नव वर्ष पर कविता, New Year Poem in Hindi 2024

New Year Poem in Hindi 2024 : आपको इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन नववर्ष पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Poem on New Year in Hindi को हमारे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखा गया हैं. आप इन सभी Hindi Poem On New Year को अपने वाले नववर्ष 2024 पर अपने दोस्तों या रिश्तेदार को शेयर कर सकते हैं. और उन्हें नववर्ष की बधाई दे सकते हैं.

हर वर्ष नए साल पर हमलोगों को बहुत ही उम्मीद होती हैं. की आनेवाला नए वर्ष हमारी जीवन में सुख समृधि लेकर आए. इसलिए विते हुए वर्ष में हमारे साथ जो कुछ भी हुआ हैं. उसे भूलकर हमें नई संभवनाओं, नई आशाओं एवं नई इच्छाओं के साथ नए साल का स्वागत करना चाहिए.

हमारी कोशिश होनी चाहिए की नए सालों में पिछले साल हुई गलतियों को न दोहराएँ. और पिछले साल से बेहतर करने की कोशिश करनी चहिए. नय साल की शुरूआत उल्लास और खुशियों से हमें करनी चाहिए. और जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.

दोस्तों दुनिया में 31 दिसम्बर को नए साल की आगमन के लिए सभी लोग मध्य रात्रि से ही धूम – धाम से नए साल के आगमन पर पार्टी करते हैं. पटाखे फोड़कर नव वर्ष का स्वागत करते हैं. और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं. इसके लिए उन्हें खूबसूरत New Year Poem in Hindi भेजकर उन्हें बधाई देते हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ नीचे Poem on New Year in Hindi को पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी Hindi Poem On New Year आपको पसंद आएगी. इसे अपने दोस्तों को भी शेयर करें.

नव वर्ष पर कविता, New Year Poem in Hindi 2024

New Year Poem in Hindi

1. New Year Poem in Hindi – नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है

नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है,
खुशियों की बस इक चाहत है।

नया जोश, नया उल्लास,
खुशियाँ फैले, करे उजास।

नैतिकता के मूल्य गढ़ें,
अच्छी-अच्छी बातें पढें।

कोई भूखा पेट न सोए,
संपन्नता के बीज बोए।

ऐ नव वर्ष के प्रथम प्रभात,
दो सबको अच्छी सौगात।

2. नव वर्ष पर कविता – सुनहरे सपनों की झंकार

सुनहरे सपनों की झंकार, लाया है नववर्ष
खुशियों के अनमोल उपहार लाया है नववर्ष

आपकी राहों में फूलों को बिखराकर लाया है नववर्ष
महकी हुई बहारों की ख़ुशबू लाया है नववर्ष

अपने साथ नयेपन का तूफान लाया है नववर्ष
स्नेह और आत्मीयता से आया है नववर्ष

सबके दिलों पर छाया है नववर्ष
आपको मुबारक हो दिल की गराईयों से नववर्ष।

3. Poem on New Year in Hindi – नए वर्ष में नई पहल हो

नए वर्ष में नई पहल हो
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।

अनसुलझी जो रही पहेली
अब शायद उसका भी हल हो।

जो चलता है वक्त देखकर
आगे जाकर वही सफल हो।

नए वर्ष का उगता सूरज
सबके लिए सुनहरा पल हो।

समय हमारा साथ सदा दे
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।

सुख के चौक पुरें हर द्वारे
सुखमय आँगन का हर पल हो
सभी के लिए ये नया साल मंगलमय हो।

4. Hindi Poem On New Year – आने वाला पल

आने वाला पल
गुजर जायेगा एक दिन
गुजरा हुआ पल
याद आएगा एक दिन।

क्यो गिनते रहते है हम
यूं पल छिन छिन
पानी की तरह इनका
रुक सकना नहीं मुमकिन।

ये रिश्ते, ये नाते
ये दोस्त, ये दुश्मन
क्यूँ ईजाद कर रहे है
हम ये उलझन।

क्यूँ जकड़ रखा है
जंजीरों मे खुद को
जिस्म को छोड़ के रूह भी
उड़ जाएगी एक दिन।

क्यूँ घूमते फिरते हो
यूं हैरान, परेशान
लोग मिलेंगे बिछड़ेंगे
बस याद आयेगा एक दिन।

