रक्षाबंधन पर कविता, Poem on Raksha Bandhan in Hindi

Poem on Raksha Bandhan in Hindi : दोस्तों यहाँ पर आपको कुछ बेहतरीन रक्षाबंधन पर कविता का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Raksha Bandhan Poem in Hindi भाई और बहन के प्यार को दर्शाता हैं. हमारे हिन्दी के लोकप्रिय कवियों ने रक्षाबंधन को अधार मानकर अनेकों कविताओं की रचना की हैं. रक्षाबंधन एक पवित्र त्योहार हैं. जो भाई और बहन के निश्छल प्रेम को को दर्शाता हैं. श्रावण मास की शुक्ल मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता हैं

भाई – बहन का रिश्ता बहुत ही अनोखा होता हैं. इस रिश्ता में हमेशा नोकझोक होती रहती हैं. भाई – बहन के प्रेम को वहीँ समझ सकता हैं. जिनके पास बहन हैं. यह एक प्रेम का अटूट बंधन होता हैं. जिसको तोड़ना असम्भव होता हैं. हमारे जीवन में अनेकों रिश्ते होते हैं. लेकिन यह रिश्ता सबसे अलग अनोखा होता हैं.

बहन भाई के लिए एक अच्छी दोस्त भी होती हैं. बहन को माँ का भी दर्जा दिया गया हैं. क्योंकि बहन भाइयों को बहुत ही ज्यादा प्रवाह ख्याल रखती हैं. इनका रिश्ता ऐसा होता हैं. की यह एक दुसरे का चेहरा देखकर ही समस्याओं को पहचान लेते हैं.

अब आइए कुछ नीचे Hindi Poem On Raksha Bandhan पर दिया गया हैं. इसे पढ़ते हैं. और हमें आशा हैं की यह Short Poem on Rakhi Festival in Hindi में आपको पसंद आयेंगे. इस अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

रक्षाबंधन पर कविता, Poem on Raksha Bandhan in Hindi

Poem on Raksha Bandhan in Hindi

1. रक्षाबंधन पर कविता – लो फिर आया रक्षा बंधन

लो फिर आया रक्षा बंधन
भाई बहन के अमित प्यार का
बड़ा अनोखा बंधन

एक दूजे की गलबहियो में
बिछे रेत की पगडंडीयों में
बचपन बीता, आई जवानी

रिश्तो ने ली फिर अंगड़ाई
भौतिकता की भागदौड़ ने
स्वार्थपरता की आंधी ने
रिश्तो की गरिमा को छेड़ा तो
भरमाय है

समय ने डाली है इन पर धूल
है तो फिर एक डाली के फूल
कच्चे धागों के यह घेरे
नाजुक है पर नेह घनेरे

देखें कहीं उलझन जाए
उलझ कर कहीं टूट न जाए
बस्ती रहे प्रेम सरगम

लो फिर आया रक्षाबंधन
भाई बहन के अमिट प्यार का
बड़ा अनोखा बंधन

– उषा मित्तल

2. Poem on Raksha Bandhan in Hindi – राखियां बहनों की

राखियां बहनों की
शुभ सौगात है
राखियां भाई को
आर्शीवाद है

बांधती जब
भाइयों के हाथों पर
बहनों को होता
अनूठा नाज है

स्नेह के अनसुने सुरीले
गीतों पर
राखी बजता
अलंकृत साज है

राखियों में झलकती
अद्भुत खुशी
राखियां घेवर का
अनुपम स्वाद है

– अनिल कुमार माथुर

3. Short Poem on Rakhi Festival in Hindi – राखी का आज़ त्यौंहार हैं

राखी का आज़ त्यौंहार हैं
बहन भाई के लिये बहुत ख़ास हैं
लाया ख़ुशियों की बहार हैं
रेशम के धागें से बंधा प्यार हैं।

बहने आज़ भाईयो को
कुमक़ुम का तिलक लगाती है
अपनें प्यारे हाथो से
भाई को मिठाई ख़िलाती हैं।

भाई की सुनी कलाईं पर
रेशम का धागा बाधती हैं
बदलें मे भाई से रक्षा क़ा
अनमोल वादा पाती हैं।

भाई भी सुन्दर सुन्दर तोहफ़े
बहनो के लिए लातें है
तोहफ़े मे क्या मिलने वाला हैं
बहने उत्सुक़ रहती है।

बहने भी भाई क़ी
सलामती की दुआ क़रती हैं
ख़ुश रहो तुम सदा भैंया
यहीं प्रार्थना क़रती हैं।

