तिरंगा पर कविता, Poem on Tiranga in Hindi

Poem on Tiranga in Hindi – यहाँ पर हमारे देश की आन, बान और शान तिरंगा पर कविता के कुछ बेहतरीन संग्रह दिए गए हैं. इन सभी कविताओं को हमारे हिंदी के लोकप्रिय कवियों के द्वारा लिखा गया हैं.

तिरंगा झंडा जो भारत का राष्ट्रीय ध्वज हैं. यह झंडा सभी भारतियों के आन, बान और शान का प्रतीक हैं. तिरंगा झंडा की अभिकल्पना पिंगली वेकैया ने की थी. इस झंडे को 15 अगस्त और 26 जनवरी को पुरे भारत में बहुत ही सम्मान के साथ फहराया जाता हैं. तिरंगे झंडे में तिन रंग होते हैं. उपर से केसरिया, सफेद और हरा. झंडे की लम्बाई और चौराई 3:2 अनुपात में होती हैं. इस झंडे के बीच में सफेद पट्टी पर एक नीले रंग का चक्र होता हैं जिसमे 24 तीलियाँ होती हैं.

अब आइए Poem on Tiranga in Hindi को पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं, की यह सभी Poem on Tiranga Jhanda in Hindi आपको पसंद आएगी. इस तिरंगा पर कविता को अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.

तिरंगा पर कविता, Poem on Tiranga in Hindi

Poem on Tiranga in Hindi

1. Poem on Tiranga in Hindi – विज़यी विश्व तिरंगा प्या़रा

विज़यी विश्व तिरंगा प्या़रा,
झंडा ऊँचा़ रहे ह़मारा।

स़दा शक्ति ब़रसाने वाला,
प्रेम सु़धा स़रसाने वाला
वीरो को ह़र्षाने वाला
मातृभूमि का तऩ-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे ह़मारा।

स्वतंत्रता के भीषण ऱण में,
लख़क़र जोश ब़ढ़े क्षण-क्षण़ मे,
का़पे शत्रु देख़क़र मन मे,
मिट जाये भय संक़ट सारा,
झंडा ऊँचा रहे ह़मारा।

इ़स झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज़ ज़नता का निश्चय़,
ब़ोलो भारत माता की ज़य,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे ह़मारा।

आ़ओ प्यारे वीरो आ़ओ,
दे़श-जाति़ पऱ बलि़-ब़लि जाओ,
एक़ साथ़ सब़ मिलक़र ग़ाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा़ ऊँचा रहे ह़मारा।

इसकी शान न ज़ाने पावे,
चाहे ज़ान भले ही ज़ावे,
विश्व-विज़य क़रके दिख़लावे,
तब़ होवे प्रण-पूर्ण ह़मारा,
झंडा ऊ़चा रहे ह़मारा।

श्यामलाल गुप्त पार्षद

2. तिरंगा पर कविता – आज तिरंगा फहराया है

आज तिरंगा फहराया है अपनी पूरी शान से
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से

आजादी के लिए हमारी लम्बी लड़ाई चली थी
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी

व्यापारी बनकर आये और छल से हम पर राज किया
हमको आपस में लडवाने की नीति अपनाई थी

हमने अपना गौरव पाया अपने स्वाभिमान से
हमे मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से

गाँधी तिलक सुभाष जवाहर का यह प्यारा देश है
जियो और जीने दो सबको देता ये संदेश हैं

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर
हिन्द महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष हैं

लगी गूंजने दसो दिशाएं वीरों के यशगान से
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से

हमें अपनी मातृभूमि इतना मिला दुलार है
इसके आंचल की छैया से ये छोटा संसार है

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएगे
सच पूछो तो पूरा विश्व ही हमारा परिवार है

विश्व शांति की चली हवाएं अपने हिंदुस्तान से
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से