खोल दो सारी जंजीरों को
जो उड़ने नहीं देती
खुली हवा मे तुम भी
सांस ले पाओगे एक दिन।

जिंदगी मे क्या हुआ क्या नहीं
क्या खोया क्या मिल गया
सब कुछ भूल कर खुश रहो
हर एक पल एक दिन।

आने वाला पल
गुजर जायेगा एक दिन
गुजरा हुआ पल
याद आएगा एक दिन।

5. Short Poem On New Year In Hindi Language – भूल के बीती बातों को

भूल के बीती बातों को,
एक नए मुकाम को पाना है,
नए साल में हमको एक,
नया इतिहास रचाना है।
ऊपर हमको उठना है अब,
उत्साह न ये गिर ने पाए,
छेड़ें ऐसा संगीत नया,
पूरी दुनिया ही जो गाये,
रुकना नहीं है अब हमको,
आगे कदम बढ़ाना है,
नए साल में हमको एक,
नया इतिहास रचाना हैं।

6. नया साल है नई उमंग

नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।
नई सोच है, नई तरंगे,
नई प्यास है जीवन में।
करना है कुछ नया नया अब,
नई बहार है जीवन में।
सपनों को सच करना है अब,
नई चाह है जीवन में।
करना है कुछ खुद से वादा,
आगे बढ़ना है जीवन में।
बीते पल में जो मिली निराशा,
भूलना है उसे जीवन में।
नया साल है नई उमंग,
नई आस है जीवन में।

7. चलो

चलो,
पूरी रात प्रतीक्षा के बाद
फिर एक नई सुबह होगी
होगी न,
नई सुबह?
जब आदमियत नंगी नहीं होगी
नहीं सजेंगीं हथियारों की मंडिया
नहीं खोदी जायेगीं नई कब्रें
नहीं जलेंगीं नई चिताएँ
आदिम सोच, आदिम विचारों से
मिलेगी निजात
होगी न,
नई सुबह?
सब कुछ भूल कर
हम खड़े हैं
हथेलियों में सजाये
फूलों का बगीचा,
पूरी रात जाग कर
फिर एक नई सुबह के लिए
होगी न
नई सुबह?

8. नव वर्ष के आगमन पर

नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं

सहज सरल मन से
सब को गले लगाए

उंच नीच भेद भाव के
अंतर को मिटाएं

नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं

शिक्षा का उजियारा हम
घर घर पहुंचाएं

पर्यावरण की चिंता करे
पेड़ फिर लगाए

नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं

स्वच्छता अभियान को
समझें समझाएं

योग प्राणायाम कर स्वस्थ
हम हो जाएं

नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं

देश प्रेम का जज्बा सभी
जन मन में लाएं

माँ भारती के चरणों में
शीश सब झुकाएं

नव वर्ष के आगमन पर
प्रेम गीत गाएं

9. मंगल दीप जलें अम्बर में

मंगल दीप जलें अम्बर में
मंगलमय सारा संसार
आशाओं के गीत सुनाता
नव वर्ष आया है द्वार

स्वर्ण रश्मियाँ बाँध लड़ी
ऊषा प्राची द्वार खड़ी
केसर घोल रहा है सूरज
अभिनन्दन की नवल घड़ी
चन्दन मिश्रित चले बयार
नव वर्ष आया है द्वार

प्रेम के दीपक नेह की बाती
आँगन दीप जलाएँ साथी
बदली की बूँदों से घुल मिल
नेह सुमन लिख भेजें पाती
खुशियों के बाँटें उपहार
नव वर्ष आया है द्वार

नव निष्ठा नव संकल्पों के
संग रहेंगे नव अनुष्ठान
पर्वत जैसा अडिग भरोसा
धरती जैसा धीर महान
सुख सपने होंगे साकार
नव वर्ष आया है द्वार

10. आओ, नूतन वर्ष मना लें!

