबकुछ उसका
वो मेरी प्यारी धर्मपत्नी है।

5. Poem on Wife in Hindi

प्यारी_प्यारी मिठी_मिठी,
दुध में मिली शकर है पत्नी।

बगीचों महक है जिसकी,
वो बगीचों के फूल है पत्नी।

अंधेरे में जो रोशनी दिखाए,
वो रोशनी का दिया है पत्नी।

भरी बारिश में जो भीगने से बचाए,
वो बारिश का छाता है पत्नी।

दूप में जो ठंडी छाव दे,
वो हरा भरा पेड़ है पत्नी।

जो घर को सुंदर बनाए,
वो सुंदरता की देवी है पत्नी।

लग जाए घाव कभी,
तो मरहम है पत्नी।

रिश्ते को जो बांधे रखे,
वो मजबूत बंधन है पत्नी।

जो बिन बोले समझ जाए,
वो अहसास है पत्नी।

जो सिर्फ़ तुम्हें चाहें,
वो सच्चा प्यार है पत्नी।

जो कोई ना सुलझा पाए,
वो अनसुलझी पहेली है पत्नी।

6. अर्धांगिनी हो तुम मेरी

अर्धांगिनी हो तुम मेरी,
तुम ही मेरी जीवन संगिनी हो।

सवेरे सवेरे मेरी कंबल ओढ़कर,
तुम्ही मुझे नींद से जगाती हो।

उठो जल्दी काम पर नही जाना क्या,
ये कहकर चिल्लाती हो।

तुम ही हो जो जल्दी उठकर,
मेरे लिए खाना बनाती हो।

अर्धांगिनी हो तुम मेरी,
तुम ही मेरी जीवन संगिनी हो।

मेरे घर मे ना रहते हुए भी,
अच्छेसे संभाल सब तुम लेती हो।

माँ का खयाल रखकर भी,
घर का सारा काम तुम संभाल लेती हो।

मेरे काम से आते ही,
दरवाजे पर जब तुम आती हो।

थोड़ा मुस्कुरा जब तुम देती हो,
मेरी दिनभर की थकान भूला देती हो।

रात का स्वादिष्ट खाना खिलाकर,
मुझे बहुत खुश तुम कर देती हो।

हर मुश्किलों में साथ जब तुम देती हो,
मेरी आँखें सच मे नम कर देती हो।

सोच रहा था घुमाने बाहर ले जाऊ तुझे,
पता नही तुम हाँ कहती हो या ना कहती हो।

अर्धांगिनी हो तुम मेरी,
तुम ही मेरी जीवन संगिनी हो।

7. मेरी पत्नी मुझे सुनाती

मेरी पत्नी मुझे सुनाती,
एक नही दो बाते सुनाती।

गुस्सा होकर मुझपे चिल्लाती,
कुछ देर बाद वो चुप हो जाती।

घर मे जब सन्नाटा है छाता,
महसूस उसे वो झट से कर जाती।

कुछ देर वो मुझसे बात ना करती,
क्या बनाऊ खाने में धीरे से कहती।

लेकिन मैं भी चुपचाप ही रहता,
फिर मुझे मनाने आती।

मुझसे अपना प्यार जताती,
शोना बाबू कहकर मुझे मनाती।

लेकिन कभी सॉरी ना कहती,
अपनी फुल्ल अकड़ में ही रहती।

लेकिन वो मुझपर ही है मरती,
प्यार सबसे ज्यादा मुझसे ही है करती।

मेरी पत्नी मुझे सुनाती,
एक नही दो बाते सुनाती।

8. बीवी हो तुम मेरी

बीवी हो तुम मेरी,
थोड़ा समझ भी लिया करो,
मेरे इश्क़ में,
मेरे लिए थोड़ा प्यार से गाना भी गाया करो।

शादी हुई है मेरी तुमसे,
थोड़ा प्यार भी जताया करो,
ऐसे चुप ना रहा करो,
हमसे प्यार की बातें भी किया करो।

थोड़ा मुस्कुराया करो,
थोड़ा मुझे रुलाया करो,
तुम मेरी बीवी हो,
मुझपर थोड़ा हक़ जताया करो।

थोड़ा शर्माया करो,
शर्माके कही छुप जाया करो,
मुझे छुप छुप के देख लिया करो,
थोड़ा शर्माके हस दिया करो।

थोड़ा पास भी आया करो,
ऐसे दूर दूर ना रहा करो,
मुझे गले से तो लगाया करो,
मुझे अपनी बाहों में तो भर लिया करो।

प्यार से अपनी हांथों से खाना खिलाया करो,
मेरे हांथों से भी खाना खाया करो,
एक ही गिलास में पानी पिया करो,
प्यार को थोड़ा थोड़ा करके बढ़ाया करो।

