सेवानिवृत्ति पर बधाई कविता | Retirement Poem in Hindi

Retirement Poem in Hindi – इस पोस्ट में आपको कुछ बेहतरीन सेवानिवृत्ति पर बधाई कविता का संग्रह दिया गया हैं. जब हम किसी ऑफिस, कालेज स्कूल या संगठन में काम करते हैं. और जब अपने काम से हम सेवानिवृत्त होते हैं. तब हमारे Retirement के उपलक्ष्य में एक समारोह आयोजित किया जाता हैं. और लोग Retirement Kavita in Hindi के माध्यम से अपनी भवनाओं को प्रकट करते हैं.

हमारे हिंदी के कवियों ने विदाई समारोह (Farewell Party) के लिए अनेकों अच्छी कविताएँ लिखी हैं. जिसमे कुछ Hasya Kavita on Retirement पर भी लिखी हैं. आप इन कविताओं को विदाई समारोह में सुना सकते हैं.

अब आइये नीचे कुछ Retirement Poem in Hindi में दिया गया हैं. इसको पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की आपको यह सभी Retirement Kavita in Hindi में पसंद आएगी. इस सेवानिवृत्ति पर बधाई कविता को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करें.

सेवानिवृत्ति पर बधाई कविता, Retirement Poem in Hindi

Retirement Poem in Hindi

1. Retirement Poem in Hindi – एक हंसता सा ,चेहरा था

एक हंसता सा ,चेहरा था , संसार में।
आज से वो जुदा ,हम से हो जायेगा ।
नाम के जैसा काम किया आपने, आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

यू तो जाने से रूकता नही काम है,
पर दिलो में खटकता वही नाम है।
जिससे सुख-दुख कहे हमने अपने भला,
उससे जीवन को जीनें की सीखी कला ।

गजब अंदाज में जो कही शायरी , कोई भी और दूजा न कह पायेगा।

नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

हर सुबह को जिन्दा दिली से जिया ,
हंस के पूछा कहो तुम हो कैसे भला ।
खुश रहे खुद सदा और खुल के जिये ,
मैल आया न दिल में किसी के लिए ।
बोझ हल्का करो अपने दिल का तो तुम ,
मन में रखा तो मन मैला हो जायेगा।

नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

इनकी यादे जहन में रहेगी सदा ,मुस्कराती वो सुरत नजर आयेगी ।
स्वस्थ्य सुखमय हो जीवन यही कामना ,
दूर रहने का गम भी सहा जायेगा।
नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

लक्ष्मी कान्त त्रवेदी

2. Retirement ki Kavita in Hindi – आये संग बहार लिये

आये संग बहार लिये, जा रहे उसे ले साथ कहाँ?
पूछ रहा यह चमन ‘तरुण’ बोलो मेरा गुलजार कहाँ?
बेलि लगायी शिक्षा की सींचे इसको श्रम जल से तुम,
पनपी हरियाली ले फूली खुशबू भी दे जाते तुम।
आया था उल्लास नया, चेतना नयी लहरायी जो,
गम जड़ता का भार दिये जा रही थी दिल बहलाती जो।
उगे ‘अरुण’ जो विभा ‘तरुण’ से ले प्रकाश फैलाने को,
दूर हुए जाते क्यों फैलाते तुम पुंज पहारों को।
दीप जलाये शिक्षक उर में आशा के, नवजीवन के,
सेवा निवृति के विरह झकोरे पवन चले उत्पीड़ण के।
गाऊँ क्या दिल उमग न पाता प्यारे जीना सुख पाना,
नेह-लता मुरझा नहीं जाये सिंचन सुधि लेते रहना।

3. Retirement Kavita in Hindi – हमारे विद्यालय के आँगन में

हमारे विद्यालय के आँगन में
खिलता हुआ गुलाब हो आप
हमारे अंधियारे जीवन में
ज्ञान का दीपक हो आप ।
हम सब बच्चे थे नादान
पढ़ने में नहीं था ध्यान
हमारी भूलो को माफ करके
दे दिया विद्या का ज्ञान ।
अपनी अनमोल शिक्षा को
खेल खेल से हमें सिखाया ।
संस्कारों का पाठ पढ़ाया ।
सही गलत का ज्ञान कराया ।
हमारे निराश हारे मन में
आत्मविश्वास जगा दिया
मंजिल तक पहुंचाने का
रास्ता हमें दिखा दिया ।
टीचर जी हमारे आँगन को
छोड़कर जा रहे हो आप
जीवन में सदा खुश रहो
यही है हमारी प्रभू से आस
अपनी खुशबू से महकातो रहो
सबकी बगिया को आप ।

4. Hasya Kavita on Retirement – माना की ये दौर बदलते जायेंगे

माना की ये दौर बदलते जायेंगे।
आप जायेंगे तो कोई और आयेंगे।
मगर आपकी कमी इस दिल में हमेशा रहेगी।
सच कहते हैं हम आपको इक पल न भूल पाएंगे।
मुश्किलों में जो साथ दिया याद रहेगा।
गिरते हुए को जो हाथ दिया याद रहेगा।
आपकी जगह जो भी आये वो आप जैसा ही हो।
हम बस ये ही चाहेंगे।
सच कहते हैं हम आपको इक पल न भूल पाएंगे।