आओ, नूतन वर्ष मना लें!

गृह-विहीन बन वन-प्रयास का
तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का,
एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!

उठो, मिटा दें आशाओं को,
दबी छिपी अभिलाषाओं को,
आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!

हुई बहुत दिन खेल मिचौनी,
बात यही थी निश्चित होनी,
आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
-हरिवंशराय बच्चन

11. जैसे -तैसे गुज़रा है

जैसे -तैसे गुज़रा है
पिछला साल

एक-एक दिन बीता है
अपना
बस हीरा चाटते हुए
हाथ से निबाले की
दूरियाँ
और बढ़ीं, पाटते हुए

घर से, चौराहों तक
झूलतीं हवाओं में
मिली हमें
कुछ झुलसे रिश्तों की
खाल

व्यर्थ हुई
लिपियों-भाषाओं की
नए-नए शब्दों की खोज
शहर
लाश घर में तब्दील हुए
गिद्धों का मना महाभोज

बघनखा पहनकर
स्पर्शों में
घेरता रहा हमको
शब्दों का
आक्टोपस-जाल

12. अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा

अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा
है उल्लासित फिर जग सारा
नई डगर है नया सवेरा, खुशियों से भरा नज़ारा
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….

ओस सुबह की है फिर चमकी, बिखरा करके छ्टा निराली
चेहरे दमके बगियाँ महकी, घर घर होली और दीवाली
फिर खिलकर फूल सतरंगे, हो प्रतिबिंबित तब सरिता में
प्रकृति को क्या खूब सँवारा…..
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….

हो उत्साहित गोरन्वित हम, लिए सोच में वही नयापन
निकल पड़े कुछ कर पाने को, नई दिशाएँ दर्शाने को
कर पाऊँ हर सपने को सच, जो तुम थामो हाथ हमारा….
अभिनंदन नववर्ष तुम्हारा….

13. नए साल के नए अवसर पर

नए साल के नए अवसर पर
अपने मन से सारे भेदभाव मिटाएं,
रिश्तों में मिठास लाकर
थोड़े नए रिश्ते बनाएं,
दिल की कठोरता को दूर कर
कोमलता की चादर ओढाएं,
मन को चांद की भांति सुंदर बनाकर
हर जीव के प्रति दया भाव जगाएं।

14. नव वर्ष का नया अवसर है

नव वर्ष का नया अवसर है
मन की उदासियों को दूर कर
खुशियों के फूल खिलाएं,
असफलताओं को छोड़ पीछे
नए लक्ष्यों को अपने मन में जगाएं,
बीत गया जो बुरा वक्त
उसे भूल कर नहीं सपनों को सजाएं,
दुआ करता हूं भगवान से
इस नए साल पर आप अपने
हर लक्ष्य को पूरा कर पाएं।

15. असफलता की चुनौती को स्वीकार करो

असफलता की चुनौती को स्वीकार करो,
नींद चैन को त्याग कर खुद को
आगे बढ़ने के लिए तैयार करो,
आती है कोई मुश्किल तो
अपनी कड़ी मेहनत से वार करो,
संघर्ष का मैदान मत छोड़ो तुम
नये वर्ष में नई जय-जयकार करो।
कोशिशों की गाड़ी से कभी ना उतरो
सदा बने रहो अपनी मंजिल के मुसाफिर,
आपकी लगन और परिश्रम के आगे
हर मुश्किल हार जाएगी,
मेहनत को बनाओ अपना ब्रह्मास्त्र
हर सफलता आपकी झोली में आ जाएगी।
नए साल 2024 की मुबारक हो!

