देशभक्ति शायरी, Shayari on Desh Bhakti

Shayari on Desh Bhakti – इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन शायरी देशभक्ति पर दी गई हैं. यह सभी देशभक्ति शायरी को हमारे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखी गई हैं. आप इन सभी Patriotic Shayari in Hindi को किसी आयोजन या रंगमंच पर भी सुना सकते हैं.

यह सभी Shayari on Desh Bhakti हमारे अन्दर देशप्रेम की भवना को जागृत करती हैं. और इस तरह की Watan Ke Liye Shayari तमाम स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सपूतों की याद दिलाती हैं. 

अब आइए यहाँ पर कुछ निचे देशभक्ति शायरी को पढ़ते हैं. जिसको पढ़कर आपके मन में देशप्रेम की भावना जागृत हो जायगी. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी देशभक्ति शायरी आपको पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों को भी जरुर शेयर करें.

देशभक्ति शायरी, Shayari on Desh Bhakti

Desh Bhakti Shayari in Hindi

(1) आजादी की कभी शाम ना होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे,
बची है जो एक भी बूंद लहू की तब तक,
भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे..!!

(2) मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए,
जब तक जिन्दा रहूं इस मातृ-भूमि के लिए,
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये..!!

(3) दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!!

(4) लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा..!!

(5) उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं..!!

(6) सीने में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति की चमक रखता हुँ,
दुश्मन की साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ..!!

(7) चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो..!!

(8) चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में..!!

(9) अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसीलिए मेरा भारत महान है..!!

(10) न पूछो ज़माने को क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम सिर्फ हिन्दुस्तानी हैं..!!

Shayari Desh Bhakti

Desh Bhakti Shayari in Hindi

(11) आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं..!!

(12) वतन की खाक को चंदन समझकर सर पे रखतें है,
कब्र में भी खाके वतन कफन पे रखते हैं..!!

(13) चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर साँस इस देश के नाम हो जाए..!!

(14) गुमनाम बहुत हैं आज भी वतन पर जान देने वाले,
कुछ लोग वतन को कोस कर मशहूर हुए जा रहे हैं..!!

(15) खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..!!

(16) मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा, ये मुल्क मेरी जान है,
इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जां कुर्बान है..!!

(17) भारत का जो करना नमन छोड़ दे, कह दो वह मेरा वतन छोड़ दे,
मजहब प्यारा है जिसे देश नहीं, वो इसकी मिट्टी में होना दफन छोड़ दे..!!

(18) फरिस्ते सिर्फ आसमान में नहीं रहते हैं,
जमीन ए हिंद पर उन्हें जवान कहते हैं..!!

(19) लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है जमाने मे नाम-ऐ-आजादी शहीदों को नमन..!!

(20) जश्न आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को..!!

देशभक्ति शायरी

Shayari Desh Bhakti

(21) मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हुँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ..!!

(22) दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी..!!

(23) चढ गये जो हंसकर सूली, खाई जिन्होने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करते हैं, जो मिट गये देश पर, हम उनको सलाम करते हैं..!!

(24) लड़ें वो बीर जवानों की तरह, ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए, तभी तो देश आज़ाद हुआ..!!

(25) जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं..!!

(26) आज़ादी का जोश कभी कम ना होने देंगे,
जब भी ज़रूरत पड़ेगी देश के लिए जान लुटा देंगे,
क्योंकि भारत हमारा देश है,
अब दोबारा इस पर कोई आंच ना आने देंगे..!!

(27) जिंदगी जब तुझको समझा,
मौत फिर क्या चीज है ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है..!!

(28) मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है..!!

(29) आओ झुक कर सलाम करे उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है,
खुशनसीब है वो खून जो देश के काम आता है..!!

(30) भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!

देशभक्ति शायरी

(31) उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई
जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है
आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकि
सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है….

(32) कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है….

(33) उड़ जाती है नींद ये सोचकर
कि सरहद पे दी गयीं वो कुर्बानियां
मेरी नींद के लिए थीं

(34) अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं
आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं
वंदन करो उन सेनानियों को
जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं

(35) जिंदगी है कल्पनाओं की जंग
कुछ तो करो इसके लिए दबंग
जियो शान से भरो उमंग
लहराओ सबसे दिलों में देश के लिए तिरंग

(36) तिरंगा है आन मेरी
तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा
तिरंगे से है धरती महान मेरी

(37) खींच दो अपने ख़ूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो अगर कोई हाथ उठने लगे
छू ना पाये सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

(38) देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें
अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें

(39) कर जज्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम !
हर दुश्मन को मार गिराएंगे, जो हमसे देश बँटवाएंगे !!

(40) लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर

Patriotic Shayari in Hindi

(41) देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है

(42) आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे

(43) इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना

(44) जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है..

