अकेलापन शायरी, Akelapan Shayari in Hindi

Akelapan Shayari – आपको इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन अकेलापन शायरी का संग्रह दिया गया हैं. जिन्दगी में कुछ ऐसे पल आते हैं. जब हमलोग अपने आप को अकेला महसूस करते हैं. शायरों ने उदासी अकेलापन को आधार मानकर बहुत सारे शायरी लिखी हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ उदासी अकेलापन पर शायरी दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Akelapan Shayari in Hindi 2 Lines आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

अकेलापन शायरी, Akelapan Shayari in Hindi

Akelapan Shayari in Hindi

(1) सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं
सारी सारी रात अकेले-पन की आग जलाती है
~सहबा अख़्तर

(2) अकेले-पन भी हमारा ये दूर करती है
कि रख के देखो ज़रा अपने पास तस्वीरें
~दिनेश कुमार

(3) अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है
~ज़ेहरा निगाह

(4) एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा
~निदा फ़ाज़ली

(5) है आज ये गिला कि अकेला है ‘शहरयार’
तरसोगे कल हुजूम में तन्हाई के लिए
– शहरयार

(6) भीड़ तन्हाइयों का मेला है
आदमी आदमी अकेला है
– सबा अकबराबादी

(7) हर तरफ़ दोस्ती का मेला है
फिर भी हर आदमी अकेला है
– फ़रहत अब्बास

(8) वो नहीं है न सही तर्क-ए-तमन्ना न करो
दिल अकेला है इसे और अकेला न करो
– महमूद अयाज़

(9) बड़े शौक से छोड़ा था
उसने मुझे अपने हाल पर
मगर इन आंखों में शायद
अब भी तेरा इंतजार बाकी है.!!

(10) कई बार वो सोचकर
दिल मेरा रो देता है कि
मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने
खुद को भी खो दिया !

उदासी अकेलापन शायरी

(11) बस एक भूलने का हुनर ही
तो नहीं आता
वरना भूलना तो हम भी बहुत
कुछ चाहते हैं !!

(12) जब भी तन्हाई में उनके बगैर
जीने की बात आयी
उनसे हुई हर एक मुलाकात
मेरी यादों में दौड आई !!

(13) अब नींद से कहो हम से
सुलह कर ले फ़राज़
वो दौर चला गया जिसके लिए
हम जागा करते थे !!

(14) इतने घने बादल के पीछे
कितना तन्हा होगा चाँद !!

(15) किसी ने पूछा अगर कोई अपना
छोड़कर चला जाए तो क्या करोगे
अपना कभी छोड़कर नहीं जाता और
जो जाए वह अपना नहीं होता !!

(16) जो इंसान हमेशा सच का साथ देता है
वह हमेशा अकेला ही होता है

(17) भरोसा रखना मेरी वफाओं पर
दिल में बसा कर हम किसी को भूलते नहीं !!

(18) रिश्तों के बाजार में आजकल
वो लोग हमेशा अकेले पाए जाते हैं
जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं !!

(19) हालात सिखाते है बाते सूनना और सहना
वरना हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है !!

(20) अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा !!

Akelapan Shayari in Hindi 2 Lines

(21) कभी-कभी बहुत सी बातें करनी होती है
मगर कोई सुनने वाला नहीं होता !!

(22) अब मुझे रास आ गया है अकेलापन
अब आप अपने वक्त का अचार डालिए !!

(23) इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं !!

(24) मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं
की ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा हैं !!

(25) कभी सोचा नहीं था वो भी मुझे तनहा कर जाएगी
जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी मैं हूँ ना !!

(26) शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी
एक तेरा ख्याल न जाना
एक दूसरा तेरा जवाब न आना !!

(27) दोस्तों हर किसी की एक कहानी होती है
किसी की पूरी तो किसी की अधूरी होती है !!

(28) अब तो याद भी उसकी आती नही
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ !!

(29) कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं !!

Sad Akelapan Shayari

(30) अजीब है मेरा अकेलापन
ना खुश हूँ ना उदास हूँ
बस खाली हूँ और खामोश हूँ !!

(31) अब सहारे की कोई बात मत कर
ऐ जालिम जिंदगी
मेरा अकेलापन ही काफी है
मुझे सहारा देने के लिए !!

(32) मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने !!

(33) तकलीफ तो जिंदगी देती हैं मौत को तो लोग युही
बदनाम करते हैं !!

(34) किस से कहु अपनी तन्हाई का आलम
लोग चेहरे के हसी देख बहुत खुश समझते हैं !!

(35) अकेलापन क्या होता है
यह कोई ताजमहल से पूंछे
देखने के लिए पूरी दुनिया आती हैं
मगर रहता कोई नहीं है !!

(36) जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है !!

