80+ इश्क़ शायरी, Shayari on Ishq in Hindi

Shayari on Ishq in Hindi – आपको इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन Ishq Shayari in Hindi का संग्रह दिया गया हैं. इस सभी इश्क़ शायरी को हमारे लोकप्रिय शायरों द्वारा लिखा गया हैं.

कहा जाता हैं की जब किसी को इश्क हो जाता हैं. तब उसे सारी दुनिया हसीन लगने लगती हैं. इश्क में इन्सान सिर्फ अपना दिल ही नहीं वह अपना दिमाग भी हार बैठता हैं. सभी को अपने जीवन में इश्क एक बार तो जरुर होता हैं. इससे आज तक कोई नहीं बच पाया हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Heart Touching Shayari on Ishq in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी Ishq Par Shayari in Hindi आपको पसंद आएगी. इसे अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेयर करें.

इश्क़ शायरी, Shayari on Ishq in Hindi

Shayari on Ishq in Hindi

(1) मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब

(2) इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
मिर्ज़ा ग़ालिब

(3) उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
राहत इंदौरी

(4) रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
अहमद फ़राज़

(5) उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
बशीर बद्र

(6) तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
बशीर बद्र

(7) उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ
अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ
अहमद फ़राज़

(8) भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
ख़ुमार बाराबंकवी

(9) ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला
बशीर बद्र

(10) आज देखा है तुझ को देर के बअ’द
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
नासिर काज़मी

(11) तुम मोहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली
बशीर बद्र

(12) हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
साहिर लुधियानवी

(13) तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
साहिर लुधियानवी

(14) करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

(15) इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
मिर्ज़ा ग़ालिब

(16) तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
अल्लामा इक़बाल

(17) ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है
जिगर मुरादाबादी

(18) दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी

इश्क़ शायरी

Ishq Mohabbat Shayari

(19) आप के बा’द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
गुलज़ार

(20) कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
बशीर बद्र

(21) न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
बशीर बद्र

(22) होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
निदा फ़ाज़ली

(23) और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

(24) मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब

(25) इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर ,
जो डूब गया वो इश्क़
और जो बच गया वो दीवाना।

(26) वो कहते है कि
भूल जाओ पुरानी बातो को ,
कोई उसे समझाए कि
इश्क़ पुराना नहीं होता ,

(27) तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो
या फरेब मेरी आँखों का ,
ना दिल से निकलते हो
ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।

(28) तुझसे ना मिलने की तड़प
कुछ ऐसी है कि ,
जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।

Ishq Shayari in Hindi

Ishq Shayari 2 Lines

(29) वो जितना मुझे पलके उठा देख लेते है ,
उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ।

(30) हर दिन याद कर
हाज़िरी लगा देते है ,
तुम्हारे दिल में पल रहे
हमारे इश्क़ की।

(31) जब होना होता है
तब होके रहता है ,
ये इश्क़ है इस पर
किसका ज़ोर चलता है।

(32) इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा
देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

(33) लगता है इश्क़ अपने
उसूलों पे कायम ही रहेगा ,
ये कल भी तकलीफ देता था
और आगे भी तकलीफ देगा।

(34) जितना तुम्हारा दीदार होता है ,
मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है।

(35) हर वक़्त फ़िराक में रहता है ,
ये मेरा इश्क़ तुमसे मिलने को कहता है।

(36) इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है ,
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है।

(37) राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की ,
मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो।

(38) कोहरा-सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो ,
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं।

(39) बार-बार वो हमपे इलज़ाम लगाते है।
कि वो कितना ही सम्भाले अपना दिल
हम हर दफा चुरा ले जाते है।

(40) इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!

(41) बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के
इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया!

Ishq Shayari in Hindi

(42) लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे!

(43) अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी!

(44) इश्क का दस्तूर ही ऐसा है
जो इस को जन लेता है ये उसकी जान लेता है !

(45) चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है!

(46) क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क
जान का रोग है बला है इश्क!

(47) इश्क़ नाज़ुक मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता!

(48) इश्क का तो पता नहीं पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !

(49) शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो!

(50) हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे!

(51) शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे
माशूक निकले हैं सज धज कर अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे !

(52) बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई !

इश्क़ शायरी

(53) रब ना करें इश्क की कमी किसी
को सताए प्यार करो उसी से
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए

(54) इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !

(55) मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शौहरत
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले !

(56) चलते तो हैं वो साथ मेरे
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क
करके वो एहसान कर रहें है !

(57) दिल कितना भी उदास क्यो ना हो मेरा
तुम्हारा मुझे संभाल लेना सुकून देता है..!

(58) बज़्म-ए-हिदायत से अपना क्या वास्ता साहब,
कि जिनको इश्क़ हो जाये वो सुधरा नहीं करते।

(59) हुस्न के क़सीदे तो गढ़ती रहेगी महफ़िलें,
झुर्रियां भी प्यारी लगे तो समझ लेना इश्क़ है।

(60) ताउम्र जलते रहे हैं धीमी धीमी आँच पर,
तभी ये इश्क़ और चाय मशहूर हुए हैं।

(61) इश्क ने देख क्या तबाही मचा रखी है।
आधी दुनिया पागल और आधी शायर बना रखी है।

(62) उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं।

(63) ये इश्क तो बस एक अफवाह है,
इस दुनिया में किसे किसकी परवाह हैं।

(64) दूर रहकर भी हमसे वो गुनाह हो गया,
आपसे मिले बिना ही इश्क बेपनाह हो गया।

(65) अधूरे इश्क़ में ही होती हैं बेपनाह चाहत,
मुकम्मल इश्क़ में तो लोगों को झगड़ते देखा हैं।

Shayari on Ishq in Hindi

(66) तुम आए तो मेरे इश्क में अब बरकत होने लगी है,
चुपचाप रहता था दिल मेरा, अब हरकत होने लगी है।

(67) उसके इश्क में मुकाम की चाह कुछ इस कदर है,
कि उसकी बेवफाई में भी नादानी नज़र आती हैं।

(68) लबों को छूकर यूँ बहकाया ना करो,
यूँ सपनों में इश्क़ महकाया ना करो।

(69) इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा

(70) फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…

(71) मैं भी हुआ करता था
वकील इश्क वालों का कभी….
नज़रें उस से क्या मिलीं
आज खुद कटघरे में हूँ….”

(72) भटक जाते हैं लोग अक्सर
इश्क़ की गलियों में,
इस सफर का कोई इक
नक्शा तो होना चाहिए।

(73) इश्क है वही जो हो एक तरफा;
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।

(74) मेरे इश्क़ से मिली है ,,
तेरे हुस्न को ये शौहरत ,
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था
मेरी दीवानगी से पहले ,,

(75) जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का . .
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ

(76) इश्क़ है तो शक कैसा
अगर नहीं है तो फिर हक कैसा..?

(77) इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से
वो होता है और हो कर ही रहता है !

(78) इश्क़ अगर ख़ाक ना करे
तो ख़ाक इश्क़ हुआ !

(79) इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग,
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग.

(80) जरुरी तो नहीं, हर चाहत का मतलब इश्क हो,
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी…
दिल बेचैन हो जाता है…!!!!

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