5. सेवानिवृत्ति पर बधाई कविता – वो लम्हें जो मेरी ज़िंदगी के अनमोल पल बन गये

वो लम्हें जो मेरी ज़िंदगी के अनमोल पल बन गये,
वो लम्हें जो मेरे गुज़रे हुये कल बन गये,
काश इन लम्हों को मैं फिर से जी पाता,
वो लम्हें जो मेरी नम आँखो के जल बन गये.आँखों में सपने और दिल में अरमान लिये,
एक सफ़र में चल पड़े बिना किसी का साथ लिये,
रास्ते में कुछ नये चेहरों से मुलाकात हो गई,
फिर तो वो ऐसे दोस्त बने जैसे एक रिश्ता हो उम्र भर के लिये.
वो लम्हें जो मुझे चाहने वाले मेरे दोस्त दे गये,
वो लम्हें जो ना भूला पाने वाले कुछ लोग दे गये.इस सफ़र की शुरुआत हमने साथ की थी,
जान से प्यारे यारों के साथ कितनी सारी बात की थी,
ज़िंदगी के उन पलों को भी हमने साथ जिया था,
जिन पलों ने खुशी और गम दोनो से मुलाकात की थी.
वो लम्हें जो अब लौट के नहीं आ सकते,
वो लम्हें जहाँ हम चाह के भी नहीं जा सकते.अपने यारों के दिल की बात हम बिना कहे जान लेते थे,कौन पसंद है किसको ये थोड़े से झगड़े के बाद हम मान लेते थे,
कैंटीन और कैफ़े की पार्टियां तो रोज़ हुआ करती थी,
खूबसूरत लड़कियों को कॉल कर, ना जाने कितने नाम लिया करते थे.
वो लम्हें जो एक धुंधली याद बन गये,
वो लम्हें जो एक यादगार किताब बन गये.

6. Retirement Poem in Hindi – तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं

तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना
अगर भूल जाओ तो चिन्ता नहीं है
मगर याद आकर हमें मत रुलाना !

तुम्हारे लिए तो तड़पना पड़ेगा
बहुत पास आकर बने हो पराए
तुम्हारे लिए क्यों न आएँगी आहें
दबेगा नहीं दर्द दिल का दबाए

तुम्हें आँख से हम मिटाने चले हैं
कहीं आँसुओं में नज़र आ न जाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना !

बहुत हो चुकी रोक लेने की कोशिश
मनाए न माने मगर जानेवाले
अभी तो मिले थे अभी जा रहे हैं
अभी जा रहे हैं अभी आनेवाले !

भुलाने की तुमने क़सम ली अगर ले
शपथ है कभी भी सपन में न आना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

अगर जानते ये कि मिलना बुरा है
किसी बेरहम से मिला ही न होता
विदाई की रहती न कोई कहानी
जुदाई से कोई गिला ही न होता

अगर मन पतंगा नहीं मानता है
तुम्हें चाहिए क्या दिए को बुझाना ?
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना ।

चले जा रहे हो तुम्हारे मिलन के
ये सारे सितारें ग़वाही रहेंगे
ग़वाही रहेंगी ये जूही की डारें
नदी के किनारे ग़वाही रहेंगे

तुम्हारे सहारे कभी हम भी कुछ थे
तुम्हीं से अलग कर रहा है ज़माना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना !

किसी के गरम आँसुओं की कलम से
लिखी जा रही है तुम्हारी विदाई
किसी की नरम कल्पना की शरम से
लजाई हुई है तुम्हारी जुदाई

जहाँ जो मिले वे विदा हो गए हैं
कि धंधा है कोई दिलों का लगाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना !

उमड़ आँख में आँसुओं की घटाओं
अरे! उनको इसकी ख़बर भी नहीं है
हमारी नज़र आज उनकी तरफ़ है
मगर इस तरफ़ वो नज़र ही नहीं है

फ़िक़र ही नहीं है उन्हें अब किसी की
अभी सोचते हैं सवारी मँगाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना !

मिले थे तो सोचा बिछुड़ना न होगा
चले हैं सफ़र में तो मिलना न होगा
मगर राह से राह मिलने न पाई
डगर से लिखी थी तुम्हारी विदाई

कि मिलना बिछुड़ना यही ज़िन्दगी है
मनाया सभी ने मगर मन न माना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

हमारे लिए फूल शोले बने हैं
तुम्हारे लिए हो मुबारक़ बहारें
हमारी हँसी भी लिए जा लिए जा
मुबारक़ तुम्हें आसमाँ के सितारें

कभी डूबती प्यास बढ़ने लगे तो
ज़रा ओस बनकर वहीं झिलमिलाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

अगर हो तुम्हें भूल जाने की आदत
हमें भूल जाना नहीं भूल होगी
हमें भूलकर तुम ख़ुशी से रहोगे
हमें भी इसी से ख़ुशी कुछ मिलेगी

भला हम ग़रीबों की हस्ती ही क्या है ?
न हक़ है हमें एक नाता निभाना ?
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

विदाई तुम्हारी रुलाएगी हमको
बुलाए बिना याद आएगी हमको
कि मौसम तुम्हें याद देगा हमारी
कभी तो कहीं याद आएगी तुमको !