(37) ख़्वाब की तरह बिखर जाने को
जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को
जी चाहता है !!

(38) आज जो इस अकेलेपन का
एहसास हुआ खुद को
तो समभाल नहीं पाया
अपने इन आसुओं को !!

(39) सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी
अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें
क्या करते कमबख्त तनहाईयों को
मोहब्बत जो हो गई है हमसे !!

(40) कौन कहता है जनाब ये
अकेलापन खलता है
जब जिंदगी की समझ हो जाए तो
खुद का साथ भी भाता है !!

Akelapan Shayari in Hindi

(41) कैसे मान लिया तुम अकेले हो
दूर हूँ तुमसे यह मजबूरी है मेरी
पुकारो अगर शिद्दत से मुझको
चला आऊँगा मैं राह में तेरी !!

(42) कोई आया नही कितना बुलाया हमने
उम्र भर एक जमाने को बहुत जगाया हमने !!

(43) तन्हाइयों से मेरी पहचान लगती है
मुझे महफिलें भी वीरान लगती है !!

(44) रात ये मुझसेे बहुत
मोहब्बत करती है
सब सो जाएं तब अकेले में
बात करती है !

(45) दिल्लगी में दिल लगा बैठे
सारा चैन-ओ-सुकून गंवा बैठे
बहुत देख ली महफिलें इश्क की
अब तन्हाइयों के आगोश में आ बैठे !!

(46) अकेलापन एक सज़ा सी है
लेकिन इसमें जीने में भी अपना
अलग ही मज़ा है !!

(47) प्यार में इंसान तन्हाइयों का शिकार हो जाता है
क्योंकि प्यार का रास्ता ही तन्हाइयों से होकर जाता है !!

(48) तुम्हारे करीब हम कुछ
इस तरह आते गये
तन्हाइयों के और नजदीक जाते गये !!

(49) तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को
यु आज़माया हैं
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को
दूर नहीं कर पाया हैं !!

(50) मेरी तन्हाई देखकर
उदासियां भी रो पड़ी
जब मुस्कुराने की कोशिश की
तो मेरी गुस्ताखियां रो पड़ी !!

(51) हमारे इस अकेलेपन ने हमें
जीना सीखा दिया
बची हमारी ये हँसीं तो उसे हमनें
पहले ही भुला दिया !!

(52) महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया
सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया !!

(53) बड़े ही हसीन अंदाज से
उसने दिल पर वार किया
पहले प्यार किया फिर
अकेलापन देकर दरकिनार किया..!

(54) यह अकेलापन का
सफर भी कट जाएगा
जिस दिन गम का
बादल हट जाएगा..!

(55) जब से मुझे प्यार
में मिली बेवफाई है
तब से मेरी जिंदगी में
दर्द और तन्हाई है..!

(56) बड़े शौक से छोड़ा था
उसने मुझे अपने हाल पर
मगर इन आंखों में शायद
अब भी तेरा इंतजार बाकी है.!!

(57) हमीं अकेले नहीं जागते हैं रातों में,
उसे भी नींद बड़ी मुश्किलों से आती हैं।

(58) अपनी लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ती है,
सैलाब तो उमड़ता है जीत जाने के बाद।

(59) अकेला चलना सीखो क्योंकि सहारा कितना भी सच्चा हो,
एक दिन औकात दिखा ही देता है।

(60) नए लोग से आज कुछ तो सीखा है,
पहले अपने जैसा बनाते है फिर अकेला छोड़ देते हैं।

(61) हर शख्स नज़र आता है अपने हमसफ़र के साथ,
मैं क्यूँ अकेली खड़ी हूँ अपने गुज़रे हुए कल के साथ।

(62) दुनिया का असली रंग रिश्तों ने दिखाया है,
मुझे अकेले चलना अपनों ने ही सिखाया है।

(63) कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है,
एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास।

(64) तुझे क्या खबर थी की तेरी यादो ने किस-किस तरह सताया,
कभी अकेले में हसांया तो कभी महफ़िलो में रुलाया।

(65) अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफर,
हर सफर में हमसफर नही होते।

(66) मत करना इश्क बहुत झमेले हैं,
हंसते साथ है और रोते अकेले हैं।

(67) बहुत शौक था दुसरो को खुश रखने का,
होश तो तब आया जब खुद को अकेला पाया

(68) किसे अपना कहा जाय सभी दिल तोड़ जाते हैं,
सज़ाकर दिल की महफिल को अकेला छोड़ जाते हैं।

(69) अकेले पन को इतना अकेला बनाया मैंने,
अपना किस्सा खुद अपने आप को सुनाया मैंने।

(70) जिंदगी की हकीकत को बस हम ने जाना है,
दर्द में अकेले हैं खुशियों में सारा जमाना है।

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