सफाई कर्मी पर कविता, Poem on Sweeper in Hindi

Poem on Sweeper in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ सफाई कर्मी पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

सफाई कर्मी पर कविता, Poem on Sweeper in Hindi

Poem on Sweeper in Hindi

1. सफाई कर्मी पर कविता

सोचिए जरा जिस गंदगी को,
देख के इंसान कतराता है।
उसी को अपने हाथों से,
सफाई कामगार उठाता है।

गंदगी और बदबू से भरे,
कपड़ों मे जब घर जाता है।
जाने कितने विषाणुओं को,
अपने घर ले जाता है।

जब तक रोग-प्रतिरोधक क्षमता है,
इनसे लड़ता रहता है।
बिना सुरक्षा किट लिए,
ड्यूटी पर डटा रहता है।

क्या यह सम्मान का पात्र नहीं है?
इसके कुछ अधिकार नहीं हैं।
सेवा के बदले में केवल,
यह अपमान ही पाता है।

कुछ पैसों के लिए यह अपनी,
जान की बाजी लगाता है।
जीवित उतरता है सीवर में,
‘शव’ रूप में बाहर आता है।

जिसका खामियाजा जीवन-भर,
सारा परिवार उठाता है।
सोचिए जरा सफाई कर्मी,
कैसे जीवन बिताता है।।
नरेंद्र वाल्मीकि

2. Poem on Sweeper in Hindi

हर दुआओं में उन्हें भूल जाते हैं लोग,
हर खुशी में उन्हें छोड़ देते हैं लोग।
जो रूकते नहीं थकते नहीं दिन-रात,
हमारे जीवन के सच्चे प्रहरी वे लोग।।

वे भागीदार है देश के विकास के लिए,
स्वस्थ्य स्वास्थ्य और जीवन के बचाव के लिए।
कभी नहीं समझते हीन अपने आप को,
क्यों हीनता रखते मानव उनके लिए??

सलाम है उनकी मेहनत और जज्बे के लिए
हर खुशी का त्याग और समर्पण के लिए।
गिनती नहीं करते हैं देश के विकास में उनकी,
सबसे ज्यादा हकदार वे देश के विकास के लिए।।

सहते हैं जीवन भर जुल्म और अत्याचार अपने वरिष्ठ का,
फिर भी नहीं बदलते रूप अपने शिष्ट का।
एक दिन वे बेकाबू हुए तो हम जी ना पायेंगे,
सफाई के अभाव में बिगड़ जायेगा अस्तित्व खूबसूरती का।।

देश के कोने -कोने को महकाने में उनका हाथ है
इस महकते चमन में खिलते फूलों पर उनका हाथ है।
सुंदर सा चमन सजाकर रखते हैं जीते जी,
मेरे ईश्वर रखें मेरी हर दुआ उनके साथ है।।
SHASHI KUMAR

3. Hindi Poem On Sweeper

आखिर कब तक
करते रहोगे अमानवीय काम
ढोते रहोगे मलमूत्र
मरते रहोगे सीवरों में
निकालते रहोगे गंदी नालियाँ
ढोते रहोगे लाशें

आखिर कब तक
सहोगे ये जुल्म
कब तक रहोगे
खामोश ?

सुनो सफाईकर्मियों !
अब बजा दो
बिगुल
इन गंदे कामों के
खिलाफ,
हिला दो चूल
उन ‘दिव्य सुख’
बताने वालों की,
तोड़ दो
सारे बंधन
जो-
बाधक बनते है,
तुम्हारी तरक्की के
रास्तों में।

4. Short Poem On Sweeper In Hindi Language

दादाजी! वह सफाई वाला
है वह कितना भोला भाला
सुबह सुबह का मुंह अँधेरे
गली का कचरा कितना बुहारे
दादाजी, कभी उसे बुलाओ
पास बैठा के कुछ बतलाओ
चाय उसे क्या पिला न सकते?
कितना अच्छा काम वह करता
स्वच्छ गली को सदा है रखता
दादीजी, वह सफाई वाला
है वह कितना मस्त निराला
क्यों तुम उससे आँख चुराते?
दादाजी! वह सफाई वाला
हमारा अंकल है मतवाला
“शैलेन्द्र सरस्वती”

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