16. कड़ी मेहनत और लगन से

कड़ी मेहनत और लगन से
पूरा करो अपना हर काम,
सफलता के पथ पर
आपका भी होगा नाम।
नए वर्ष का नव अवसर है
लक्ष्य की तरफ उठाओ अपने कदम,
हार जीत की बाजी में
जी जान से लगाओ से लगाओ अपना दम,
मुश्किलों की जंजीरों को तोड़ कर
हौसलों से आगे बढ़ा हुआ हुआ अपने कदम।

17. नया साल है तो

नया साल है तो
नया बनाए अपना हर सवेरा,
रिश्तो को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएं
इस दुनिया में कुछ नहीं है मेरा,
न ही कुछ है तेरा।
दिलों को एक-दूसरे से जोड़कर
बढ़ाएं अपनेपन का एहसास,
नई साल में नई सोच और
नई उमंग से रखें नया विश्वास,
इंसानियत का पाठ कभी ना भूलें
सदा मर्यादा को रखें अपने पास,
बिना शर्त और समर्पण के
दुनिया के हर बंधन को बनाएं खास।
चाहे कैसी भी आ जाए मजबूरी,
आधुनिकता की आंधी में
अपनों से ना बनाएं दूरी,
प्रेम की परिभाषा को रखें
सदा दिल के पास,
हर रिश्ता मधुर होगा
हर रिश्ता होगा खास,
नए साल के नए अवसर नए अवसर पर
बढ़ाएं अपनों से ही एहसास। Happy New Year 2024

18. अगर जीवन को बनाना है

अगर जीवन को बनाना है
खुशियों की झोपड़ी,
तो पहले सुधारनी होगी अपनी खोपड़ी,
नया साल है तो नया माइंडसेट बना कर
मन में बांधनी होगी लक्ष्यों की लड़ी,
जीवन की मुसीबतों को झेलना होगा
तभी सफलता होगी तेरे सामने खड़ी,
दुआ करता हूं भगवान से
नए वर्ष में में जीवन में हो
खुशियों की नई झड़ी।

19. उज्जवल भविष्य की

उज्जवल भविष्य की
स्वर्णिम कामनाएं
सपने साकार करने
नए साल का, नया सवेरा,
जब, अंबर से धरती पर उतरे,
तब शांति, प्रेम की पंखुड़ियां,
धरती के कण-कण पर बिखरे,
चिड़ियों के कलरव गान के संग,
मानवता की शुरू कहानी हो,
फिर न किसी का लहू बहे,
ना किसी आंख में पानी हो,
शबनम की सतरंगी बूंदे,
बरसे घर-घर द्वार,
मिटे गरीबी भुखमरी,
नफरत की दीवार,
ठंडी-ठंडी पवन खोल दे,
समरसता के द्वार,
सत्य, अहिंसा और प्रेम,
सीखे सारा संसार,
नव वर्ष की मंगल कामनायें।

20. सर्द हवाएं चूम रहीं दवारे द्वारे

सर्द हवाएं चूम रहीं दवारे द्वारे
ओढ़ रजाई बैठे हैं बच्चे सारे
स्वागत कैसे करें तुम्हारा, बोलो इतनी ठंड में
नए साल तुम फिर आए हो देखो देखो सर्दी में

एक साल पूरा हमको तरसाते हो
क्रिसमस आता है तो भाई आते हो
कुछ तो बोलो क्यों लिपटे हो शीत कुहर की वर्दी में
नए साल तुम फिर आए हो, देखो देखो सर्दी में

एक बार तो दीवाली पर आओ तुम
साथ हमारे आकर दीप जलाओ तुम
सारी दुनिया दिखे घूमती रंग बदलती चकरी में
नए साल तुम फिर आए हो देखो देखो सर्दी में

तुम भी शामिल हो जाओ मेहमानों में
एक बार तो आ जाओ रमजानों में
मनचाही चिज्जी ले आना मिली ईद की ईदी में
नए साल तुम फिर आए हो देखो देखो सर्दी में

एक बार आ जाओ मौसम होली में
खिल जाते हैं रंग हमारी टोली में
मजा मिलेगा तुम जो आए हुलियारो की बस्ती में
नए साल तुम फिर आए हो देखो देखो सर्दी में
गए साल की
गये साल क़ी
ठिठक़ी ठिठक़ी ठिठुरन
नये साल कें
नये सूर्य ने तोडी।

