विदाई समारोह के लिए शायरी, Farewell Shayari in Hindi

Farewell Shayari – दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको कुछ बेहतरीन बिदाई समारोह पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. जब हम स्कूल, कालेज, इंस्टीट्यूट, या किसी ऑफिस से हमेशा के लिए बिदाई लेते हैं. तब उस समय हमारे मन में कहने को तो बहुत कुछ होता हैं. लेकिन हमलोग उसे शब्दों में नहीं उतार पाते हैं. इस शायरी के माध्यम से आप Farewell Party में शायरी को सुनाकर विश कर सकते हैं.

जब किसी संगठन को कोई छोड़ता हैं. या रिटायर होता हैं. तो उसके लिए Farewell Party का आयोजन किया जाता हैं. जहाँ पर आप अपने सहकर्मी, सीनियर, शिक्षक, अध्यापक, अफसर को आप Farewell विश करते हैं.

अब आइए नीचे कुछ विदाई समारोह के लिए शायरी दिया गया हैं. इसको पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी Farewell Shayari in Hindi में पसंद आयगी.

विदाई समारोह के लिए शायरी, Farewell Shayari in Hindi

Farewell Shayari in Hindi

(1) घर में रहा था कौन कि रुख़्सत करे हमें
चौखट को अलविदा’अ कहा और चल पड़े
मख़मूर सईदी

(2) वो अलविदा’अ का मंज़र वो भीगती पलकें
पस-ए-ग़ुबार भी क्या क्या दिखाई देता है
शकेब जलाली

(3) एक दिन कहना ही था इक दूसरे को अलविदा’अ
आख़िरश ‘सालिम’ जुदा इक बार तो होना ही था
सलीम शुजाअ अंसारी

(4) जाने वाले को कहाँ रोक सका है कोई
तुम चले हो तो कोई रोकने वाला भी नहीं
असलम अंसारी

(5) दुख के सफ़र पे दिल को रवाना तो कर दिया
अब सारी उम्र हाथ हिलाते रहेंगे हम
अहमद मुश्ताक़

(6) अब के जाते हुए इस तरह किया उस ने सलाम
डूबने वाला कोई हाथ उठाए जैसे
अज्ञात

(7) तुम इसी मोड़ पर हमें मिलना
लौट कर हम ज़रूर आएँगे
नज़र एटवी

(8) मैं जानता हूँ मिरे बा’द ख़ूब रोएगा
रवाना कर तो रहा है वो हँसते हँसते मुझे
अमीन शैख़

(9) कलेजा रह गया उस वक़्त फट कर
कहा जब अलविदा उस ने पलट कर
पवन कुमार

(10) गूँजते रहते हैं अल्फ़ाज़ मिरे कानों में
तू तो आराम से कह देता है अल्लाह-हाफ़िज़
अज्ञात

विदाई समारोह के लिए शायरी

(11) उस से मिलने की ख़ुशी ब’अद में दुख देती है
जश्न के ब’अद का सन्नाटा बहुत खलता है
मुईन शादाब

(12) ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम
यहाँ से तेरे मिरे रास्ते बदलते हैं
बशीर बद्र

(13) तुम सुनो या न सुनो हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओ
डूबते डूबते इक बार पुकारेंगे तुम्हें
इरफ़ान सिद्दीक़ी

(14) अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़स्त-ए-महफ़िल
कि वो भी उठ के गया जिस का घर न था कोई
सहर अंसारी

(15) याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
नासिर काज़मी

(16) छोड़ने मैं नहीं जाता उसे दरवाज़े तक
लौट आता हूँ कि अब कौन उसे जाता देखे
शहज़ाद अहमद

(17) उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
निदा फ़ाज़ली

(18) जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना
जलील मानिकपूरी

(19) आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा
उबैदुल्लाह अलीम

(20) अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया
मीर तक़ी मीर

Farewell Shayari in Hindi

(21) तमाम-शहर जिसे छोड़ने को आया है
वो शख़्स कितना अकेला सफ़र पे निकलेगा
कैफ़ी विजदानी

(22) चमन से रुख़्सत-ए-गुल है न लौटने के लिए
तो बुलबुलों का तड़पना यहाँ पे जाएज़ है
अज्ञात

(23) जाते जाते उन का रुकना और मुड़ कर देखना
जाग उट्ठा आह मेरा दर्द-ए-तन्हाई बहुत
लुत्फ़ हारूनी

(24) लगा जब यूँ कि उकताने लगा है दिल उजालों से
उसे महफ़िल से उस की अलविदा’अ कह कर निकल आए
परविंदर शोख़

(25) अब मुझ को रुख़्सत होना है अब मेरा हार-सिंघार करो
क्यूँ देर लगाती हो सखियो जल्दी से मुझे तय्यार करो
शबनम शकील

(26) ये हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर
इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ
नोशी गिलानी

(27) वक़्त-ए-रुख़्सत तिरी आँखों का वो झुक सा जाना
इक मुसाफ़िर के लिए ज़ाद-ए-सफ़र है ऐ दोस्त
अज्ञात

(28) जाने वाले जा ख़ुदा हाफ़िज़ मगर ये सोच ले
कुछ से कुछ हो जाएगी दीवानगी तेरे बग़ैर
मंज़र लखनवी

(29) वो अलविदा’अ का मंज़र वो भीगती पलकें
पस-ए-ग़ुबार भी क्या क्या दिखाई देता है
शकेब जलाली

(30) वक़्त-ए-रुख़्सत अलविदा’अ का लफ़्ज़ कहने के लिए
वो तिरे सूखे लबों का थरथराना याद है
अज्ञात