SACHI AGNIHOTRI

Tiranga Jhanda Poem in Hindi

3. Short Poem on Tiranga in Hindi – ये तिरंगा ये तिरंगा ये हमारी शान है

ये तिरंगा ये तिरंगा ये हमारी शान है
विश्वभर में भारती की अमिट पहचान है
ये तिरंगा हाथ में ले पग निरंतर ही बढ़े
ये तिरंगा हाथ में ले दुश्मनों से हम लड़े
ये तिरंगा विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है
ये तिरंगा वीरता का गूंजता इक मंत्र है
ये तिरंगा वन्दना है भारती का मान है
ये तिरंगा विश्व जन को सत्य का संदेश है

ये तिरंगा कह रहा है अमर भारत देश है
ये तिरंगा इस धरा पर शान्ति का संधान है
इसके रंगो में बुना बलिदानियों का नाम हैं
ये बनारस की सुबह है ये अवध की शाम है
ये कभी मन्दिर कभी ये गुरुओं का द्वार लगे
चर्च का गुम्बंद कभी मस्जिद की मीनार लगे

ये तिरंगा धर्म की हर राह का सम्मान है
ये तिरंगा बाइबिल है भागवत का श्लोक है
ये तिरंगा आयत ए कुरआन का आलोक है
ये तिरंगा वेद की पावन ऋचा का ज्ञान है
ये तिरंगा स्वर्ग से सुंदर धरा कश्मीर है

ये तिरंगा झूमता कन्याकुमारी नीर है
ये तिरंगा माँ के होठों की मधुर मुस्कान है
ये तिरंगा देव नदियों का त्रिवेणी रूप है
ये तिरंगा सूर्य की पहली किरण की धुप है
ये तिरंगा भव्य हिमगिरी का अमर वरदान है
शीत की ठंडी हवा ये ग्रीष्म का अंगार है
सावनी मौसम में मेघों का छलकता प्यार है
झंझावतों में लहराए गुणों की खान है

ये तिरंगा लता की इक कुठुकती आवाज है
ये रविशंकर के हाथों में थिरकता ताज है
टैगोर के जनगीत जन गण मन का ये गुणगान है

ये तिरंगा गांधी जी की शान्ति वाली खोज है
ये तिरंगा नेताजी के दिल से निकला ओज है
ये विवेकानंद जी का जगजयी अभियान है
रंग होली के है इसमें ईद जैसा प्यार है

चमक क्रिसमस की लिए यह दीप सा त्यौहार है
ये तिरंगा कह रहा ये संस्कृति महान है
ये तिरंगा अंडमानी काला पानी जेल है
ये तिरंगा शांति और क्रांति का अनुपम मेल है
वीर सावरकर का ये इक साधना संगान है

शिवांगी सिंह

4. Tiranga Jhanda Poem in Hindi – रंग़ केसरिया मस्तक़ सज़ा

रंग़ केसरिया मस्तक़ सज़ा,
श्वेत ह्रदय क़े मध्य, अशोक़ चक्र विराज़े,

हरित रंग़ आँचल में सोहत,
शोंभा ब़रन न जावे।

केसरी़ रंग़ वीरता का प्रतीक़,
श्वेंत रंग़ विश्व शाति क़ा,

अशोक़ चक्र संपन्नता क़ा,
हरा रंग़ देता हरियाली़ सीख़।

भारत-वर्ष का निज़ गौंरव ये,
राष्ट्र ध्वज क़ा मिला ऩाम,

नतमस्तक़ होते सब़ इसपें,
देतें इसक़ो सब़ सम्मान।

जांति-पातिं के बंधन से मुक्त,
तिरंगा सब़कों देता मान,

जो रख़ता तिरंगे कीं आन,
क़हलाते वो मानव महान।

Nidhi Agarwal

5. Poem on Tiranga Jhanda in Hindi – हमारा तिरंगा

हमारा तिरंगा

देश का प्रतीक है यह,
हर हिंदुस्तानी के नज़दीक है यह।
हर डर भुला देता है,
एक जोश जगा देता है।

सूरज सा ‘नारंगी’ तेज है इसमें,
शांति का ‘सफेद’ संदेश है इसमें।
इसमे खुशिओं की ‘हरियाली’ है,
यह चक्रवर्ती ‘चक्रधारी’ है।

