110+ वक्त पर शायरी, Waqt Shayari in Hindi

Waqt Shayari in Hindi – दोस्तों आपको यहाँ पर कुछ बेहतरीन वक्त पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी वक्त पर शायरी को हमारे लोकप्रिय और प्रसिद्ध शायरों के द्वारा लिखी गई हैं. आप इन सभी Shayari on Waqt in Hindi को किसी आयोजन या रंगमंच पर भी सुना सकते हैं.

हमारे जीवन में समय का बहुत ही महत्व हैं. समय ही कब किसी को राजा से रंक और रंक से राजा बना देता हैं. समय किसी के लिए नहीं रुकता हैं. इस दुनिया में समय वक्त को सबसे बड़ा बलवान माना गया हैं. इसलिए हमलोगों को समय का कद्र करना चाहिए. और इसे सही कार्य करने में लगाना चाहिए.

अब आइए यहाँ पर कुछ नीचे Waqt Shayari in Hindi को पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Waqt Par Shayari आपको पसंद आएगी. इस Waqt ki Shayari को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

वक्त पर शायरी, Waqt Shayari in Hindi

Waqt Shayari in Hindi

(1) दुनिया समझती है बेकार जिसे
वो खोटा सिक्का भी एक दिन चल जायेगा।
मंजिल चुन कर बढ़ चुका हूँ मैं
हौसले बढ़ रहे हैं मेरे, समय भी बदल जायेगा।

(2) वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए…

(3) किसी की मजबूरियों पर मत हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही लाता,
डरिए समय की मार से क्योकि
बुरा समय किसी को बताकर नही आता।

(4) अभी तो थोडा वक्त हैं,
उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें,
हमारा वक्त तो आने दो…

(5) वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना,
लेकिन समय सबको मजबूर कर देता हैं।

(6) रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक़्त सबको मिलता है ज़िन्दगी बदलने के लिए
पर ज़िन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए.

(7) समय से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी ना सोचो,
क्या पता कल समय ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे।

(8) बुरा वक्त तो सबका आता हैं,
कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता हैं…

(9) एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया
गुजरा हुआ समय बहुत कुछ सिखा कर चला गया,
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं,
जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया..।।।

(10) वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख,
किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे…

Shayari on Waqt in Hindi

Waqt Shayari in Hindi

(11) इंतजार नहीं करता ये समय किसी का
और किसी के लिए रुकता भी नहीं
बस चला जाता हैं
इसे फ़िक्र किसी की नहीं..

(12) जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं…

(13) कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं
चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।

(14) जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आते
तो अपनों में छुपे गैर,
और गैरों में छुपे हुए अपने
कभी नजर नही आते…

(15) समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं
जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।

(16) वक्त का खास होना जरूरी नही…
खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी हैं…

(17) हार जाते हैं वो जो समय के आगे
घुटने टेक दिया करते हैं।
जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के
लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।

(18) वक्त बदला और बदली कहानी हैं,
संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं,
न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम,
मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं…

(19) दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है
समय गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।

(20) उनका भरोसा मत करों,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाएँ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल वैसे ही रहे,
जब आपका वक्त बदल जाए.

Waqt Par Shayari

Waqt Par Shayari

(21) आगे वही बढ़ पायेगा
जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा,
कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा
किस्मे है कितना दम अब ये समय बताएगा।

(22) कभी एक लम्हा ऐसा भी आता हैं,
जिसमे बीता हुआ कल नज़र आता हैं,
बस यादें रह जाती है याद करने के लिए,
और वक्त सब कुछ लेके गुज़र जाता हैं…

(23) सो रही है दुनिया,
बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है।
दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं
समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।

(24) वक्त से ज्यादा ज़िन्दगी में,
कोई भी अपना और पराया नही होता,
अगर वक्त अपना हैं तो सभी अपने होते हैं,
और अगर वक्त ही पराया हो तो
अपने भी पराये हो जाते हैं…

(25) बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे
समय जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

(26) वक्त का पता नही चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता हैं वक्त के साथ…

(27) समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है,
ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है,
कौन करता है याद किसी को यारा,
समय के साथ खयालात भी बदल जाते है।

(28) चलकर देखा हैं अकसर, मैंने अपनी चाल से तेज…
पर वक्त और तकदीर से आगे कभी निकल न सका…

(29) वक्त की एक आदत बहुत अच्छी हैं,
जैसा भी हो गुजर जाता हैं…

(30) बुरा वक्त कभी भी बताकर नही आता,
पर सिखाकर और समझकर
बहुत कुछ जाता हैं…

वक्त पर शायरी

(31) वक्त ने बदल दी, तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा,
पहले दोस्ती, फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास।।

(32) रोना तो खूब चाहता था,
पर ज़िम्मेदारीयों ने इतना वक्त भी ना दिया मुझे।।

(33) दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिए जनाब,
लोगों के पास वक्त कहां, एहसासों को सुनने का।।

