जिंदगी की दर्द भरी शायरी, Painful Shayari in Hindi

Painful Shayari in Hindi : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय जिंदगी की दर्द भरी शायरी का संग्रह दिया गया हैं. इस दुनिया में सभी को कोई न कोई परेशानी हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Painful Shayari in Hindi में दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी जिंदगी की दर्द भरी शायरी आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

Painful Shayari in Hindi

जिंदगी की दर्द भरी शायरी, Painful Shayari in Hindi

(1) दर्द की भी अपनी अलग अदा है
वो भी सहने वालो पर फ़िदा है

(2) तुमने तो कहा था हर शाम तेरा हाल पूछा करेंगे,
तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम नहीं होती।

(3) मुद्दत गुज़र गयी कि यह आलम है मुस्तक़िल
दर्द का कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है

(4) बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता

(5) ले करके मेरा नाम मुझे कोसता तो है
नफरत ही सही पर मुझे सोचता तो है

(6) हम तेरी मजबूरी समझते समझते
तेरी असलियत समझ गए

(7) हल्की सी जिंदगी भारी सा बोझ
पैदा हुए थे एक बार मर रहे हैं रोज

(8) सजा ये है कि बंजर जमीन हूं मैं
और…
जुल्म ये है की बारिशों से इश्क हो गया

(9) तुमने देखे हैं कभी दर्द को सहते हुए लोग
भीगी पलकों से “सब अच्छा है” कहते हुए लोग

(10) और कितनो से दिल लगाओगे,
और कितनो का दिल दुखाओगे,
किसी रोज किसी के खातिर,
तुम भी तड़पते रह जाओगे।

जिंदगी की दर्द भरी शायरी

(11) प्यार सभी को जीना सिखा देता है
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है,
प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों
जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।

(12) हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना,
बस अकेले रोते हैं, और सो जाते हैं।

(13) वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाईयों से आँखें चुराते रहे,
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला,
क्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे।

(14) आधा ख्वाब, आधा इश्क़, आधी सी है बंदगी,
मेरे हो, पर मेरे नही, कैसी है ये जिंदगी।

(15) मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते हैं,
लोगों ने हमें महफ़िल में हँसते देखा है।

(16) खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता।

(17) दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।

(18) कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,
हजारों सपने है…
मगर याद सिर्फ तुम ही आते हो।

(19) दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है,
टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है,
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है।

(20) वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं,
कहाँ से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं,
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद,
वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

(21) इससे बढ़कर दोस्त कोई दूसरा होता नहीं,
सब जुदा हो जाएं, लेकिन ग़म जुदा होता नहीं।
जिगर मुरादाबादी

(22) हुस्न और इश्क़ के नैरंग खुदा ही जाने,
शमअ जलती है कि दिल जलता है परवाने का।
साकिब लखनवी

(23) दफ़नाना देखभाल के हसरत भरे की लाश,
लिपटी हुई कफ़न में कोई आरज़ू न हो।
अज्ञात

(24) उसकी फ़ितरत में नहीं, रुक के कोई बात सुने,
वक्त आवाज़ है, आवाज़ को आवाज़ न दो।
अज्ञात

(25) मेरी मुट्ठी में सुलगती रेत रख कर चल दिया,
कितनी आवाज़ें दिया करता था ये दरिया मुझे।
बशीर बद्र

(26) शोर यूं ही न परिंदों ने मचाया होगा,
कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा।
कैफ़ी आज़मी

(27) जहां चोट खाना, वहीं मुस्कुराना,
मगर इस अदा से कि रो दे जमाना।
वामिक जौनपुरी

(28) न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं
अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं।
अहमद फ़राज़

(29) कभी मेरी तलब कच्चे घड़े पर पार उतरती है
कभी महफ़ूज़ कश्ती में सफ़र करने से डरता हूं।
फ़रीद परबती

(30) इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई।
राही मासूम रज़ा

(31) लम्हों के अज़ाब सह रहा हूं
मैं अपने वजूद की सज़ा हूं।
अतहर नफ़ीस

(32) ऐसी तारीकियां आंखों में बसी हैं कि ‘फ़राज़’
रात तो रात है हम दिन को जलाते हैं चराग़।
अहमद फ़राज़

(33) मिट्टी का जिस्म ले के चले हो तो सोच लो,
इस रास्ते में एक समंदर भी आएगा।
सलीम शाहिद

(34) हर चीज़ का खोना भी बड़ी दौलत है,
बेफिक्री से सोना भी बड़ी दौलत है।
अमजद हैदराबादी