(31) हम ने माना इक न इक दिन लौट के तू आ जाएगा
लेकिन तुझ बिन उम्र जो गुज़री कौन उसे लौटाएगा
अख़्तर सईद ख़ान

(32) जाने वाले को कहाँ रोक सका है कोई
तुम चले हो तो कोई रोकने वाला भी नहीं
असलम अंसारी

(33) दुख के सफ़र पे दिल को रवाना तो कर दिया
अब सारी उम्र हाथ हिलाते रहेंगे हम
अहमद मुश्ताक़

(34) उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं
जौन एलिया

(35) अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया
मीर तक़ी मीर

(36) आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा
उबैदुल्लाह अलीम

(37) जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई
शकील बदायूनी

(38) जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना
जलील मानिकपूरी

(39) उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला
निदा फ़ाज़ली

(40) तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
बशीर बद्र

(41) अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
बशीर बद्र

(42) छोड़ने मैं नहीं जाता उसे दरवाज़े तक
लौट आता हूँ कि अब कौन उसे जाता देखे
शहज़ाद अहमद

(43) याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था काजल
नासिर काज़मी

(44) अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर
जौन एलिया

(45) अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़स्त-ए-महफ़िल
कि वो भी उठ के गया जिस का घर न था कोई
सहर अंसारी

(46) आपको विदा करने आँखों से मेरे आँसू आ रहे हैं,
इस हाल में आप हमें क्यों छोड़कर जा रहे है?

(47) करते हैं अलविदा आपको,
दिल से इसे स्वीकार कर लेना,
दिल में बसाया है आपको,
वक़्त मिले तो हमें याद कर लेना।

(48) आपने सिखाया जीने का अद्भुत तरीका,
बिना टेंशन के जीने की आया है आपसे सीखा।
सारे गम भुला दिए आपने, हमको हंसाते रहे,
जाने कैसे भर दिया आपने हमारे जीवन में खुशियों का बगीचा।

(49) ज़रा सी गम्भीरता से आज हम कहते हैं,
ये विदाई का पल है, नहीं हैं हम ठहरे।
हंसते-हंसते बिताया है हमने ये साल,
अब तुम्हें चाहिए थोड़ी आराम वाली जिंदगी का संग।

(50) दस्तूर है जमाने का यह पुराना,
लगा रहता है यहां आना और जाना,
रहो जहां अपनी छाप ऐसे छोड़ जाना,
हर कोई गुनगुनाता रहे आपका ही तराना।

(51) आपकी सोच को आवाज हम देंगे,
आपके ख्वाब को आगाज हम देंगे,
आपके जाने पर इतना भरोसा दिलाते हैं,
आपके इरादों को परवाज हम देंगे।

(52) कांटों की राह को आपने,
गुलों का बिछौना कर दिया,
बड़ा था पहाड़ मुश्किलों का,
आपने उसे बौना कर दिया।

(53) भले ही आप जा रहे हैं यहां से, पर शान हम बनाएंगे,
हमेशा ही विजेता रहने की, यही पहचान हम बनाएंगे,
गम न करो कि आपके जाने के बाद यहां क्या होगा,
कंपनी को ऊंचाई तक पहुंचाने की उड़ान हम बनाएंगे।

(54) बहुत सीखा आपसे और नए-नए काम मिले,
आपने हमेशा यही चाहा कि हमें नई पहचान मिले,
सच कहूं, तो कुछ नहीं था मैं आपसे मिलने से पहले,
निकले थे सफर पर एक ही और तज़ुर्बे तमाम मिले।

(55) आपकी विदाई की इस बेला में,
कहता हूं सच, रह जाऊंगा अकेला मैं,
फिर भी दुख-सुख में हूं आपके साथ,
आप रहो जहां वहां मिले नई सौगात।

(56) एक काम का अंत और एक की शुरुआत है,
खुश रहो आप सदा अब गम की क्या बात है,
सीखा दिया है जीने की सलीका जाते जाते,
आप में ही बसती हमारी पूरी कायनात है।

(57) क्या बताऊं खूबियां आपकी विदाई पर,
महकता था दिन आपके मुस्कुराने पर,
जहां भी रहो कामयाबी की मिशाल बनो,
लेकिन, अधूरा लगेगा हमें आपके जाने पर।

(58) सफलता की चाबी दिलाई बॉस आपने,
हुक़ूमत नहीं कामयाबी दिखाई आपने,
आपने चाहा तभी कुछ बन पाए हम सभी,
अपने साथ हमारी भी पहचान बनाई आपने।

(59) आप जैसा बॉस देखा ही नहीं कहीं,
आप जैसा व्यवहार किसी में भी नहीं,
आपको विदा आज कर तो दें मगर,
आप जैसा किरदार जहां में कहीं नहीं।

(60) मुश्किलों की डगर में सहारा बने आप,
दुनियां के समंदर में किनारा बने आप,
जा रहे हो हमको एक रोशनी दिखाकर,
रहो जहां भी एक मिसाल बनें आप।

(61) हाथों को थाम कर मंजिल की ओर ले चले,
कामयाबी और तरक्की की एक सौगात दे चले,
आज यहां से विदा होकर चले जाओगे,
फिर भी हम सब को खुशिया का भंडार दे चले।

(62) बेहिचक चल दिए आपके कदमों के निशां पर,
साथ में ले चले थे आप तरक्की के आसमां पर,
चले हैं छोड़कर एक नए सफर की ओर,
दुआ है बनाएं नया मुकाम फिर से इस जहां पर।

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