थोड़ा गुस्सा भी कर लिया करो,
लेकिन प्यार वाला गुस्सा कर लिया करो,
क्योंकि जान हो तुम मेरी,
प्यारी बीवी हो तुम मेरी।

9. दुल्हन बन कर तुम घर जब आयी

दुल्हन बन कर तुम घर जब आयी,
घर मे ढेर सारी खुशियाँ तुम लायी।

मेरे घर मे साक्षात लक्ष्मी जी आयी,
खुशियों का सैलाब है लायी।

मैने एक सुंदर पत्नी है पाई,
माँ को एक अच्छी बहु मिल पाई।

तूमने पहली बार घर मे खाना जब बनाया,
उसका स्वाद लाजवाब मैने पाया।

तभी खाने की तारीफ कर पाया,
पहली मुस्कान तुम्हारी मैं देख पाया।

एक दिन जब मैं ऑफिस से आया,
मैने माँ को उस दिन बड़ा ही खुश पाया।

कितनी देखभाल करती हो तुम सब की,
उस दिन मैं ये समझ हु पाया।

नसीब मेरा तुम जैसी पत्नी मिल पाई,
सोचता हु क्या तुम मुझे अबतक समझ पाई।

दुल्हन बन कर तुम घर जब आयी,
घर मे ढेर सारी खुशियाँ तुम लायी।

10. Funny Poem on Wife in Hindi

आए हैं बाहर घूमनें हम आज़,
प्यार मुहब्बत की बातें करेगे हम आज़।
मेरी बीवी हैं लाज़वाब,
ख़ाती हैं आलू टिक्की और क़बाब।
मना करों तो देती हैं ज़वाब,
तुम्हें क्या करना हैं मै ख़ाऊगी टिक्की या क़बाब।
प्यार मुहब्बत की बातें नहीं हुई आज़,
इसक़ो ठुसना था सिर्फं टिक्क़ी और कबाब।
नहीं सुनेंंगी ये मेरी बात,
ख़ाती रहेगी सिर्फं टिक्की और क़बाब।
ज़ब घर जायेगे ख़ाने के बाद,
तब आएगा बीवी के गुस्सें का सैंलाब।
क्यो ख़ाते वक़्त टोक़ रहे थे,
मुझ़को ख़ाने से क्यो रोक रहें थे।
करना पडेगा बीवी का गुस्सा बर्दाश्त,
बिल्क़ुल भी नहीं क़रना हैं काउन्टर अटैंक।
धीरें से जाना हैं बीवी के पास,
प्यार सें ही मनाना हैं तुमक़ो आज़।
समझ़ना हैं तो समझ़लो आज,
नहीं तो बोलोगे मैनें नहीं बताईं ये बात।
ज़ब बाहर घूमनें जाओगें तुम बीवी कें साथ,
ख़ाने दो टिक्क़ी हो या कबाब।

11. मैं वादा नहीं करता तेरे लिए

मैं वादा नहीं करता तेरे लिए चांद तारे तोड़कर लाने का
पर मैं वादा करता हूं तुझे हर मुमकिन खुशी दिलाने का।।

मैं वादा नहीं करता तेरे कदमों मे जहां रखने का
पर मैं वादा करता हू तेरे लिए एक नया जहां बनाने का।।

मै वादा नहीं करता की तेरे आंखो मेेें आंसू न आने दूंगा
पर मैं वादा करता हूं कि हर पल वजह बनूंगा तेरे मुस्कुराने का।।

मै वादा नहीं करता तेरे लिए शाही महल बनाने का
पर मैं वादा करता हूं तुझे बादशाहों सा इश्क फरमाने का।।

मैं वादा नहीं करता तुझे सात जन्मों तक चाहने का
पर मैं वादा करता हू आखिर सांस तक तेरा साथ निभाने का।।
Neha Chaudhary

12. मुझ से बेहतर जानती है

मुझ से बेहतर जानती है
रोटियाँ पकाने वाली औरत
भूख का व्याकरण
प्यार की वर्णमाला

बाजार जाते समय
जब सजा रही होती हैं अपनी अँगुलियाँ
वह सोच रही होती है तब
आग और लोहे के रिश्ते के बारे में

बच्चों के घर लौटने पर
सब से अधिक खुश नज़र आती है
रोटियाँ पकाने वाली औरत
जब कभी बज उठती है काँसे की थाली
घर के अन्दर
वह भूल जाती है सभी कुछ
दौड़ पड़ती है एकाएक
थाली की आवाज़ रोकने
कड़ाके की सर्दी में
जब दुबके होते हैं हम मोटी रजाई में
रोटियाँ पकाने वाली औरत
पका रही होती है गर्म रोटियाँ

फूलो के पौधों को सींचते हुए
वह माँगती है अपने लिए थोड़ी-सी हरियाली
पसार सके अपने पैर
उगा सके फूल
रोप सके तुलसी का नन्हा-सा पौधा

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