वो फसलों सा लहराता है,
वो हर ऊंचाई से ऊपर जाता है।
एक बच्चे सा भोला है यह,
वक़्त पड़ने पर दहकता शोला है यह।

मित्रों का मीत है यह,
हर बुराई पर जीत है यह।
जीने का अंदाज़ है यह,
अपनी माटी का एहसास है यह।

इसकी अलग ही शान है,
यह हमारा तिरंगा महान है।।

6. Poem on Tiranga in Hindi – तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो

तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो
जिसने आजादी को अपनी जिन्दगी बनाया
अपना आजादी के लिए हर एक सपना सच कर दिखाया
खून की नदियाँ बहाकर
उन्होंने तिरंगे को सीने से लगाया

तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो
जो गोलियों की बौछार को एक दहाड़ से डराते हैं
फौजी है वो इस देश के तिरंगे से इश्क की अलग दासता सुनाते है
मर मिटेगे इस देश के लिए इस मिट्टी के कर्जदार है
एक दिन तिरंगा ओढ़ कर इस मिट्टी में साँसे आखिरी बार है

तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो
जो जान की बाजी लगा कर चाँद पर तिरंगा फहराते है
जो मिट्टी का आशीर्वाद लेकर एवरेस्ट पर चढ़ जाते है
आँखों में बस तिरंगे को अव्वल देखने की आस
अब तो जय हिन्द बोलते है लोग और रुक जाती है दुश्मनों की सांस

तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो
जो धुप या बारिश हो कभी थकते नहीं
अन्नदाता है वो हमारे, हम उनके बिना जी सकते नहीं

इस रंगीले देश का तिरंगा है तीन रंगो का
तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो
जो करोड़ो की आबादी हो कर भी
अमन के रंग को भूले नहीं
लहू के रंग को भूले नहीं
इस मिट्टी के रंग को भूले नहीं
सलाम है हर उस हिन्दुस्तानी को
जो तिरंगे से ढके हुए घर में जिन्दा रख रहा इंसानियत को
तुम तिरंगे की अहमियत उनसे सीखो

श्रावणी विभूते

7. तिरंगा पर कविता – लिपट कर आज कई बदन तिरंगे में

लिपट कर आज कई बदन तिरंगे में घर वापस आए हैं
लगता है फिर कई शूरवीरों ने अपने प्राण लुटाएं है

देख कर उनके चेहरों की चमकऔर शौर्य गाथाएं
हमें आज फिर एक बार भगत सुखदेव राजगुरु याद आए है

आजादी हमको याद रहती
लहू किनका बहा हम भूल जाते
क्यों आजादी के सारे किस्से हमे
आजादी के दिन ही याद आते

कह गये अलविदा वतन को वो भारत माँ के रखवाले
छोड़ गये वह देश अपना अब तो तेरे हवाले
बेशक आजादी तुझको याद रही पर भूल गया
तू वो सीने पर गोली खाने वाले

कभी वक्त मिले तो जरा सोचना
मिट्टी माथे पर लगाना और
तिरंगे को चूमना
सोचना कि आजादी हम तुमसे आई थी
या
जो लड़ते लड़ते दफन हो गये इस मिट्टी में उन्होंने हमें दिलाई थी

काव्या जैन

8. Short Poem on Tiranga in Hindi – देश की शान है तिरंगा

देश की शान है तिरंगा,
हर हिंदुस्तानी के दिल की धड़कन है तिरंगा,
इसकी शान-ओ-शौकत से ही,
गुलशन है भारत माँ का दामन।

ये तिरंगा नही केवल,
ये चैन-ओ-अमन है,
शरहद पर कुर्बान होने वाले,
हर शहीदों का कफ़न है।

इसके परवाज़ से ही,
झूमता ये अनंत गगन है,
रग-रग में बसता,
सारा जग जैसे रौशन ही रौशन है।

भारत माँ के दामन पर लहराते,
इस तिरंगे को नमन है,
रक्षा कर इसकी देंगे प्राण न्यौछावर,
हर एक भारत वासी का ये प्रण है।

