75+ चाय पर बेहतरीन शायरी, Chai Shayari in Hindi

Chai Shayari in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में आपको कुछ चाय पर बेहतरीन शायरी का संग्रह दिया गया हैं. जो चाय के सौकीन होंगें उन्हें यह Chai Lover Shayari बहुत ही पसंद आएगी. वैसे तो चाय लोग हर मौसम में पीते हैं. लेकिन जो चाय पीने का मजा बारिश के मौसम में गरम – गरम पकोड़े के साथ हैं. वह कुछ अलग ही होता हैं.

चाय के सौकीन लोगों की दिन की शुरुआत तो गरमा – गरम चाय से ही होती हैं. भारत में सबसे ज्यादा लोग चाय पीना पसंद करते हैं. बहुत लोग आपको ऐसे मिल जाते हैं. की अगर उनको सुबह की चाय नहीं मिली तो उनका पूरा दिन ही बेकार जाता हैं.

अब आइये यहाँ पर कुछ नीचे Chai Lover Shayari in Hindi में दिए गए इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Shayari on Chai आपको पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.

चाय पर बेहतरीन शायरी, Chai Shayari in Hindi

Chai Shayari in Hindi


(1) ताउम्र जलते रहे हैं धीमी धीमी आँच पर,
तभी ये इश्क़ और चाय मशहूर हुए हैं।

(2) चाय के नशे का आलम तो कुछ यह है गालिब,
कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते है।

(3) जब जब कमबख्त तेरी याद ज़हन में आती है,
पतीले में चाय चढ़ा दी जाती है

(4) आप चाय पीने हमें बुलाएंगे,
हम जिन्दगी लेकर पहुँच जाएंगे।

(5) उसकी हर घूंट, हर चुस्की भी कमाल है,
सांवली रंग की चाय, ही जिंदगी में बवाल है।

(6) इश्क, मोहब्बत, प्यार सब ऐसे जताता हूं,
मैं हर मर्ज़ की दवा सिर्फ चाय बताता हूं।

(7) इज़हार ए मोहब्बत बेधड़क होनी चाहिए,
चाय हो या इश्क़ हो कड़क होना चाहिए।

(8) अपनी अपनी फितरत है जनाब,
उन्होंने बेवफाई नहीं छोड़ी, हमने चाय नहीं छोड़ी।

(9) चाय तो सिर्फ दवा है साहेब,
दर्द तो कुछ और ही है।

(10) मेरी सारी गलतियों की मिलकर सज़ा दो,
कभी साथ में बिठाकर चाय पिला दो।

Chai Lover Shayari

Chai Lover Shayari

(11) आज फिर साथ बैठकर चाय का मजा लेते है,
हमारी मोहब्बत को एक नई बुलंदी पर ले जाते है।

(12) किसको बोलो हैलो, किसको बोलू हाय,
हर टेंशन हा एक ही हल, अदरक वाली चाय।

(13) हाथ में चाय हो यादो में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।

(14) हर कोई आगे बढ़ गया मेरी दुनिया से,
बस चाय और मै पीछे रह गए।

(15) ज़िन्हे चाय से लगाव होता है,
उसके दिल में जरूर घाव होता हैं

(16) हर एक सवाल में ज़िन्दगी उलझती गई,
पीते ही चाय हर मुश्किल सुलझती गई।

(17) ख़त्म होने दो बंदिशे सभी,
सब मिलेंगे यार चाय पर कभी।

(18) हम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।

(19) मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ?

(20) कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है,
मेरे रग-रग में चाय सफर करती है।

Chai Par Shayari

Shayari on Chai

(21) चाय से आशिक़ी का मेरा ख्याल नहीं बदलेगा,
साल तो बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा।

(22) थोड़ा नशा चाय का, थोड़ा तुम्हारा भी है,
आज बहक जाने का मन, जनाब हमारा भी है।

(23) मैंने देखा ही नहीं कोई मौसम,
चाहा है तुझे चाय की तरह।

(24) हमारे लिए चाय शौक, लत, इश्क़ हो सकता है पर,
मैंने देखा है लोगों को चाय से भूख मारते हुए।

(25) हमें तुमसे उतनी ही मोहब्बत है,
जितनी काली चाय को दूध से।

(26) आओ न सुबह की चाय पिलाते हैं,
मीठे में शक्कर की जगह इश्क मिलाते हैं।

(27) माँ के हाथो की चाय ने रोक रखा है,
वरना कबके घर छोड़ कर निकल गए होते।

(28) चलो उस शहर चलते हैं,
जहां चाय के दीवाने हर गली नुक्कड़ में मिलते हैं।

(29) चाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया के,
किसी में इतना डूबोगे तो टूट जाओगे।

