पोते पर कविता, Poem on Grandson in Hindi

Poem on Grandson in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ पोते पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

पोते पर कविता, Poem on Grandson in Hindi

Poem on Grandson in Hindi

1. पोते पर कविता

मैं बाबा का जिद्दी पोता
रहता एठा ऐठा
अपने जन्म दिवस पर उनसे
मैं ये जिद कर बैठा
मैंने देखा था कुम्हार को
साथ गधे के जाते
मिट्टी के बर्तन गमले सब
लाद हाट ले जाते

मैं बोला बाबा से मुझको
एक गधा दिलवाना
मेरे जन्म दिवस को अबके
हटकर जरा मनाना
बाबा के संग पूरे घर में
गूंजा एक ठहाका
सुनकर इतना शोर, हो गया
मैं तो हक्का बक्का

2. Poem on Grandson in Hindi

बन्दूक दिला देना मैया
मैं फौजी बन जाऊँगा।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।

एक नया इतिहास रचूँगा
अपने नन्हें हाथों से।
सबके दिल पर राज करूँगा
अपनी मीठी बातों से।

भृष्टाचार की जंजीरों को
अब मैं ही कटवाऊँगा।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।

सरहद पर जा दादा जी ने
दुश्मन मार गिराए हैं।
अपने प्यारे देश की ख़ातिर
दो-दो पुत्र गँवाये हैं।

मुझमें भी तो खून उन्हीं का
जा जौहर रच जाऊँगा ।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।

जब जाऊँ सरहद पर लड़ने
प्यार से दामन भर देना।
मैया तू कमजोर न पड़ना
तिलक लहू से कर देना।

याद रखेगी सारी दुनिया
मैं परचम लहराऊँगा ।
दादा जी का पोता हूँ मैं
कुछ करके दिखलाऊँगा।

डॉ० प्रतिभा माही

3. चाल मुझ तोते की, बुढ़ापे

चाल मुझ तोते की, बुढ़ापे

में बदल गई

बदली कहाँ है मेरी तोती

मेरे राम जी

बहुएँ हैं घर में, मगर

निज धोतियों को

ख़ुद ही रगड़ के है धोती

मेरे राम जी

फँसी रही मोह में, जवानी

से बुढ़ापे तक

तोते पे नज़र कब होती

मेरे राम जी

पहले तो पाँच बेटी-बेटों

को सुलाया साथ

अब सो रहे हैं पोते-पोती

मेरे राम जी

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