निधि अग्रवाल

9. Tiranga Jhanda Poem in Hindi – तीन रंगों में रंगा हुआ

तीन रंगों में रंगा हुआ
सारे जग से न्यारा है,
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।

बतलाता है रंग केसरी
वीरों ने बलिदान दिया
अंग्रेजों को मार भगाया
स्वतंत्र हिंदुस्तान किया,
इनकी भुजाओं के बल से
दुश्मन हमसे हारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।

श्वेत रंग संदेशा देता
अमन चैन फ़ैलाने का
प्रेम भावना बसे हृदय में
ऐसा वतन बनाने का
सुख-दुःख में एक दूजे का
बनना हमे सहारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।

हरा रंग हरियाली का जो
उन्नति पथ दिखलाता है
चीर धरा का सीना हलधर
सारी फसल उगाता है,
सारे जगत को देता अन्न
पशुओं को देता चारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।

बढ़ते रहें कहीं रुके नहीं
चक्र ज्ञान यह देता है
साथ समय के चले निरंतर
बनता वही प्रणेता है
बिना परिश्रम कहाँ किसीका
चमका कभी सितारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।

10. Poem on Tiranga Jhanda in Hindi – नागाधिराज श्रृंग पर खड़ी हुई

नागाधिराज श्रृंग पर खड़ी हुई,
समुद्र की तरंग पर अडी हुई,
स्वदेश में जगह-जगह गडी हुई,
अटल ध्वजा हरी, सफेद केसरी!

न साम-दाम के समक्ष यह रुकी,
न द्वन्द-भेद के समक्ष यह झुकी,
सगर्व आस शत्रु-शीश पर ठुकी,
निडर ध्वजा हरी, सफेद कैसरी!

चलो उसे सलाम आज सब करें,
चलो उसे प्रणाम आज सब करें, अ
जर सदा इसे लिये हुये जियें,
अमर सदा इसे लिये हुये मरें,
अजय ध्वजा हरी, सफेद कैसरी!

11. कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाएं

कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाएं
धरती की धूल हूँ मुझे तिरंगे से मिलाए

मेरी तो किस्मत में है
लातों में आना
सडकों पर छाना
पानी में जाते ही मिट्टी कहलाना

उस मिट्टी से कोई तो कब्र बनाए
शहीद के सीने से मुझे लगाए

कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाएं
धरती की धूल हूँ मुझे तिरंगे से मिलाए

चाहत नहीं मुझे मन्दिर की
ना मस्जिद की
ना गिरजे की

अ तो कोई बस सीमा पर ले जाए
सैनिक के चेहरे पर मुझे सजाए
कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाएं
धरती की धूल हूँ मुझे तिरंगे से मिलाए

आंगन में खेले बच्चे
मुट्ठी भर मुझे उडाएं
रोग दोष के डर से
माँ उन्हें डाट लगाए
पर मेरे मन की पीड़ा किसे बताए
फैके कोई हवा में और हवा में मिलाए
फिर कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाए
धरती की धूल हूँ मुझे तिरंगे से मिलाए

छोड़ आए जो हवाएं तिरंगे पर मुझे
तब ना कोई सताए
जिन्दा भी शीश झुकाए
शहीद भी कफन बनाए

बख्श दे खुदा ऐसी जिन्दगी मुझे
कोई फैके हवा में और हवा में मिलाए
फिर कह दो हवाओं से मुझे हवाओं में उडाए
धरती की धूल हूँ मुझे तिरंगे से मिलाएं
– एकांश सोनी

12. जो कहलाए सोने की चिड़ियाँ

जो कहलाए सोने की चिड़ियाँ
मैं इस देश की वासी हूँ]
जो चले निडर कर्तव्य पथ पर
वो अचल अडिग अनिवासी हूँ
केसरिया, सफेद हरा
पहचान है मेरे देश की
ये नहीं है कोई मामुली रंग
बल शांति और हरियाली का प्रतीक हैं
इस जहाँ में अमन द्रश्यों का यह मीत है
कोई हिन्दू में फूट डाल रहा
सुलगा रहा कोई मुसलमानों को
यह तिरंगा ही है जो जोड़ रहा
इंसानियत से इन्सान को
यह तो मेरे इस देश की एकता का राज है
जिसका हिमालय भी सरताज है
ए देशवासियों तुम सुनो इन रंगो की पुकार को
कह रही है तुम सहेज लो यहाँ की संस्कृति
परम्परा और संस्कार को
श्रीराम की वंशज हूँ मैं गीता ही मेरी गाथा है
छाती ठोक कर कहती हूँ भारत ही मेरी माता है
– रजनी कुमारी

