घोड़े पर कविता, Poem on Horse in Hindi

Poem on Horse in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ घोड़े पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

घोड़े पर कविता, Poem on Horse in Hindi

Poem on Horse in Hindi

1. घोड़े पर कविता

देखो बच्चों, देखो घोड़ा
घोड़ा कितना न्यारा है
सफ़ेद, काला, भूरे रंग का
टक-टक दौड़े, लगता प्यारा है

ताकत इसमें कितनी निराली
खुराक नहीं है ज़्यादा सारी
घास, दाल और चने ये खाकर
ढोता दिनभर सामान है भारी

कभी कहीं तांगे में जुटता
कहीं दूल्हे की शान बढ़ाता
बनता देखो ये बाराती
तब कीमत इसकी बढ़ है जाती

कभी नहीं है बैठता घोड़ा
खड़ा खड़ा ही सो भी लेता
मिटाकर अपनी भूक प्यास को
दौड़ने को फिर तैयार है होता

2. Poem on Horse in Hindi

आया है आया घोड़ा
सब पर है भारी घोड़ा
शाकाहारी जानवर है ये तो
बहुत शक्तिशाली है ये तो
घोड़े की सवारी मुझे है भाती
मेरी खुशी की है ये चाबी
अब ना रुकेगी मेरी गाड़ी
अब है मेरी घोड़े पर सवारी
में हु बहुत भोला
सबसे प्यारा है मुझे घोड़ा
आया है आया घोड़ा
सब पर है भारी घोड़ा

3. दौड़ पड़ा था घोड़ा जी

दौड़ पड़ा था घोड़ा जी

हम थे भाई छोटे छोटे
मिलकर पाला घोड़ा जी
नाम था रखा खीरू हमने
नहीं बुलाया घोड़ा जी
मंझला कहता मामू आ जा
छोटे के मन को भाया जी
ताजा ताजा घास खिलाते
कोमल काया घोड़ा जी
सवा सेर था दाना खाता
सरपट दौड़ लगाता था
दुडकू दुडकू चाल मस्त थी
नहीं सताया घोड़ा जी
पूंछ काट दी बड़का जी ने
टप टप आँखों रोया था
पकड़ लगाम पीठ पर चढ़कर
शहर घुमाया घोड़ा जी
पिता देखकर घोड़े को थे
गुस्से गुस्से बोले जी
सबकी करू मैं खूब पिटाई
गले लगाया घोड़ा जी
दौड़ा दौड़ा हम सब बोले
दौड़ पड़ा था घोड़ा जी
रुक जाओ रुक जाओ थोड़ा
हाथ न आया घोड़ा जी

4. घोड़े दादा

घोड़े दादा

घोड़े दादा दौड़ लगाते
करवाते हो सैर
कैसे चल पाते हो इतना
दुखते होंगे पैर

खूब पीठ पर चाबुक पड़ते
लगती हो चोट
क्यों न हमारी तरह रूठकर
जाते हो तुम लोट?

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