खुद पर शायरी, Khud Ke Liye Shayari in Hindi

Khud Ke Liye Shayari in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय खुद पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. आप जीवन में चाहे जितना भी कामयाब हो यदि आप अपने आप को प्यार नहीं करते हैं. तो सब कुछ बेकार हैं. आप अपने आप को अहमियत दीजिए.

अब आइए यहाँ पर कुछ Khud Ke Liye Shayari in Hindi में दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी खुद पर शायरी आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

Khud Ke Liye Shayari in Hindi

खुद पर शायरी, Khud Ke Liye Shayari in Hindi

(1) हर मुश्किल का समाधान हे
मगर खुद पर यकीन होना चाहिए
तन मन धन से सब प्रयास
बहेतरीन होना चाहिए।

(2) खुद के लिए कभी कभी जीने की
इच्छा हो जाती हे
पर जिन्मेदारियाँ इतना वक्त कहा देती हे।

(3) जरुरी हे साहेब खुद से प्यार करना
नहीं तो ये दुनिया
नफरत के काबिल भी नहीं छोड़ेंगी।

(4) इतना तो यकीन हे मुझे खुद पर
की रोयेंगा वो शक्श फिर से
मुझे पाने के लिए।

(5) अपने अपने मायने हे
हर किसी के पास
खुद को छोड़ सिर्फ दुसरो के
लिए ही आईने हे।

(6) अटूट विश्वास खुद पर विश्व
तक को हमारे चरणों में
लाने की ताकत रखता हे।

(7) अपने आप की तारीफ करना फिजूल हे
खुशबु तो खुद ही बता देती हे
कौन सा फूल हे।

(8) नहीं हु साहेब धोकेबाज
बस उन लोगो का साथ छोड़ दिया
जिसे रिस्तो से ज्यादा खुद पर
घमंड था।

(9) तू किस लिए तलाश हे
तू खुद की खोज में निकल
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश हे।

(10) क्यों करू किसी और पर भरोसा
जब खुद की आँखे खुद
को धोखा दे।

खुद पर शायरी

(11) इंसान बदलता रहता हे और
वक्त गुजरता रहता हे
संभाल लो खुद को जनाब
वक्त खुद चीख कर कहता हे।

(12) खुद उसका अंश बन जाता हे
खुदा से मोहब्बत करने वाला
मजार पर बैठे फ़क़ीर में भी
वो खुदा को देख पाता हे।

(13) विश्वास रखो साहेब खुद पर
एक दिन ऐसा आयेंगा की
घडी दुसरो की होंगी और
समय आपका।

(14) गम दे जाते हे अगर भरोसा
दुसरो पर रखो तो
और भरोसा खुद पर रखो तो
ताकत बन जाता हे।

(15) कुछ बाते समझाने पर नहीं
खुद पर बीत जाने के बाद ही
समझ में आती हे।

(16) इतना गुरुर करते हे वो खुद पर
तो इसमें हैरान की बात नहीं
जिन्हे हम चाहते हे वो
आम हो ही नहीं सकते।

(17) जिद हे मुझे खुद से ही जितने की
मुझे खुद को ही हराना हे
में दुनिया की भीड़ नहीं हु मेरे
अंदर एक ज़माना हे।

(18) सबसे रखो पहचान लेकिन
भरोसा सिर्फ खुद पर।

(19) खुद पर नाज करना
इश्क अगर अधूरा रह जाये तो
कहते हे सच्ची मोहब्बत पूरी नहीं होती।

(20) उसकी यादो को बड़ी मुश्किल से
भुलाया हे
में ही जानता हु कैसे मेने खुद को
जीना सिखाया हे।

Apne Khud ke Liye Shayari

(21) छोड़ दिया जनाब लोगो के लिए जीना
अब हम खुद के लिए जीते हे।

(22) रख खुद पर भरोसा क्यों ढूंढता हे
तू फरिस्ते
पंछीओ के पास कहा होते हे नक़्शे
फिर भी ढूंढ ही लेते हे रास्ते।

(23) हुनर सिख लो खुद पर
भरोसा करना
सहारे कितने भी भरोसेमंद हो
एक दिन साथ छोड़ ही जाते हे।

(24) नहीं चाहिए वो जो मेरी किस्मत में नहीं,
भीख मांग कर जीना मेरी फितरत में नहीं.