13. भारत देश महान है ईश्वर का वरदान है

भारत देश महान है ईश्वर का वरदान है
विश्व गुरु की ओर अग्रसर अपना हिंदुस्तान है

गाँधी नेहरू का परित्याग साहस के पर्याय आजाद
रानी झाँसी की तलवार भगत सुभाष की ललकार

आजादी की नींव बनाई लाल बाल और पाल ने
पांचजन्य का पाठ पढाया पंडित दीनदयाल ने

सीमा के सैनिक बलिदानी शौर्य हो गई उनकी दीवानी
मत भूलों इनकी कुर्बानी भूल गये ये अपनी जवानी

फहराए तिरंगा शान से गर्व और अभिमान से
शव पर लिपटे शोभा बढ़े शहीद के सम्मान से

केसरिया साहस दर्शाता श्वेत शांति का मार्ग बताता
हरा रंग खुशहाल बनाता चक्र जीवन की राह दिखाता
– सुधीर सिंह

14. पूछा है कभी सरहद पे लहू बहाने वाले से

पूछा है कभी सरहद पे लहू बहाने वाले से
तुम्हारे खून का रंग क्या है
श्वेत है कि केसरिया है या स्याह है
खून का रंग सबका लाल होता है मित्रों
और यही जीवन का यथार्थ है
कितने मुर्ख है हम और आप
जो इसमें भी भेद ढूढ़ते है
चंद लोगों की बातों में आकर
आपस में लड़ते है

यूँ तो हम अपने आप को
इक्कीसवीं सदी का कहते है
चंद सिक्के की खातिर पूरी
इंसानियत के कौम को बदनाम करते है
और गैर लोग हम पर आँख तरेरते है
किसकी जुर्रत है जो लड़ा सके भाई भाई को
किसकी मजाल है जो छेड़े दिलेर को
गर्दिश में घेर लेते है गीदड़ भी शेर को

समय का तकाजा है और वक्त की नजाकत है
महजबी जज्बातों से खुद को बचाना होगा
और हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब एक ही है
ये दुनिया को दिखाना होगा
ये आजादी जो मिली हमें जाने कितनों की कुर्बानी से
हर्गिज न मिटने देगे इसे चंद लोगों की मनमानी से
प्राणों की आहुति दे कर भी देश की रक्षा करेगे
तिरंगे की कसम अब तिरंगे को अपने में भी झुकने ना देगे.

15. ऊँचा रहे तिरंगा भैया

ऊँचा रहे तिरंगा भैया,
ऊँचा रहे तिरंगा

रहे न कोई भूखा नंगा
बच्चा बच्चा देश का चंगा
कहीं न होवे झगड़ा दंगा
ऊँचा रहे तिरंगा

हर बच्चे को मुफ्त दिलावें
कॉपी पेन्सिल और किताबें
अनपढ़ता का मिट जाए टंटा
ऊंचा रहे तिरंगा

सभी कहावे हिंदुस्तानी
सब ही बोलें प्यार की बानी
भेदभाव का कट जाए फंदा
ऊंचा रहे तिरंगा
ऊंचा रहे तिरंगा भैया
ऊँचा रहे तिरंगा

यह भी पढ़ें:-

मातृभूमि पर कविता
अनुशासन पर कविता
ब्रोकेन हार्ट कविता
योग पर कुछ कविताएँ

आपको यह Poem on Tiranga in Hindi कैसी लगी अपने Comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा। इसे अपने Facebook दोस्तों के साथ Share जरुर करे.

Leave a Comment