छुट्टी पर कविता, Poem On Holidays in Hindi

Poem On Holidays in Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय छुट्टी पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. छुट्टी का सभी को इंतजार होता हैं. चाहे वह बच्चों की स्कूल की हो या बड़ों को कार्यालय की क्योंकि छुट्टी के दिन घर में समय बिताना, खेलना काफी भाता है।

अब आइए नीचे कुछ Poem On Holidays in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी छुट्टी पर कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

छुट्टी पर कविता

Poem On Holidays in Hindi

1. गर्मियों की छुट्टी आई

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में अपने खुशियां लाई
नानी के घर जाएंगे
रास्ते में कुल्फी खाएंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में मौज मस्ती लाई
सुबह देर तक सोते रहेंगे
खेलते वक्त शीशे तोड़ा करेंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में चिलचिलाती धूप लाई
खूब देर तक खेला करेंगे
ठंडी-ठंडी ठंडाई पिया करेंगे
“इशिका चौधरी”

2. इस गर्मी में

सोच रहा हूं, इस गर्मी में,
चंदा मामा के घर जाऊं।
मामा, मामी, नाना, नानी,
सबको कम्प्यूटर सिखलाऊं।

सोच रहा हूं पंख खरीदूं,
उन्हें लगाकर नभ में जाऊं।
ज्यादा ताप नहीं फैलाना,
सूरज को समझाकर आऊं।

सोच रहा हूं मिलूं पवन से,
शीतल रहो उन्हें समझाऊं।
ज्यादा उधम ठीक नहीं है,

उसे नीति का पाठ पढ़ाऊं।

सोच रहा हूं रूप तितलियों का,
धरकर मैं वन में जाऊं।
फूल-फूल का मधु चूसकर,

ब्रेकफास्ट के मजे उड़ाऊं।

सोच रहा हूं कोयल बनकर,
बैठ डाल पर बीन बजाऊं।
कितने लोग दुखी बेचारे,
उनका मन हर्षित करवाऊं।

सोच रहा हूं चें-चें, चूं-चूं,
वाली गोरैया बन जाऊं।
दादी ने डाले हैं दाने,
चुगकर उन्हें नमन करूं।

3. छुट्टी

अब कोई न डांटे
खूब भरो खर्राटे

करना विश्राम हमें
आज नहीं काम हमें
सब भेदभाव पाटे
खूब भरे खर्राटे

या फिर पिकनिक जाएं
मौसम में घुल पाएं
आपस में सुख बाँटे
खूब भरो खर्राटे
“मांघी लाल यादव”

4. आज न दफ्तर जाओं मम्मी

आज न दफ्तर जाओ मम्मी
कुछ पल साथ बिताओ मम्मी

खेलो कूदो साथ जरा तुम
मेरे संग मुस्काओ मम्मी

ब्रेड मटर मत आज खिलाओ
रोटी दाल बनाओ मम्मी

मैं मानूंगी सारी बातें
पहले साथ घुमाओ मम्मी

हाथ न लूंगी मोबाइल मैं
पुस्तक मुझे पढाओ मम्मी

आउंगी कक्षा में अव्वल
संग संग नाचो गाओ मम्मी

5. हो गई छुट्टियाँ

करें खेल अब नए नए
पढ़ने के दिन गए गए
अब तो हो गईं छुट्टियाँ
खाली अब हम भए भए

करो मौज और हल्ला गुल्ला
खाओ पिज्जा या रसगुल्ला
अब हम पर नहीं बंदिश कोई
पास हमारे वक्त है खुल्ला

नानी के घर दादी के घर
इन छुट्टियों में जाएगे हम
छुट्टी के इक इक दिन को
खुशियों से चमकाएंगे हम
” हरीश कुमार अमित”

6. आज हमारी छुट्टी है

आज हमारी छुट्टी है
स्कूल से हो गई कुट्टी हैं

सब कुछ उल्टा पुल्टा घर में
झाड़ू पोंछा बर्तन पल में
अब पापा निपटाएंगे
माँ की हो गई छुट्टी है
आज हमारी….

पार्क में सब मिल जाएंगे
मौजें खूब मनाएंगे
हरी घास फूलों के नीचे
सोंधी सोंधी मिट्टी है
आज हमारी….

झूले पतंग और खेल खिलौने
पापा मम्मी भैया दीदी
गोलगप्पे और आलू टिक्की
चटनी सबमें खट्टी है

आज हमारी छुट्टी है
स्कूल से हो गई कुट्टी हैं

7. छुट्टी का दिन

हफ्ते में जब हो रविवार
मौज मजा आता तब यार

विद्यालय में छुट्टी रहती
मचती मौज मजे की धूम
उस दिन हम सारे ही बच्चे
मस्ती में उठते है झूम

क्रिकेट मैच कभी होते हैं
या टीवी पर जम जाते है
सच पूछों तो टीवी पर ही
हम आनन्द उठा पाते है

टीवी ने हम सब बच्चों पर
किया बड़ा ही उपकार है
हफ्ते में जब हो रविवार
मौज मजा आता तब यार
“चंद्रपाल सिंह यादव मयंक”

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