(30) जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है।

(31) जिंदगी असली वही जीते है,
कैसा भी हाल हो वो बस चाय पीते है।

चाय पर बेहतरीन शायरी

(32) मैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनी,
पर महक चाय से तेरी यादों की आयी।

(33) ऐसी एक चाय सबको नसीब हो,
हाथ में कप ओर सामने हबीब हो।

(34) मेरी जिंदगी कुछ इस कदर मुकम्मल हो जाए,
एक कप चाय तेरे हाथ की बनी मिल जाए।

(35) ठंडा जरा अपना लहजा रखना,
क्योंकि गर्म तो सिर्फ मुझे चाय पसंद है।

(36) सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी,
लगी हैं लत तेरे होठों की।

(37) हल्के में मत लेना तुम सांवले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौकीन चाय के

(38) हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।

(39) छोड़कर जा रहा हूं मै हमसफ़र तेरा शहर,
हो सके तो मुझको चाय पिलाकर रवाना कर।

(40) रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो,
आपके महबूब को चाय जो पसंद है।

(41) हर वक़्त जहन में दर्द, दवा भी नाक़ाम हैं,
हर दर्द को भुला दे, न ही वो चाय की दुकान है।

(42) शिकायतें वहां होती हैं, जहाँ हिसाब होते हैं,
चाय तो मोहब्बत है, जिसका प्यार बेहिसाब है।

Chai Par Shayari

(43) चाय की तलब और उफ्फ ये याद तेरी,
बस इतनी सी है जायजाद मेरी।

(44) ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है,

(45) इन सुनसान सड़कों पर सुहाना सा सफर चाहिए,
हां मुझे चाय जैसा एक हमसफर चाहिए।

(46) मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !

(47) जैसे शाम ढलती जा रही है,
तुम्हारे संग चाय की तलब,
बढ़ती जा रही है।

(48) चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं !
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता हूँ ।

(49) ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !

(50) ये चाय की लत भी बड़ी खराब है,
तन्हाई में भी दिलाती तेरी ही याद है !

(51) कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते हैं,
कभी इश्क़ करना हो तो चाय वालों से मिलना !

(52) वो पल भी कोई पल है,
जिस पल तेरा एहसास ना हो,
वो चाय फिर चाय कैसी,
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो !

Chai Shayari in Hindi

(53) दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के !

(54) जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती,
तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे !

(55) जितना उबलती है उतनी बेहतर लगती है,
ये चाय भी ना मुझे मेरे,
गुस्सेवाली बाबू जैसे लगती है !

(56) लोगों की दोस्ती पर शक होने लगा है,
क्योंकि चाय पिने वाला आज कल,
कॉफी जो पिने लगा है !

(57) बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय ठंडी होती गई और आँखे नम !

(58) उस चाय से भरे प्याले में बस कमी थी,
तो उसके इश्क़ करने वाले हाथों की !

(59) जैसे जैसे इन सर्दियों में कोहरा हुआ
चाय के साथ मेरा इश्क़ और गहरा हुआ।

(60) काश, में इस तरह की चाय बना
पाता, नफरतों को दिल से हमेशा
के लिए मिटा पाता।

(61) तस्बीरो के साथ इश्क का बहम
पाल रखा है वो तेरा चाय का झूठा
कप आज भी सम्भाल रखा है….

(62) कुछ इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में
उसका राज है जैसे चाय की चुस्की
में अदरक का स्वाद है।

(63) में मिटटी के कुल्हड़ सा तेरी खुशबु
से मगरूर हूँ तू कड़क चाय की पत्ती
है में उबला हुआ दूध हूँ।

(64) ना इश्क़, मोहब्ब्त और प्यार,
और ना ही किसी का दीदार,
हमे तो पसन्द है अपने दोस्तों
के साथ वो कुल्हड़ वाली चाय।

(65) इश्क़ में दर्द का होना लाज़मी है…..
क्योंकि बिना चीनी की चाय फ़ीकी लगती है

(66) ये इश्क़ का ऐसा सुरुर है जो सुबह
चाय के साथ उसकी याद दिलाता है

(67) खुद के लिए कुछ दिन अकेले ही जी लेना,
किसी ओर के हाथ की नहीं,
अपने हाथ की चाय बनाकर पी लेना।।

(68) जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।

(69) सुबह की चाय और बड़ो की राये,
समय समय पर लेते रहना चाहिए।

(70) सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो,
पर मुंह बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।

(71) सभी सिसकियों की हाय लाया हूं,
अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय लाया हूं।

(72) एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।

(73) कभी कभी लगता है यह दुनिया छोड़कर चला जाऊं,
लेकिन फिर कमबख्त चाय की याद आ जाती है …

(74) एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।

(75) मायूस चेहरे उस वक्त खिलेंगे,
जब सारे दोस्त एक साथ चाय पर फिर मिलेंगे।।

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