कुत्ते पर कविता, Poem On Dog in Hindi

Poem On Dog in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में कुछ कुत्ते पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

कुत्ता को सबसे ज्यादा वफादार जानवर माना जाता हैं. यह जानवर अपने मालिक के प्रति समर्पित होता हैं. जरुरत पड़े तो कुत्ता अपने मालिक के लिए अपनी जान भी दे देता हैं. कुत्ता सबसे पहला और पुराना जानवर हैं. जो आदि काल से मनुष्यों के साथ रहते आ रहें हैं.

कुत्ते पर कविता, Poem On Dog in Hindi

Poem On Dog in Hindi

1. Short Poem on Dog in Hindi

यह कुत्ता मेरा
आदत से सगा है
जो पुचकारे उसी के
संग लगा है

मुसीबत में भी
तेरा साथ देगा
नहीं देता किसी
को भी दगा है

शराफत इसकी
रग रग में बसी है
जब हम सोते है
यह रहता जगा है

2. Small Poem on Dog in Hindi

काला, भूरा , मटमैला ,सफ़ेद
तेज़ नाक करे अच्छे-बुरे में भेद
तीखे दाँत, भौंके तेज़
प्यार, सम्मान में न करे परहेज़
देख कर मालिक दुम हिलाए
मुँह से अपनी लार लगाए
कौन है ये प्यारा जन्तु ज़रा बतलाएँ
ये है कूकर जो कुत्ता भी कहलाए

-अनुष्का सूरी

3. कुत्ते पर कविता

दोस्त था वो मेरा,
मेरे सुख दुःख मे मेरे साथ था|

कालू था उसका नाम,
वो कितना प्यारा कितना न्यारा था|

जहाँ मै जाऊ मेरे पीछे – पीछे आता था,
हर संकट मे वो मेरा साथ निभाता था|

न जाने वो कहाँ से आया था,
मुझे देख उसने पूछ हिलाया था|

मेरे पीछे – पीछे मेरे घर तक आया था,
मैंने ओर मेरे परिवार ने उसे अपनाया था|

देखते ही देखते वो हमारे साथ ऐसे घुल गया,
हमें हमारा एक ओर फैमिली मेंबर मिल गया|

कितना खेलते उसके साथ,
कितनी मौज करते थे,
घर की वो रखवाली करता,
प्यार वो हमसे बहुत करता,
कालू था उसका नाम रखा,
वो कितना प्यार था कितना न्यारा था|

जाने क्या रोग लगा उसे,
उसके रोग का पता न चला|

कितने अस्पतालो के चक्कर काटे,
आश थी की वो ठीक हो जायेगा,
लेकिन उसकी किस्मत को हम कैसे बदलते,
उसके दर्द को हम कैसे बाटते|

हर संभव कोशिश करने के बाद भी,
न हम उसे बच्चा सके,
चला गया छोड दुनिया,
दुःखी पुरे परिवार को कर गया|

छोटी सी उम्र मे ऐसे चला गया,
बहुत सी यादें वो पीछे छोड गया,
शायद उसके पास टाइम ही इतना था,
शायद वो हमारी जिंदगी का,
एक पन्ना बनने आया था,
कालू था उसका नाम रखा,
वो कितना प्यारा कितना न्यारा था|

उसके नटखट पन को सोच,
हॅसने को मन करता है,
उसकी वफादारी सोच,
आँखे भर आती है|

अब न दिखेगा वो हमें कभी,
अब नहीं हमें देख पूछ हिलायेगा,
न वो अब हमारे पीछे आयेगा,
न भौ – भौ कर चिलाएगा|

ईश्वर से बस एक विनती है,
वो जहाँ रहे खुश रहे,
उसकी आत्मा को शांति मिले,
उसके लिए स्वर्गलोक के द्ववार खुले|

4. Poem On Dog in Hindi

मेरी गली मोहल्ले में घूमते
काले भूरे कुत्ते घूमते
भू भू करके घूमते
तेजी से वो तो झूमते
बांध रखा है पड़ोसी ने
एक कुत्ता अपने दरवाजे पर
देखकर सारे कुत्तो को
भू भू करके वो भी झूमता
मेरी गली मोहल्ले में घूमते
काले भूरे कुत्ते घूमते
वफादारी वह निभाता है
दुश्मन को ना आने देता है
हर पल वह मालिक के लिए
तैयार अपने आपको रखता है
मेरी गली मोहल्ले में घूमते
काले भूरे कुत्ते घूमते

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