(25) फूल बनकर क्या जीना,
मुरझा गए तो मसल दिए जाओगे,
पत्थर बन के जियो,
कभी तराशे गए तो भगवान कह लाओगे.

(26) कभी इसका दिल रखा और कभी उसका दिल रखा,
इस कश्मकश में भूल गये, खुद का दिल कहाँ रखा.

(27) अगर मगर काश में हूँ,
मैं खुद की तलाश में हूँ,
खो गया हूँ न जाने कहाँ
खुद को पाने की आस में हूँ.

(28) खोज रहा हूँ कब से खुद में खुद को,
मुझ को मुझी में अक्सर, मैं नही मिलता.

(29) कुछ यूँ बीती सन्नाटों में रात मेरी,
मैं ही बैठ कर सुनता रहा बात मेरी.

(30) बड़ी मुश्किल से उसकी यादों को भुलाया है,
मैं ही जानता हूँ कैसे मैंने खुद को जीना सिखाया है.

Khud ke Liye Shayari 2 Line

(31) कब तक मैं यूँ खुद को धोखा देता रहूँ,
जो मैं हूँ नही, वही आईने में देखता रहू.

(32) गैरों से मोहब्बत करके है वो परेशान,
खुद से इतनी करता तो बन जाता महान इंसान.

(33) जब खुद को पता होता है कि मैं सही हूँ,
तो दूसरे को सफाई देने की जरूरत नहीं पड़ती है.

(34) खुद को वक्त दोगे तो खुद से प्यार हो जायेगा,
ख़ुशी का एहसास ही तो जीने का असली मजा लायेगा.

(35) मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नही,
मैं वो किताब हूँ जिसमें शब्दों की जगह
मेरे जज्बात लिखे है.

(36) गैरों से प्यार करके ही इंसान रोता है,
इतना प्यार कभी खुद से नहीं होता है.

(37) मैं खुद भी सोचता हूँ क्या मेरा हाल है,
जिसका जवाब चाहिए वो क्या सवाल है.

(38) कुछ रोज से पूछते है लोग कि कौन हूँ मैं,
बताऊं क्या इसलिए अब तक मौन हूँ मैं.

(39) खोज रहा हूँ कब से खुद में खुद को,
मुझ को मुझी में अक्सर, मैं नही मिलता.

(40) चेहरे पर हँसी और दिल में गम,
अब कुछ इस तरह से जी रहे है हम.

(41) मैं जिसे निभा न सकूँ ऐसा वादा नहीं करता,
दावा कोई औकात से ज्यादा नहीं करता.

(42) आपकी इबादत देखकर हैरान है खुदा भी,
कहता है कभी तो कुछ खुद के लिए माँग लो.

(43) अँधेरी रातों में जलता हुआ मशाल हूँ,
जो कभी न समझोगे तुम, मैं वो सवाल हूँ.

(44) कुछ ऐसे फैसले लिए है मैंने खुद के लिए,
की लगता है बनी है मेरी ज़िन्दगी दुःख के लिए।

(45) मत पूछ अपने पैरों से किस क़दर अपनी ज़िन्दगी रोंदी है मैंने,
बस इतना समझ ले अपने ही हाथों अपनी क़बर खोदी है मैंने।

(46) कभी खुद को तो कभी उसे ज़िम्मेदार बताता हूँ,
अपनी बर्बादी की वजह मैं आज भी प्यार बताता हूँ।

(47) कितना कुछ किया मैंने उसके लिए,
की बाकी ना रखा मैंने कुछ खुद के लिए।

(48) जान चूका हूँ मैं काफी दुनिया के बारे में,
अब ख्वाहिश मेरी खुद को जान्ने की है।

(49) मैं क्या भरूंगा खुशिया किसी की ज़िन्दगी में,
मैं तो खुद ही खुद में खाली सा हूँ।

(50) खुद से हार गया तो बात अगल हे
इस तक़दीर के आगे झुकने वाला नहीं हु
और मुशीबतो से कह दो अपनी स्पीड बढ़ा ले
अगर में निकल पड़ा तो रुकने वाला नहीं हु

(51) नहीं बदल सकते हम खुद को
कभी दूसरों के हिसाब से
एक लिबास हमें भी दिया हे
ऊपर वालेने अपने हिसाब से

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