किताब / पुस्तक पर कविता, Poem On Books In Hindi

Poem On Books In Hindi : दोस्तों इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय किताब / पुस्तक पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. किताब हमारी शिक्षा का अधार हैं. हमारा मार्गदर्शक हैं. पुस्तके हमें अपनी मंजिल तक ले जाने में मदद करती हैं. एक किताब हमारे जीवन को बदल देने की क्षमता रखती हैं.

अब आइए नीचे कुछ Books Poem in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी पुस्तक पर कविता आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

किताब / पुस्तक पर कविता

Poem On Books In Hindi

1. ज्ञानियों का ज्ञान है किताबें

ज्ञानियों का ज्ञान है किताबें
ज्ञान का भंडार है किताबें
देश की उन्नति है किताबें
देश की शान है किताबें
घर-घर में बसती हैं किताबें
अलमारी के कोने में रहती हैं किताबें
ना कुछ लेती हैं किताबें
फिर भी ज्ञान का पाठ पढ़ाती हैं किताबें
किताबों के महत्व को जो समझ पाया है
वह देश दुनिया में उन्नति कर पाया है
किताबें मानवता का बखान करती हैं
किताबें ही मानवता का विकास करती हैं

2. किताबों में संसार है

किताबों में संसार है
अल्फा़जों का प्यार है
जो ज्ञान का भंडार है
समाज का विस्तार है।

रोगों का उपचार हैं
संगीत का संचार है
धर्म का आधार है
वेदों का संस्कार है।

संतों का उपहार है
सुमनों का श्रृंगार है
विज्ञान का आकार है
आनंद का प्रकार है।

शिक्षा का बाजार है
शिक्षक का आहार है
माँ के अंक का दुलार है
पितु आशीष की बहार है।

भविष्य का निखार है
बच्चों का अधिकार है
हम सबका व्यवहार है
इस पर सब निसार है।
-ममता रिछारिया

3. दोस्त हो, किताब हो...

दोस्त हो, किताब हो…
रास्ता या सोच की बात हो,
हम अजनबी से खड़े रहे –
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।

गलत हुँ, गुमराह हुँ….
आहत सही की आह हुँ,
बस जीवन या, जज्बात हो,
काश, अपने आप से मुलाकात हो।
न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।

परखने वाले सच्चे हो न हो,
सत्यता तो युँ ही मौन हो….
बेशक, हों चाहे कुछ भी –
कुछ और कहलाने के हालात हो।
न तुम न मैं, न कोई सौगात हो।

किसीने किसीको कुछ बताया,
अपने आपको शहंशाह बताया…
किसे सही किसे गलत,
इसी उधेड़बुन में भटके जज्बात हो,
और ऐसे ही भटके,
भावों की जगह हवालात हो।

न तुम, न मैं, न कोई सौगात हो।
काश अपने आप से मुलाकात हो!

4. करो पुस्तक का सम्मान

करो पुस्तक का सम्मान,
इनमे भरा हुआ है ज्ञान |
इनको पढ़कर बन सकते हो,
बच्चो तुम अच्छे इंसान |
सबसे अच्छी मित्र पुस्तके,
अपने मन में रखना ध्यान |
इनकी महिमा बड़ी निराली ,
ये करती सबका कल्याण ||
डॉ० परशुराम शुक्ल

5. किताबें पढ़ो आगे बढ़ो

किताबें पढ़ो आगे बढ़ो
इनमें है ज्ञान आपार
घर-बाहर दिन या रात्रि
ये दोस्त सदाबहार
चाहे दुनिया की सैर करलो
या जासूसी नॉवल पढ़ लो
कभी अपना मनोबल बढ़ा लो
या कोई नया व्यंजन चढ़ा लो
किसी की जीवन गाथा पढ़ लो
या गणित के सवाल जड़ लो
ज्ञान के इस वरदान को
तुम जीवन में सेवन करलो
-अनुष्का सूरी