(35) रगों में दौड़ने-फ़िरने के हम नहीं कायल,
जो आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।
ग़ालिब

(36) मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंज़िल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।
मजरूह सुल्तानपुरी

(37) न किसी की आंख का नूर हूं, न किसी के दिल का क़रार हूं,
जो किसी के काम न आ सके, मैं वो एक मुश्ते गुब़ार हूं।
ज़फ़र

(38) तिरे चराग़ अलग हों, मिरे चराग़ अलग,
मगर उजाला तो फिर भी जुदा नहीं होता।
वसीम बरेलवी

(39) उस शख़्स के ग़म का कोई अंदाज़ा लगाए,
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने।
वकील अख़्तर

(40) अज़ल तो मुफ़्त में बदनाम है ज़माने में,
कुछ उनसे पूछ, जिन्हें ज़िंदगी ने मारा है।
फ़ैज़

(41) जैसा दर्द हो वैसा मंज़र होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है।
अज़ीज़ ऐजाज़

(42) याद उसे भी एक अधूरा अफसाना तो होगा
कल रास्ते में उसने हमें पहचाना तो होगा

Painful Shayari in Hindi

(43) दिल परेशान रहता है, उनके लिए,
हम कुछ भी नहीं हैं, जिनके लिए।

(44) रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।

(45) खामोशियाँ कर दें बयां तो अलग बात है,
कुछ दर्द है ऐसे जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।

(46) हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ
दूसरों को हंसाने के लिए,
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि,
ठीक से रोया भी नही जाता।

(47) तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में,
दर्द हो तो समझ लेना रिश्ता अभी बाकी है।

(48) जब आख़िरी मुलाकात हो तो हंस
कर देख लेना मुझे, क्या पता…
अगली बार तुम हमें कफन में
देखो और मुस्कुरा भी ना पाओ।

(49) उन लोगों का क्या हुआ होगा,
जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा,
किनारे पर खड़े लोग क्या जाने,
डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।

(50) बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम,
रोता वो भी होगा नज़रें चुरा चुरा कर।

(51) रखी ही नहीं फिर किसी से,
मोहब्बत की आस,
एक तेरी याद ही बहुत है,
जिंदगी भर तडपाने के लिए।

(52) जो सह रहा है,
बस…वही जानता है,
कि वो किस दर्द में है।

(53) ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे,
आंसू भी मोती बन के बिखर जाएंगे,
ये मत पूछना किसने दर्द दिया,
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे।

(54) पलकों में आंसू और, दिल में दर्द सोया है।
हंसने वालों को क्या पता? रोने वाला किस कदर रोया है।

(55) सारे जमाने में बंट गया वक्त उनका,
हमारे हिस्से में सिर्फ बहाने ही आए।

(56) यूं ही नहीं याद आते है
अब वो बचपन के दिन..

जिंदगी के बोझ से तो
हल्का ही था वो स्कूल बैग..

(57) ए जिंदगी तू क्यों शोर करती है,
मासूम दिल पर क्यों जोर करती है।

(58) लोग हमें कहते है हम मुस्कुराते बहुत है,
इस दर्द भरी जिंदगी में गम भी छुपाते बहुत है। ‌

(59) कुछ अजीब है ये दुनिया यहाँ झूठ नहीं,
सच बोलने से रिश्ते टूट जाते है।

(60) आईना आज फिर रिशवत लेता पकड़ा गया,
दिल में दर्द था और चेहरा हस्ता हुआ पकड़ा गया।

(61) मुस्कराने को मन तो बहुत करता है,
लेकिन बीता हुआ कल फिर से रुला देता है।

(62) कुछ और दर्द दे दो इस बार जिंदगी को,
मिलती नही मोहब्बत अब यार जिंदगी को।

(63) रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ हुई है जिन्दगी की,
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है।

(64) ए ज़िन्दगी, इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया,
चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आया।

(65) इस दुनिया में हर किसी की अपनी अपनी कहानी है,
जिंदगी में दर्द मिलने किसी अपने की मेहरबानी है।

(66) कितना दर्द देने के बावजूद भी हमने रिश्ता जोड़ा,
उन्होंने इस बेदर्द सी दुनिया में हमें अकेला छोड़ा।

(67) तजुर्बे ने हमें एक बात तो सिखाई है
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है

(68) दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो
सब कुछ कबूल है अगर साथ तेरा हो

(69) बैठे है रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये

(70) तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दर्द
तू किसी रोज मेरे घर में उतर शाम के बाद

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