बहन भाईं का एक दूसरें पर
होता अटूट विश्वास हैं
रेशम के धागें से ये
बन्धा हुआ त्यौंहार हैं।

4. Raksha Bandhan Poem in Hindi

राखी आई खुशियां लाई
बहन आज़ फूले न समाई
रख़़ी, रोली और मिठाई
इन सब़ से थाली ख़ूब सज़ाई!
बाधे भाई के क़लाई पे धागा
भाईं से लेती है वादा
रख़ी की लाज भैंया निभाना
बहन को कभीं भूल न ज़ाना!
भाई देता ब़हन को वचन
दुःख़ उसके सब क़र लेगा हरण
भाई बहन क़ा प्यार है
त्यौंहार राखी का न्यारा है!

5. Raksha Bandhan Poem Kavita For Brother Sister in Hindi 

रहें मेरा भाई क़ुशल,
बहन चाहती हैं
आया राख़ी त्यौहार,
बहन फूले नही समाती हैं
राख़ी रोली मिठाईं से,
थाली सज़ाती हैं
लगाक़र तिलक़ कलाई पे
राखी बाधती हैं
भाई की क़लाई,
पे रक्षासूत्र का बाधती हैं धागा
क़रवाती हैं भाई से,
रक्षा क़रने का वादा
भैंया रख़नी है लाज़ राखी की,
इसक़ो निभाना
संक़ट आये बहन पें तो,
रक्षक़ बनक़र तुम रहना
भाई अपनी बहन क़ो
देते हैं वचन
संक़ट आने पर,
संक़ट का करुगा मे हरण
भाई बहन क़ा पवित्र रिश्ता,
होता हैं बडा प्यारा
प्यार पवित्र रिश्तें से,
फ़ैले घर घर उज़ियारा
ज़गत मे भाई बहन का
रिश्ता हैं बड़ा ही प्यारा
रक्षा बंधन का त्यौंहार हैं,
सबसें ही न्यारा
हर भाईं को बहिन का
रिश्ता सदा निभाना हैं
बना रहें प्यार भाई बहन मे,
सुरेश का यहीं कहना हैं।
– सुरेश कुमार भार्गव

6. Hindi Poem On Raksha Bandhan

प्रीत के धागों के बन्धन मे,
स्नेंह का उमड रहा संसार,
सारे ज़ग मे सबसें सच्चा,
होता भाई बहन क़ा प्यार,
नन्हें भैंया का हैं कहना,
राखी बान्धो प्यारी बहना।
सावन क़ी मस्त फ़ुहार,
मधुरिम संगीत सुनती हैं,
मेघो की ढ़ोल थाप पर,
वसुन्धरा मुस्क़ाती हैं।
आया सावन क़ा महीना,
राख़ी बान्धो प्यारी बहना।
धरती ने चांद मामा क़़ो.
इन्द्रधनुषी राख़ी पहनायी,
बिज़ली चमक़ी ख़ुशियो से,
रिमझ़िम जी ने झडी लगाई।
राजी खुशी सदा तुम रहना,
राखी बाँधो प्यारी ब़हना।

7. Short Poem On Raksha Bandhan In Hindi Language

माँ मुझको अच्छा लगता जब
मुझे बाँधती दीदी राखी
तुम कहती जो रक्षा करता
उसे बांधते है सब राखी

तो माँ दीदी भी तो मेरी
हर दम देखो रक्षा करती
जहाँ मैं चाहूँ हाथ पकड़ कर
वहीँ मुझे ले जाया करती

मैं भी माँ दीदी को अब तो
बांधुगा प्यारी सी राखी
कितना प्यार करेगी दीदी
जब बांधूंगा उनको राखी

8. स्नेह भरा रक्षा बंधन का त्योहार

स्नेह भरा रक्षा बंधन का त्योहार
आया नया रूप ले फिर इस बार

भाई की कलाई सजेगी
प्रेम प्यार की धार बहेगी

घर में होगा सौहार्द का स्वर
गली गली गांव गांव शहर

अक्षत रोली से होगा टीका
प्यार जरा भी ना होगा फीका

मुंह मीठा होगा अब खाकर मिष्ठान
प्रीत रिश्तों को मिलेगी नव पहचान

9. ले आज राखी तेरी याद आई

ले आज राखी तेरी याद आई
इस भाई की सजा दे कलाई

बदले में इसके लुटा तु प्यार
यह भाई देगा अनुपम उपहार

खुशियों से बहना की झोली भर
सभी मन मनोरथ सम्पूर्ण कर

खुशहाल रहे सदा उसका जीवन
प्रीत बहार लाये तेरा बन्धन

राखी बस कर तु इतना काम
करता यह भाई तुझे प्रणाम

– Lokesh Indoura

10. बहन करती जिसका बेसर्बी से इंतज़ार है

बहन करती जिसका बेसर्बी से इंतज़ार है
देखो आ गया राखी का त्यौहार है
भाई की कलाई और बहन का प्यार है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