(45) मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा
ये मुल्क मेरी जान है
इसकी रक्षा के लिए
मेरा दिल और जां कुर्बान है

(46) दिलों की नफरत को निकालो
वतन के इन दुश्मनों को मारो
ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन
भारत माँ के सम्मान को बचा लो

(47) चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो
लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो

(48) लड़े जंग वीरों की तरह,
जब खून खौल फौलाद हुआ |
मरते दम तक डटे रहे वो,
तब ही तो देश आजाद हुआ ||

(49) देश की हिफाजत मरते दम तक करेंगे
दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे
आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें
जय हिन्द !!

(50) भारतमाता के लिए मर मिटना कबूल है मुझे,
अखंड भारत बनाने का… जूनून है मुझे।

Shayari on Desh Bhakti

(51) यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा,
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा।

(52) मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ।

(53) भारतमाता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपनी जान की,
तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।

(54) दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत,
मेरी मिटटी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आयेगी।

(55) वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियां रगड़ने दे,
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा।

(56) लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।

(57) तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।

(58) मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

(59) यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा,
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा।

(60) तन अनेक पर एक प्राण स्वर अनेक पर एक गान,
हम कण कण पर छा जाएंगे बन कर भारत का स्वाभिमान।

Watan Ke Liye Shayari

(61) वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,
मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं!

(62) हमें हथियार उठाने पर मजबूर मत करना,
वरना बंदूक हमारी होगी और निशाना तुम्हारा सर होगा।

(63) शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा।

(64) ना हिंदुओं से ना मुसलमानों से ना सीखो से ना ईसाइयों से,
इस मुल्क को तकलीफ है गद्दार और बेईमानों से।

(65) दुश्मन क्या मारे इतनी उसकी औकात नहीं,
हम तो अपनो की ही साजिश के शिकार है।

(66) देश भक्ति जिसमें हो बस वो एक दिल साज है,
देश भक्ति जिसमें नहीं वो जिंदगी बेकार है।

(67) मेरे देश के वीरो को ललकार ने की कोशिश मत करो,
ए दुश्मनों, वरना नाश नहीं सर्वनाश होगा।

(68) अब तो मेरी कलम भी रो पड़ी है,
शहीदों की शहादत लिखते लिखते।

(69) चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो!
लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो।

(70) जिन्हें हम हार समझ बैठे थे गला अपना सजाने को,
वहीं अब नाग पर बैठे हमी को काट खाने को।

Watan Par Shayari

(71) एक पल में जो आकर गुजर जाता है ये वो हवा का झोंका नहीं
ये वो तूफान है जो दुश्मन को मारे बिना सोता नहीं।

(72) लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।

(73) जश्न आज़ादी का मुबारक हो देश वालों को,
फंदे से मोहब्बत थी वतन के मतवालो को।

(74) वतन की सर बुलंदी में, हमारा नाम हो शामिल,
गुजरते रहना है हमको, सदा ऐसे मुकामो से।

(75) सलाम है तिरंगे को जिसमें मेरे देश की शान है,
ऊंचा रहेगा तिरंगा जब तक मेरे कतरे कतरे में जान है।

(76) भारत की फजाओं को सदा याद रहूँगा,
आजाद था, आजाद हूँ, आजाद रहूँगा।

(77) खूबसूरत है दुनिया में सबसे नाम बहुत न्यारा है
इस देश की मिटटी पे अभिमान हमारा है
विभिन्नताओं में बसता है यह देश
इसी भारत में यही हिन्दुस्तान दुनिया में सबसे प्यारा है।

(78) मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,
होता नहीं गुलाम कोई लोग किये जाते हैं
उन वीरों को शत शत नमन करो,
मौत के साए में होते है और जिए जाते हैं।

(79) दिल की नफरते निकालना जरूरी है
वतन के दुश्मनो को मारना जरूरी है
देश अगर खतरे में हो मेरे दोस्त
इस धरती को संभालना जरूरी है।

Desh Prem Shayari

(80) अपनी आजादी को कभी खोने नहीं देंगे
जगाई थी जो आग वीरों ने अब सोने नहीं देंगे
खून का एक कतरा है जब तक
इस भारत माँ को अब ना रोने देंगे।

(81) ये देश तुम्हे बुला रहा है आ जाओ
कर्ज इस माँ का चूका जाओ
देकर कुर्बानी अपने जान की
सच्चे लाल तुम्ही हो एक बार दिखला जाओ।

(82) कोम को कबीलों में मत बाटिए,
लम्बे सफर को मीलो में मत बाटिए
ये बहता दरिया है मेरा भारत देश
इससे नदियों और झीलों में मत बाटिए।

(83) दुश्मन सुन ले हम क्षमा करना जानते है
तो हम लहू बहाना भी जानते है
अगर कि फिर से हिमाकत मेरे देश की
तरफ देखने की तो तेरा नाम ओ निशान मिटा देंगे।

(84) ना पूछो मुझसे मैं कौन हूं क्या हूं
हमारी तो पहचान बस इतनी है
कि मैं भारत मां का लाल हूं।

(85) मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ।

(86) बच्चे-बचे के दिल में कोई अरमान निकलेगा
किसी के रहीम तो किसी के राम निकलेगा,
मगर उनके दिल को झाँक के देखा जाए,
तो उसमें हमारा प्यारा हिंदुस्तान निकलेगा।