कभी याद आने लगे जो हमारी
हमें भूलने के लिए मुस्कुराना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना!

कहाँ कौन पंछी करेगा बसेरा
कहाँ घोंसला कल बनाएगा कोई
पड़े गीत सौ-सौ मिलन के रहेंगे
विदाई की कविता सुनाएगा कोई

नहीं कम सकेगा कभी आँसुओं का
किसी याद के ही लिए रिमझिमाना
बहुत पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

अगर जा रहे हो तो जाओ मगर हम
तेरी याद दिल में बसाकर रहेंगे
निगाहों में आँसू हँसी चेहरे पर
छिपा दर्द ये मुस्कुराकर कहेंगे

हमारी यही कामना अन्त में हो
जहाँ भी रहो तुम वहीं लहलहाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना

7. Retirement ki Kavita in Hindi – नए रास्ते खोजने को

नए रास्ते खोजने को,
कुछ नया कर दिखाने को,
मंजिलों को अपना बनाने को,
थोड़े से नादान थोड़े से समझदार,
परिंदे आज उड़ चले।

मिल बांट कर जो खुशियां मनाते थे,
चुपके से हमारा की टिफिन खा जाते थे,
वो हमको बहुत सताते थे,
वो हर चीज पर अपना हक जमाते थे।

पर बात जब दूसरे स्कूल के बच्चों,
के साथ कॉन्पिटिशन की होती थी,
तब वो हमारे साथ हमेशा खड़े नजर आते थे,
वो हमसे प्यार तो करते पर जताते कम ही थे।

वो आपका डांटना, प्यार से समझाना,
टीचर्स डे वाले दिन टीचर बनकर पढ़ाना,
वो स्कूल टीचर्स के नए-नए नाम हमें बताना,
बहुत याद आएगा।

आप सबका प्यार भरा साथ,
वो साथ बिताए हुए पल,
खट्टी मीठी सी यादें,
बहुत याद आएंगी।

आज आंखों में आंसू तो है,
पर खुशी भी उतनी ही है,
क्योंकि आज हम भी
जूनियर से सीनियर हो जाएंगे।

स्कूल से तो विदा हो रहे हो आज,
पर हमारे दिलों से नहीं आते जाते मिलते जाना,
गुरुजी की डांट खाते जाना,
फिर से ये स्कूल के दिन जीते जाना।

8. Retirement Kavita in Hindi – शिक्षक हैं समाज, सभ्यता, संस्कृति के रक्षक

शिक्षक हैं समाज, सभ्यता, संस्कृति के रक्षक
जीवन के अनजानी राहों के पथप्रदर्शक
अनमोल है इनकी कही हर वाणी
भेदभाव की नीति इन्होंने कभी ना जानी
अपने अनुभवों से नीति-न्याय की बातें सिखाते
अनुशासन का पालन करवाते
दृढ़-निश्चयी बनाते
सफलता के लिए प्रेरित करते
भटके को राह दिखाते
नसीब पर नहीं, कर्म पर भरोसा करना सिखाते
लेकर परिक्षाएँ कड़ी घड़ी-घड़ी
परिचय हमारा खुद से ये करवाते
अज्ञान दूर कर ज्ञान की ज्योत जलाते…
अपनी विद्या का करके दान…
मानवता का करते ये कल्याण
कर्त्तव्यनिष्ठ शिक्षक होते हैं
स्वयं ईश्वर के समान
शिक्षा है जिनका धर्म-ईमान
शिक्षित हो समाज है इनका गान

9. Hasya Kavita on Retirement – चलो अब जा रहे हो तो

चलो अब जा रहे हो तो
सुनाएं तान इस मन की
चलो अब बात करते है
छोड़के साथ बिछडन की

मुलाकातों के ये मेले
न शायद फिर कभी होंगे
जो धागे मोह के बांधे थे
खुद हाथों से खोलेंगे.

न रोएगे यहाँ कोई
किन्तु हंस भी न पाएगे
जो काटे पल सभी के संग
इन्हें कैसे भुलाएगे

हेल्लो हे हाय गुडलक गॉड ब्लेस यू
कह नहीं सकता
मेरे लहजे में हिंदी के सिवाय
कुछ हो नहीं सकता

सितारे हमने पहने थे
किसी को चांद बोला था
तुम्हे उड़ना सिखाया है तो
उड़कर भी दिखा देना

बुलंदी तक है पहुंचना आसमा को भी छू लेना
कहेगे गर्व से हम भी हमारे अंश ही है ये
चुगाए थे जिनको मोती
वो तिरते हंस ही है ये

दुआएं है हमारी कि
खुदा सबको सुखी रखे
हमारा क्या आज है कल पता
क्या है कहाँ रखे |
सत्यम शुक्ला

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