झिलमिल कर रहे सारे सितारे है
बज रही दिल में गीतार है
हो रही थोड़ी तकरार है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

सज गयी सारी बहने है
भाईओं ने भी पहनी पगड़ी है
ढीली हो रही जेब है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

गुलाब जामुन से सज गयी थाल है
कुकु, चावल ने भी धारण किया अपना स्थान है
वक़्त भी दे रहा एक मिसाल है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

पूछ रही बहना एक सवाल है
क्या दे पाओगे मुझे रक्षा का वरदान है
यह सिर्फ धागा नहीं है वादा साथ निभाने का है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

भाई ने दिया प्यारा जवाब है
मेरी बहन मेरे लिए नायब है
उपहारों में फूलो की हुई बौछार है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

हर किसी के किस्मत में बहन का प्यार कहा है
वो खुसनसीब है जिनके भाग्य में एक प्यारी बहना है
सुख दुःख बाटने का ख़िताब उसे ही मिलता है
देखो राखी से सज गया सारा बाज़ार है।

11. रहे मेरा भाई कुशल, बहन चाहती है

रहे मेरा भाई कुशल, बहन चाहती है
आया राखी त्यौंहार, बहन फुले नहीं समाती है
राखी रोली मिठाई से, थाली सजाती है
लगाकर तिलक कलाई पे राखी बांधती है
भाई की कलाई, पे रक्षासूत्र का बांधती है धागा
करवाती है भाई से, रक्षा करने का वादा
भैया रखनी है लाज राखी की, इसको निभाना
संकट आये बहन पे तो, रक्षक बनकर तुम रहना
भाई अपनी बहन को देते है वचन
संकट आने पर, संकट का करुगा में हरण
भाई बहन का पवित्र रिश्ता, होता है बड़ा प्यारा
प्यार पवित्र रिश्ते से, फैले घर घर उजियारा
जगत में भाई बहन का रिश्ता है बड़ा ही प्यारा
रक्षाबंधन का त्यौहार है, सबसे ही न्यारा
हर भाई को बहिन का रिश्ता सदा निभाना है
बना रहे प्यार भाई बहिन में, सुरेश का यही कहना है।

12. ना आ पाऊँगी भैया मैं, रक्षाबंधन के त्यौहार

ना आ पाऊँगी भैया मैं, रक्षाबंधन के त्यौहार
भेजी है मैंने राखी, है जो भाई – बहन के प्यार का आधार
हुआ चिंतित भाई, पूछा मोबाइल पर हाल चाल
तुम हो मेरा प्यारा भाई, तुम जीवो हजारो साल
आ गया, आ गया राखी बंधन का त्यौहार
भाई मिलने पहुँच गया, अपनी बहन के द्वार
देख अपने भैया को, अब फुले न समाये
बहन हो गई गदगद, जब भैया ने रक्षासूत्र बंधवाया
दिया समाचार आस-पड़ोस में, मेरा भाई आया
देखा नाता भाई बहन का, सबका मन हर्षाया
भाई-बहन के प्यार का, दुनिया में कोई तोल नहीं
कहे सुरेश आपसे, भाई बहन के प्यार का कोई मोल नहीं

सुरेश कुमार भार्गव सेवानिवृत व्याख्याता

13. जाति-धर्म के तोड़ता बंधन

जाति-धर्म के तोड़ता बंधन, फिर भी सबको है भाता।
कांटे भी खिलते फूलों से, जब रक्षाबंधन है आता।।
प्राणवायु नहीं दिखती फिर भी, जीवन उसी से है चलता।
बहन हो कितने दूर भी, फिर भी राज उसी का है चलता।।
जंजीरें भी जकड़ न पाएं, मन इतना चंचल होता।
पल में अवनि, पल में अंबर, पल में सागर में खोता।।
इतने चंचल मन को बांधा, इक रेशम के धागे ने,
हंसते-हंसते खुद बंध जाना, सबके मन को है भाता।
कांटे भी खिलते फूलों से, जब रक्षाबंधन है आता।