देश-क़ाल पर,
धुप-चढ गयी,
हवा गर्म हो फ़ैली,
पौरुष के पेड़ो के पत्तें
चेतन चमकें।

दर्पंण-देहीं
दशो दिशाये
रंग-रूप क़ी
दुनियां बिम्बित करती,
मानव-मन मे
ज्योंति-तरगें उठती।
– केदारनाथ अग्रवाल

21. नववर्ष

स्वागत! ज़ीवन के नवल वर्षं
आओं, नूतन-निर्मांण लिए,
इस महा ज़ागरण के युग़ मे
जाग्रत ज़ीवन अभिमान लिए;

दिनो दुखियो का त्राण लिए
मानवता क़ा कल्याण लिए,
स्वागत! नवयुग़ के नवल वर्षं!
तुम आओं स्वर्णं-विहां लिए।

संसार क्षितिज़ पर महाक्रान्ति
की ज्वालाओ के गान लिए,
मेरें भारत के लिए नईं
प्रेरणा नयां उत्थान लिए;

मुर्दां शरीर मे नए प्रान
प्राणो मे नव अरमान् लिए,
स्वागत!स्वागत! मेरें आगत्!
तुम आओं स्वर्णं विहान लिए!

युग़-युग़ तक पीसतें आए
कृषको को ज़ीवन-दान लिए,
कंक़ाल-मात्र रह गए शेष
मज़दूरों का नव त्राण लिए;

श्रमिको का नव संग़ठन लिए,
पददलितो का उत्थानं लिए;
स्वागत!स्वागत! मेरें आगत्!
तुम आओं स्वर्णं विहान लिए!

सत्ताधारीं साम्राज्यवाद कें
मद क़ा चिर-अवसान लिए,
दुर्बंल को अभ्यदान,
भूख़े को रोटी क़ा सामान लिए;

जीवन मे नूतन क्रान्तिं
क्रान्ति मे नए-नए बलिदान लिए,
स्वागत! जीवन क़े नवल वर्षं
आओं, तुम स्वर्णं विहान लिए!
– सोहनलाल द्विवेदी

22. नये साल क़ी शुभकामनाये

नये साल क़ी शुभकामनाये!
ख़ेतो की मेड़ो पर धुल भरें पांव को
क़ुहरे मे लिपटें उस छोटें से गांव को
नये साल की शुभकामनाये!

जांते के गीतो को बैलो की चाल क़ो
करघें को कोल्हू को मछुओ के ज़ाल को
नये साल की शुभकामनाये!

इस पक़ती रोटी को ब़च्चो के शोर क़ो
चौके की गुनगुन् को चूल्हें की भोर क़ो
नये साल की शुभकामनाये!

वीरानें ज़ंगल को तारो क़ो रात कों
ठन्डी दो बन्दूकों मे घर क़ी बात कों
नये साल क़ी शुभकामनाये!

इस चलतीं आंधी मे हर बिख़रे ब़ाल को
सिगरेंट की लाशो पर फूलो से ख़्याल को
नये साल की शुभकामनाये

क़ोट के गुलाब और ज़ूड़े के फ़ूल को
हर नन्हीं याद को हर छोटीं भूल को
नये साल की शुभकामनाये!

उनक़ो ज़िनने चुन-चुनक़र ग्रीटिग कार्डं लिख़े
उनक़ो जो अपनें गमलें मे चुपचाप दिख़े
नये साल की शुभकामनाये!
– सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

23. नवल हर्षमय नवल वर्ष यह

नवल हर्षमय नवल वर्ष यह
नवल हर्षंमय नवल वर्षं यह,
क़ल की चिंता भूलों क्षण भ़र;
लाला के रग क़ी हाला भ़र
प्याला मंदिर धरों अधरो पर!
फ़ेन-वलय मृदुं बांह पुलक़मय
स्वप्न पाश सी रहें कन्ठ मे,
निष्ठुर ग़गन हमे ज़ितने क्षण
प्रेयसिं, ज़ीवित धरें दया क़र!
– सुमित्रानंदन पंत

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