(87) कतरा – कतरा भी दिया वतन के वास्ते,
एक बूँद तक ना बचाई इस तन के वास्ते,
यूं तो मरते है लाखो लोग हर रोज़,
पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते।

(88) कोई मंदिर कोई मस्जिद और कोई रब नहीं होता,
दरिंदो का अपना कोई मज़हब नहीं होता,
तबाही करने वालों का मज़हब सिर्फ तबाही है,
लहू किसका बहा उन्हें कोई मतलब नहीं होता।

(89) फहराए तिरंगा अंबर में
मां का धानी परिधान रहे
जब तक चमके सूरज चंदा
ये मेरा प्यारा हिन्दुस्तान रहे।

(90) दे सलामी इस तिरंगे को,
जिस से तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक तुझ में जान है।

(91) खुशबू मेरे वतन की सांसो में इस तरह घुल गई है
कि जब भी कुछ बोलता हूं और सोचता हूं
तो जय हिंद, वंदेमातरम ही याद आता है।

(92) बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।

(93) हम अपने खून से लिखेंगे कहानी ऐ वतन मेरे,
करे कुर्वान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे,
दिली ख्वाइश नहीं कोई मगर ये इल्तजा बस है,
हमारे हौसले पा जाये मानी ऐ वतन मेरे।

(94) आओ झुक कर करें सलाम उन्हें,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
कितने खुशनसीब हैं वो लोग,
जिनका खून वतन के काम आता हैं।

(95) मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है,
कि चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है,
मैं अमन पसंद हूँ,
मेरे शहर में दंगा रहने दो,
लाल और हरे में मत बांटो,
मेरी छत पर तिरंगा रहने दो।

(96) गूंजे कहीं पर शंख, कहीं पे अजान है,
बाइबिल है, ग्रन्थ सहाब है, गीता का ज्ञान है,
दुनिया में कहीं और ये मंजर नसीब नहीं,
दिखा दो दुनिया को के ये हिन्दुस्तान है।

(97) सीने में जुनून दिल में हिंदुस्तान रखता हूं
देखकर दुश्मन की सांसे थम जाए
आंखों में ऐसी जवाला रखता हूं।

(98) मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

(99) ये नफरत बुरी है न पालो इसे,
दिलो में खलिश है निकालो इसे,
न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका,
यह सब का वतन है, बचा लो इसे।

(100) और भी खूबसूरत और भी ऊंचा
मेरे देश का नाम हो जाये,
काश कि हर हिंदू विवेकानंद
और हर मुस्लिम कलाम हो जाये।

(101) हम वतन के सिपाही है
तन मन धन सब देश के नाम लिख जाएंगे
जान तो क्या रूह भी देश के नाम कर जाएंगे।

(102) खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है।

(103) आज फिर कयामत होगी
महफिल तुम्हारी होगी दोस्त भी तुम्हारे होंगे
बस चर्चे हमारे हिंदुस्तान के होंगे।

(104) मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरान,
अपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान।

(105) जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो:
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो:
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

(106) हर पत्ते पर तेरा नाम लिख दूंगा
जो आंख उठेगी तेरी तरफ
वो हर एक आंख को बंद कर दूंगा
देश के खातिर अपने आप को कुर्बान कर दूंगा।

(107) जहाँ पक्षपात के फैले जाल होते हैं,
वहाँ हुनरमंदों के सपने बेहाल होते हैं,
वो मुल्क़ कभी तरक्की नहीं कर सकता,
जहाँ के वज़ीर ही दलाल होते हैं।

(108) तूफान कभी शांत नहीं होते
आंधियों से जो डर जाए वो मुकाम नहीं होते
जो देश के झंडे को सलाम नहीं करते
वो सच्चे इंसान नहीं होते।

(109) चिराग जलते है तो जलने दो
आसमां रोशन होता है होने दो
बंद करो हिन्दू मुस्लिम को बाटने का धंधा
अब हमे मिलजुलकर एक तिरंगे के नीचे रहने दो।

(110) उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का क़र्ज़ देश पर उधार है,
आप और हम इस लिए खुशहाल हैं क्योंकि,
सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं।

(111) आरजू बस यही है
मेरी हर सांस देश के नाम हो
जो सिर उठे तो मेरे सामने तिरंगा हो
जो सिर झुके तो वतन को प्रणाम हो।

(112) दिलों की नफरत को निकालो,
वतन के इन दुश्मनों को मारो,
ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन,
भारत माँ के सम्मान को बचा लो!!

(113) एक दिया उनके भी नाम का
रख लो पूजा की थाली में,
जिनकी सांसे थम गई हैं
भारत माँ की रखवाली में।

(114) जन्नत से बढकर वतन कर ले
जय हिंद जय हिंद, वंदेमातरम्
अमर शहीदों को नमन कर ले।

(115) आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद भी लहू की तब तक,
भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

(116) दोस्तों… एक सैनिक ने क्या खूब कहा है…
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना… ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

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