(34) वो जो कपडे बदलने का शौक रखते थे,
आखिरी वक्त न कह पाये कफ़न ठीक नही।।

(35) अभी साथ था अब खिलाफ है,
वक्त का भी आदमी जैसा हाल है।।

(36) मेरे साथ बैठकर वक्त भी रोया एक दिन,
बोला बन्दा तु ठिक है..मै ही खराब चल रहा हूँ।।

(37) तू मुझे बनते बिगड़ते हुए अब ग़ौर से देख,
वक़्त कल चाक पे रहने दे न रहने दे मुझे।।

(38) वक्त का सितम कम था जो तुम भी शामिल हो गई,
पर जो भी हो तुम दोनो ने मिलकर बहुत रूलाया है मुझे।।

(39) वक्त जब भी शिकार करता है,
हर दिशा से वार करता है।।

(40) अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था,
पर जब भी मिला मजबूर मिला।।

Samay Shayari in Hindi

(41) राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-सालार के साथ,
हम को चलना है मगर वक़्त की रफ़्तार के साथ।।

(42) नये-नये रिश्तों में नई-नई सी महक साथ हैं,
अब कौन कितनी देर महकेगा, ये वक्त की बात है।।

(43) वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है,
कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते।।

(44) एहसान तुम्हारे एकमुश्त,
किश्तों में चुकाए हैं हमनें,
कुछ वक्त लगा पर अश्कों के,
कुछ सूद चुकाए हैं हमनें।।

(45) जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।।

(46) बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे,
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।।

(47) हमारे ख़ातिर ज़रा कुछ पल उधार लेके आओ,
वक्त मिले तो हमारे लिए भी कुछ वक्त ले आओ।

(48) रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी,
देखना तो ये है दीयों का सफर कितना होगा।।

(49) वक्त नहीं है किसी के पास,
जब तक न हो कोई मतलब खास।।

(50) ज़िन्दगी की भी अजीब सी कहानी है,
किसी के साथ हम वक़्त को भूल जाते है,
तो कोई वक़्त के साथ हमे भूल जाते है।

Shayari on Waqt in Hindi

(51) ना उसने मुड़ कर देखा ना हमने पलट कर आवाज दी,
अजीब सा वक्त था जिसने दोनो को पत्थर बना दिया।।

(52) सुना है कुछ लोगो का वक़्त बुरा सा चल रहा है,
और वो हैं कि नफरत हम ही से कर रहे हैं।

(53) कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा,
आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में।।

(54) ये वक़्त ही था जिसने मुझे बदनाम किया है,
वरना गिने जाते थे हम भी कभी उन शरीफों में।

(55) कितना निराला होता है ना ये बुरा वक़्त भी जनाब,
कोई अकेला रहना चाहता है,
तो कमबख्त कोई किसी के साथ।

(56) आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश,
आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये।।

(57) कुछ लोग यहाँ वक्त की तरह होते हैं,
साथ तो चल सकते हैं,
पर हमारे लिए रुक नहीं सकते हैं।

(58) सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।।

(59) वक़्त तो वार करता है,
अपने भी वार करते हैं,
पर दर्द तब ज्यादा होता है,
जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं।

(60) तुम ने वो वक्त कहां देखा जो गुजरता ही नहीं,
दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो।।

Waqt ki Shayari

(61) जनाब सब कुछ तो था उनके पास,
काश कुछ वक्त भी होता हमारे लिये उनके पास।

(62) मेरे और तुम्हारे दरमियां हुनर का अंतर है जनाब,
क्योंकि हमको सिखाया है वक्त ने,
और आप को सिखाया है किताब ने।

(63) सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का,
यही तो वक़्त है सूरज तेरे निकलने का।।

(64) हर बार वक्त को दोष देना ठीक नहीं हैं,
कभी कभी ये लोग ही बुरे होते हैं।

(65) जनाब तौबा करना अपना वक़्त किसी का करने से,
खुद की ज़िन्दगी का हिसाब नही कराया जाता औरों से।

(66) सब एक नज़र फेंक के बढ़ जाते हैं आगे,
मैं वक़्त के शो-केस में चुप-चाप खड़ा हूँ।।

(67) वो वक्त सी थी जो गुजर गई,
और मैं यादों सा था जो ठहर गया।

(68) कैसे कहूँ कि इस दिल के लिए कितने खास हो तुम,
फासले तो कदमों के हैं पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम।।

(69) सँवारा वक्त ने उसको जिसने
वक्त का सही मतलब समझा,
वरना वक्त का महत्व क्या हैं ये तो
बस वक्त का मारा ही बता सकता हैं।

(70) पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च ना करो की,
पैसा खर्च करने के लिए ज़िन्दगी में वक़्त ही न मिले।।

Samay Ki Shayari

(71) उसकी कदर करने में जरा भी देर मत करना,
जो इस दौर में भी आपको वक्त देता हो।।

(72) सुनो कभी तोहफे में घड़ी दी थी तुमने,
अब जब भी देखती हूं तो यही ख्याल आता है,
काश तुम थोड़ा वक़्त भी देते।

(73) चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके,
वक़्त ने किस शबीह को ख़्वाब ओ ख़याल कर दिया।।

(74) इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है,
और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है।

(75) जैसे दो मुल्कों को इक सरहद अलग करती हुई,
वक़्त ने ख़त ऐसा खींचा मेरे उस के दरमियाँ।।

