रिश्ते पर शायरी, Rishte Shayari in Hindi

Rishte Shayari in Hindi : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय रिश्ते पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. हमारे जीवन में रिश्तों की अहमियत बहुत ही खास होती हैं. हमारे जीवन में अनेको प्रकार के रिश्ते होते हैं. जैसे – भाई, बहन, माता – पिता, दोस्त आदि. इन सभी रिश्तों में एक खास चीज होती हैं. वह विश्वास और भरोसा होता हैं. जिससे हमारा रिश्ता किसी के साथ भी मधुर बना रहता हैं. इस दुनिया में कुछ रिश्ते मतलबी भी होते हैं. जो अपना स्वार्थ सिद्ध होने के बाद बदल जाते हैं.

अब आइये यहाँ पर कुछ नीचे Rishte Shayari in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी Risto ki Shayari आपको पसंद आयगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

Rishte Shayari in Hindi

रिश्ते पर शायरी, Rishte Shayari in Hindi

(1) रिश्ता वो नही जो दिखाया जाता है,
रिश्ता वो होता है जो निभाया जाता है।

(2) कुछ रिश्ते अपने होने का एहसास दिलाते है,
वही रिश्ते जिंदगी में बेहद ही खास होते है।

(3) जो सुख दुख में हमेशा खड़ा होता है,
वही रिश्ता सबसे बड़ा होता है।

(4) जो हालातों को देखकर घबराते है,
वो रिश्ते ज्यादा दिन तक नही चल पाते है।

(5) दोस्ती का रिश्ता बड़ा ही अजीब होता है,
वही रिश्ता निभा पाता है जो दिल के करीब होता है।

(6) कुछ रिश्तों की एहमियत खत्म हो जाती है,
जब रिश्तों को अहमियत नही मिलती है।

(7) वही रिश्ते लाजवाब होते है,
जिनके कोई जवाब नही होते है।

(8) बहुत रिश्तों में एहसास ही काफी होते है,
जो बिना बताए ही बात समझ जाते है।

(9) रिश्तों में मिठास होता है,
जब रिश्ता निभाने वाला कुछ खास होता है।

(10) वक्त ने रिश्तों का मतलब बताया,
कौन अपना कौन पराया है ये बतलाया।

(11) उम्र भर निभाने की कसमें वही टुट जाती है,
जहां अक्सर रिश्ते कमजोर होते है।

(12) रिश्तों में थोड़ा वक्त निकाला जाता है,
तभी तो हर रिश्ता अच्छे से निभाया जाता है।

रिश्ते पर शायरी

(13) रिश्ते फुलों की कलियां की तरह होते है,
थोड़ा कुछ भी हो तो बिखर जाते है।

(14) कुछ रिश्ते हालातों से हार जाते है,
तब हम कुछ नही कर पाते है।

(15) मैं सितारा नहीं हूँ सूरज हूँ
गहरा रिश्ता है मेरा मिट्टी से
– ख़लील रामपुरी

(16) सच के धागे से जो बने रिश्ता
उम्र भर उस्तुवार रहता है
– इब्न-ए-मुफ़्ती

(17) ख़ामोशी का शोर से रिश्ता
ये भी अजब सी बात है यारों
– मुशताक़ सदफ़

(18) मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिए
इक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
– सय्यद अारिफ़

(19) इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं
– राहत इंदौरी

(20) दिल से दुनिया का जो रिश्ता है अजब रिश्ता है
हम जो टूटे हैं तो कब शहर सलामत होगा
– असद बदायुनी

(21) एक महाज़ पे हारे हैं हम
ये रिश्ता क्या कम रिश्ता है
– शारिक़ कैफ़ी

(22) रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे
हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे
– शकील जमाली

Risto ki Shayari in Hindi

(23) नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
– जौन एलिया

(24) दामन किसी का हाथ से जाता रहा मगर
इक रिश्ता-ए-ख़याल है जो टूटता नहीं
– अज्ञात

(25) ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी
– वसीम बरेलवी

(26) रिश्ता बहाल काश फिर उस की गली से हो
जी चाहता है इश्क़ दोबारा उसी से हो
– इरशाद ख़ान ‘सिकंदर’

(27) ‘तलब’ बड़ी ही अज़िय्यत का काम होता है
बिखरते टूटते रिश्तों का बोझ ढोना भी
– ख़ुर्शीद तलब

(28) क्या क़यामत है कि तेरी ही तरह से मुझ से
ज़िंदगी ने भी बहुत दूर का रिश्ता रक्खा
– आलोक मिश्रा

(29) एक रिश्ता भी मोहब्बत का अगर टूट गया
देखते देखते शीराज़ा बिखर जाता है
– नुशूर वाहिदी

(30) रखे रखे हो गए पुराने तमाम रिश्ते
कहाँ किसी अजनबी से रिश्ता नया बनाएँ
– साबिर

(31) दिल के रिश्ते अजीब रिश्ते हैं
साँस लेने से टूट जाते हैं
– मुस्तफ़ा ज़ैदी

(32) सरहदें रोक न पाएँगी कभी रिश्तों को
ख़ुश्बूओं पर न कभी कोई भी पहरा निकला
– अज्ञात