6. तो अम्बर सी ऊंचाई भी है

तो अम्बर सी ऊंचाई भी है,
एक ख्वाबों की दुनिया है
तो अत्यधिक सच्चाई भी है
इतिहास समेटू चंद पन्नों पर
तो आज का आइना भी दिखलाऊँ मैं,
रहती हूँ खामोश तो अक्सर
मगर भविष्य भी बन जाऊँ मैं
हर विकास की जड़ भी मैं
तो समस्त शिक्षित की नींव हूँ,
किसी के लिए समस्या बनूँ
तो किसी के लिए समाधान भी हूँ
व्यक्त न हो पाएं जज़्बात जो
उनके लिए वक्ता भी हूँ,
हर पीड़ा की दवा हूँ
तो हर धनवान का स्त्रोत भी हूँ
परम मित्र भी बन जाऊँ मैं
सर्वश्रेष्ठ सलाहकार हूँ,
अकेलेपन की साथी भी हूँ
हाँ, ऐसी मैं एक किताब हूँ

-आकांक्षा भटनागर

7. मानव को स्वप्नों का मार्ग

मानव को स्वप्नों का मार्ग
नहीं मिलता सिर्फ ख्वाबों में ।
प्रकृति का संपूर्ण खजाना
निहित हैं अनमोल किताबों में।।

इनको पढ़कर हर इंसान
धारण कर लेता ज्ञान की माला।
सफलता के शिखर पे पहुंचकर
सर्वत्र फैलाता प्रेम का उजाला।।

मुश्किलों से यह सिखाती लड़ना
शब्दों की प्यारी बोली से।
जीवन के दुखद क्षणों में
ज्ञान के रंग भरती रंगोली से।।

विचारों की ताकत अनोखी है
नीलगगन में भरती उड़ान।
जो पुस्तकों को समय देता
लाख गुना बढ़ाती उसका मान।।

यह सदैव कुछ बोलती है
समझो न इनको बेजवान।
इनके सही उपयोग से
हरा भरा हो जाता रेगिस्तान।।

किताबों को जो मित्र बनाता
निरंतर पढ़ता नही करता आराम।
जीवन के हर एक डगर में
प्राप्त करता सुखद परिणाम।।

8. सफलता का मार्ग है किताबें

सफलता का मार्ग है किताबें
योग्य बनते तुम इनको पढ़के,
जीवन के समस्त रहस्य जानते
पुस्तकों का अध्ययन करके।

अमीर हो या फिर हो गरीब
यह भेद भाव नही किसी से करती,
जो इसको घनिष्ट मित्र बनाता
उसकी झोली खुशियों से भरती।

एकाग्रचित्त होकर जो तुम
इनको पढ़ोगे निरंतर ध्यान से,
उच्च स्तर पर तुम्हे ले जाकर
बिठा देगी आदर और सम्मान से।

सोना, चांदी, और हीरे,मोती
इसके समक्ष कोयले का दाना है,
शब्दों की ताकत को पहचानो
निहित इसमें अनमोल खजाना है।

किताबों से जुड़कर सच होंगे
तेरे मात पिता के अधूरे सपने,
अगर समय नीदो में गवाया
जीवन भर दुख झेलेगे तेरे अपने।

सदैव दो विकल्प होंगे तेरे पास
परिश्रम करना है या आराम,
आलसी बनकर बिताना समय
या ज्ञानी बनकर पाना ईनाम।

अगर जीवन मूल्यवान बनाना
चुनो सफल किताबों की संगत,
अमूल्य विचारों के संग रहकर
बदल जायेगी जीवन की रंगत।

हर एक क्षण की कीमत समझो
सदैव पाओगे सुखद परिणाम,
पुस्तक रूपी मित्र से बाते करके
बन सकते हो तुम भी कलाम।

9. रोया हूँ मैं भी किताब पढकर के

रोया हूँ मैं भी किताब पढकर के
पर अब याद नहीं कौन-सी
शायद वह कोई वृत्तांत था
पात्र जिसके अनेक
बनते थे चारों तरफ से मंडराते हुए आते थे
पढता जाता और रोता जाता था मैं
क्षण भर में सहसा पहचाना
यह पढ़ता कुछ और हूँ
रोता कुछ और हूँ
दोनों जुड गये हैं पढना किताब का
और रोना मेरे व्यक्ति का

लेकिन मैने जो पढा था
उसे नहीं रोया था
पढने ने तो मुझमें रोने का बल दिया
दुख मैने पाया था बाहर किताब के जीवन से

पढ़ता जाता और रोता जाता था मैं
जो पढ़ता हूँ उस पर मैं नही रोता हूँ
बाहर किताब के जीवन से पाता हूँ
रोने का कारण मैं
पर किताब रोना संभव बनाती है.