(76) ये वक्त गुजरता रहता है,
इंसान भी बदलता रहता है,
संभाल लो खुद को तुम जनाब,
वक्त खुद चीख कर कहता है।

(77) वक़्त बर्बाद करने वालों को,
वक़्त बर्बाद कर के छोड़ेगा।।

(78) वो वक़्त भी बहुत खास होता है,
जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।

(79) हर वक़्त दिल को जो सताए ऐसी कमी है तू,
मैं भी ना जानू की इतनी क्यूँ लाज़मी है तू।।

(80) वो खूबसूरत बचपन सबको याद आता है,
जो वक्त के साथ यु बीत जाता है।

Waqt Shayari in Hindi

(81) जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द,
उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले।।

(82) जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी,
ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी,
ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा,
हाँ मगर जिन्दगी में हर वक्त एक तेरी कमी रह जायेगी…

(83) वक़्त के साथ वक़्त से ही लड़ रहें है,
वक़्त के ही खेल में वक़्त से आगे निकल रहें है।

(84) वक़्त जब करवटें बदलता है,
फ़ित्ना-ए-हश्र साथ चलता है।।

(85) आँखो में यु समन्दर लिए किनारे कि तलाश में हूँ,
इस वक्त को वक्त देकर वक्त पाने कि आस में हूँ।

(86) वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक समझते रहे,
बस यूँही धोके खाते रहे, और इस्तेमाल होते रहे।।

(87) वक्त बहुत कम है साथ बिताने में,
इसे न गवांना कभी रूठने मनाने में,
रिस्ता तो हमने बांध ही लिया है आप से,
बस थोड़ा सा साथ दे देना इसे निभाने में।

(88) जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं…

(89) खफा हम किसी से नहीं जनाब बस जरा वक़्त की कमी है,
आसमान में उड़ने का एक ख्वाब है और पैरों तले जमीं है।

(90) उसे शिकायत है कि मुझे बदल दिया वक्त ने,
कभी खुद से भी सवाल करना कि क्या तुम वही हो?

Waqt Par Shayari

(91) कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा
लोग सच में भूल जाते हैं

(92) वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख,
किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे…

(93) आँखों की नमी बढ़ गई,
बातों के सिलसिले कम हो गए,
जनाब ये वक़्त बुरा नहीं है,
बुरे तो हम हो गए।

(94) ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की
ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है

(95) वक़्त अजीब चीज़ है वक़्त के साथ ढल गए,
तुम भी बहुत करीब थे अब बहुत बदल गए।

(96) वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ
मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ

(97) ज़मीन पर मेरा नाम वो लिखते और मिटाते हैं,
वक्त उनका तो गुजर जाता है, मिट्टी में हम मिल जाते हैं।

(98) बेवजह तुम्हें यु याद करना,
बेवजह दोस्तो को यु परेशान करना,
फिजूल ही था तुम पर वक्त बर्बाद करना।

(99) जब हम रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते
तब वक़्त हमारे बीच से रिश्ते को निकाल देता है

(100) वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है,
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।

(101) अभी तो थोडा वक्त हैं,
उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें,
हमारा वक्त तो आने दो…

(102) वक़्त लगता है खुद को बनाने मे,
इसलिए वक़्त बर्बाद मत करो किसी को मानाने में।

(103) फुर्सत निकालकर आओ कभी मेरी महफ़िल में,
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में।।

(104) कितना भी समेट लो हाथों से फिसलता ज़रूर है,
ये वक्त है दोस्तों बदलता ज़रूर है।।

(105) तो क्या हुआ गर महंगे खिलौने के लिए जेब में पैसे नहीं,
मैं वक्त देता हूँ मेरे बच्चों को जो अमीरों को मयस्सर नहीं।।

(106) लोगों पर भरोसा करते वक्त ज़रा सावधान रहिये,
क्युकि फिटकरी और मिश्री एक जैसे ही नजर आते है।।

(107) कौन कहता है कि वक्त बहुत तेज है,
कभी किसी का इंतजार तो करके देखो।।

(108) प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता,
ना वक्त के साथ ना हालात के साथ।।

(109) मैं तो वक्त से हार कर सर झुकाएँ खड़ा था,
सामने खड़े कुछ लोग ख़ुद को बादशाह समझने लगे।।

(110) खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज,
कुरेद कर देख लेता है और कहता है वक्त लगेगा।।

(111) ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं,
झूठ-सच, जीत-हार की बातें छोड़िये दास्तान बहुत लम्बी है।।

(112) बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं
बड़ो को छोटे भी आँखे दिखाने लगते हैं
नये अमीरों के घर भूल कर भी मत जाना
हर ek चीज की कीमत बताने लगते हैं

(113) ऐ बुरे वक्त, जरा अदब से पेश आ,
वक्त नही लगता वक्त बदलने में।

(114) जनाब मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा,
इन बेवक़्त मौसमों की तरह तू भी क्षणभर में यु बदल जायेगा।

(115) शायद यह वक़्त हम से कोई चाल चल गया,
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों में ढ़ल गया,
अश्क़ों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही,
चलो उसी मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी।

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