(33) चलो कहीं पे तअल्लुक़ की कोई शक्ल तो हो
किसी के दिल में किसी की कमी ग़नीमत है
– आफ़ताब हुसैन

(34) दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए
– निदा फ़ाज़ली

Badalte Rishte Shayari

(35) पीठ से निकले ख़ंजर को गिना जब मैने,
ठीक उतने ही थे जितनो को गले लगाया था मैंने।

(36) बुरे वक़्त में रिश्तेदार काम आते हैं,
बुरा वक़्त लाने वाले भी अक्सर रिश्तेदार ही होते हैं।

(37) दो चेहरों का बोझ मत उठाओ,
मन न मिले तो हाथ मत मिलाओ।

(38) हम अकेले ही चलना पसंद करते है रास्तों पर,
ना जाने मतलबी लोग क्यों हाथ पकड़ लेते है।

(39) रिश्तों में कभी कभी हाथ छूङाने की ज़रूरत नहीं पड़ती,
लोग साथ रह कर भी बिछङ जाते हैं।

(40) इस दुनिया ने सिर्फ मतलब के लिए ही आज़माया है,
मतलब निकल जाने के बाद, अजनबी बनकर ठुकराया है।

(41) यहाँ सब मतलब की यारी है,
दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है,
लोग रिस्तो को भूल जाते है,
बस समय बुरा आने में याद आते है।

(42) कोई नहीं किसी का यहाँ,
सबको फायदे की लगी बीमारी है,
लालच से चल रही दुनिया,
सब मतलब की रिश्तेदारी है।

(43) भुला देंगे तुम्हे भी, जरा सब्र तो कीजिए,
आपकी तरह मतलबी होने का वक्त तो दीजिये।

(44) रिश्ते की सिलाई, अगर भावना से हुई है,
तो टूटना मुश्किल है
और अगर स्वार्थ से हुई है, तो टिकना मुश्किल है।

(45) मतलबी रिश्तो की, बस इतनी सी कहानी है,
अच्छे वक़्त में खूबियां,
और बुरे वक़्त में कमियां दिखानी है।

(46) कुछ रिश्ते ऊपर बनते है कुछ रिश्ते ‘लोग’ बनाते है,
वो लोग बहुत ख़ास होते है जो बिना रिश्ते रिश्ता निभाते है।

(47) रिश्ते कभी बाजारों में नहीं बिकते,
और खामोश रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिकते।

(48) मतलब तो इंसान के चेहरे पर साफ दिख जाती है,
हमे तो बस भरोसा करने की गलती हो जाती है।

(49) दिल में आपकी जगह हम आपको दिखा नहीं सकते,
कुछ रिश्ते बहुत अनमोल होते हैं, आपको हम समझा नहीं सकते।

Rishte Shayari in Hindi

(50) समझौतों की भीड़ में टूटे ज्यादातर रिश्ते,
हम इतना झुके कि आखिर में हमारे घुटने टूट गए।

(51) प्यार भरे रिश्ते हर जगह पाये जाते हैं,
पर ये ठहरते वही हैं जहाँ विश्वास भरा हो।

(51) रिश्ते निभाना हर किसी के बस कि बात नहीं।
अपना दिल भी दुखाना परता है।
किसी और की ख़ुशी के लिए।

(52) साथ छोड़ने वालो को एक बहाना चाहिए।
वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाजे तक नहीं छोड़ते।

(53) तुझे तो मिल गये होंगे।
कई नये साथी लेकिन।
मुझे आज भी हर मोड़ पर।
तेरी कमी महसूस होती हैं।

(54) झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ।
पर हर बार आपको ही झुकना पड़े तो रुक जाओ।

(55) एक मैं हूँ जो समझ नहीं सका खुद को आज तक।
और एक ये दुनिया वाले हैं जो ना।
जाने क्या क्या समझ लेते हैं।

(56) मुलाकाते जरुरी हैं।
अगर रिश्ते निभाने हैं।
वरना लगा कर भूल जाने से।
तो पौधा भी सुख जाते हैं।

(57) बदलता हुआ वक्त हैं जालिम जमाना हैं।
यहा मतलबी रिश्ते हैं फिर भी निभाना हैं।

(58) जरूरी नहीं कि सारे सबक किताबों से ही सिखे।
कुछ सबक ज़िन्दगी और रिश्ते भी सिखा देते हैं।

(59) किसी को नजरों में न बसाओ।
क्योंकि नजरों में सिर्फ सपने बसते हैं।
बसाना ही हैं तो दिल में बसाओ।
क्योंकि दिल में सिर्फ अपने बसते हैं।

(60) रिश्ते में दुनियां तो आती जाती रहती हैं।
फिर भी दोस्ती दिलो को मिला देती हैं।
वो दस्ती ही क्या जिसमे नाराजगी ना हो।
पर सच्ची दोस्ती दोस्तों को मना ही लेती हैं।

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