10. कुछ होती है हलकी

कुछ होती है हलकी
कुछ होती हैं भारी
लेकिन इनमें होती है
दुनिया की हर जानकारी,
अकसर कुछ नया करने का
इनसे ही बनता ख्वाब है
जिंदगी में सबसे अच्छा दोस्त
कोई और नहीं किताब है।

ज्ञान की ये खान है
होती बहुत महान हैं
जीवन ये इंसान का बदले
तभी तो इसकी शान है,
क्या बीता? क्या होता है?
सबका इसमें हिसाब है
जिंदगी में सबसे अच्छा दोस्त
कोई और नहीं किताब है।

कबीर के दोहे हैं इसमें
संतों की इसमें वाणी है
पढ़ कर लाभ ही होता है
होती न कोई भी हानि है,
कोई ऐसा प्रश्न नहीं
जिसका न इसमें जवाब है
जिंदगी में सबसे अच्छा दोस्त
कोई और नहीं किताब है।

मंजिल पर जो पहुंचाती है
वही तो ये राह है
हर जिज्ञासु के मन में
इसको पाने की चाह है,
ये तो वो सागर है जिसमें
भरा ज्ञानमय आब है
जिंदगी में सबसे अच्छा दोस्त
कोई और नहीं किताब है।

11. किताबें करती है बातें

किताबें करती है बातें
बीते जमाने की दुनिया की
इंसानों की आज की
कल की एक एक पल की
खुशियों की, गम की

फूलों की बमों की
जीत की हार की,
प्यार की मार की,
क्या तुम नही सुनोगे
इन किताबों की बातें ?

किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं
किताबों में चिड़ियाँ चहचहाती हैं
किताबों में खेतियाँ लहलाती हैं

किताबों में झरने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में राकेट का राज हैं
किताबों में साइंस की आवाज हैं
किताबों का कितना बड़ा संसार हैं

किताबों में ज्ञान की भरमार हैं
क्या तुम इस संसार में
नही जाना चाहोगे ?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं

12. कहा खो गयी वो किताब हमारी

कहा खो गयी वो किताब हमारी,
बचपन की वो पहली किताब याद आयी।
बचपन की एक बात बताऊ,
किताबों से जुड़ी कुछ याद बताऊ।
ना समझते थे तब ये किताब क्या है,
किताबों में छुपी ऐसी बात क्या है।
जब खोल किताबों को तो देखा,
रंगबिरंगी चित्र और अक्षर की रेखा।
बहुत खुश हो जाते थे हम तब,

देख रंगबिरंगी चित्र और अक्षर हम सब।
पढके जब सुनाती मैडम हमारी,
किताबों में लिखी वो कहानी प्यारी।
शांति से हम वो सुन ही लेते,
किताबों के अंदर का ज्ञान भी लेते।
तब हमको कुछ समझ है आया,
किताबों को मै तभी समझ हु पाया।
बचपन से हम बड़े हो जाते,
किताबों की साथ हमेशा ही पाते।

कहा खो गयी वो किताब हमारी,
बचपन की वो पहली किताब याद आयी।

13. किताब मेरी

रात हो गई तू भी सो जा
मेरे साथ, किताब मेरी
सपनों की दुनिया में खो जा
मेरे साथ किताब मेरी

बिछा दिया है बिस्तर तेरा
बस्ते के अंदर देखो
लगा दिया है कलर बॉक्स का
तकिया भी सुंदर देखो
मुंहफुल्ली, अब तो खुश हो जा
मेरे साथ, किताब मेरी

तुझे पता है सुबह सुबह
फिर जगना है हम दोनों को
भागम भागी में स्कूल
निकलना है हम दोनों को
फड़ फड़ न कर, अब चुप हो जा
मेरे साथ किताब मेरी
” रमेश तैलंग”

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