14. प्रीत के धागो के बंधन में

प्रीत के धागो के बंधन में,
स्नेह का उमड़ रहा संसार,
सारे जग में सबसे सच्चा,
होता भाई बहन का प्यार,
नन्हे भैया का है कहना,
राखी बांधो प्यारी बहना।

सावन की मस्तीली फुहार,
मधुरिम संगीत सुनती है,
मेघों की ढोल ताप पर,
वसुंधरा मुस्काती है।

आया सावन का महीना,
राखी बांधो प्यारी बहना।

धरती ने चाँद मामा को.
इंद्रधनुषी राखी पहनाई,
बिजली चमकी खुशियों से,
रिमझिम जी ने झड़ी लगाई।

राजी ख़ुशी सदा तुम रहना,
राखी बाँधों प्यारी बहना।

15. आज बहन ने बड़े प्रेम से

आज बहन ने बड़े प्रेम से
रंग बिरंगा चौक बनाया
इसके बाद चौक के ऊपर
अपने भैया को बिठाया
रंग बिरंगी राखी बाँधी
फिर सुंदर सा तिलक लगाया
गोल गोल रसगुल्ला खाकर
भैया मन ही मन मुस्कुराया
थाल सजाकर दीप जलाकर
भैया की आरती उतारी
मन ही मन में कहती बहना
भैया रखना लाज हमारी
करना सदा बहन की रक्षा
भैया तुमको समझता है
कच्चे धागों का ये बंधन
रक्षा बंधन कहलाता है

16. हर सावन में आती राखी

हर सावन में आती राखी,
बहना से मिलवाती राखी…

चाँद सितारों की चमकीली,
कलाई को कर जाती राखी…

जो भूले से भी ना भूले,
मनभावन क्षण लाती राखी,
अटूट-प्रेम का भाव धागे से
हर घर में बिखराती राखी…

सारे जग की मूल्यवान
चीजों से बढकर भाती राखी.
सदा बहन की रक्षा करना,
भाई को बतलाती राखी!!

17. राखी के धागे हलके फुल्के

राखी के धागे हलके फुल्के.. जज़्बातों मे गहरा वज़न टिका,
वह रिश्ता सबसे उत्तम है.. जिस मे रक्षा का है वचन जुड़ा।
रक्षाबंधन पर्व हर वर्ष हो.. इस रीत से सबका ह्रदय जुड़ा,
भाई बहन का एक ही मन है.. अद्वितीय सूत्र की गाँठ बँधा।

कैसे भावनाएँ जन्म ले भीतर..? कैसे उत्पन्न परवाह हो..?
चुपचाप जो बैठे बहन कही तो.. बेचैनी भाई के शब्दों मे हो,
दुआ के थाल दो नैना भरकर.. बहना माँगे भाई का सदा भला..
ईश्वर से विनती इतनी है.. पावन रिश्ता यह रहे खरा।

रंग सुनहरे धागों के.. चमक धमक सजावट हो..
मन भावन है नाम राखी का.. राखी का अर्थ रक्षा हो,
दूर पास.. हम कही रहे.. हुँ बहन! है सौभागय मेरा..
वीर हाथ जो सर पर रख दे.. स्पर्श छाप बन माथे सजे सदा।

राखी के धागे नही हलके फुल्के.. भाई बहन प्रेम हर रेशे जुड़ा..
चोखा है.. अनोखा है.. कई कड़ियों से यह नाता जुड़ा,
रक्षाबंधन पर हर बहना.. माँगे भाई का जीवन हो सुख से भरा..
ह्रदय कोश से.. नैनो से.. शब्दों से सौंपूँ आशीष सदा।

“राखी के धागे हलके फुल्के.. जज़्बातों मे गहरा वज़न टिका,
भाई बहन का एक ही मन है.. अद्वितीय सूत्र की गाँठ बँधा।

18. आओ भैया , प्यारे भैया

आओ भैया , प्यारे भैया ,
मस्तक पर शुभ तिलक लगा दू ।
रक्षाबंधन की बेला मे ,
धागो का कगन पहना दू ।।

युग ~ युग जियो , फलो ~ फूलो तुम , जीवन भर मेरे भाई ।
राखी के इस शुभ अवसर पर यही कामना मै लाई ।।

जब तक रवि ~ शशि करते विचरण , गगा ~ यमुना है साखी ।
तब तक रक्षा करे तुम्हारी , बहन की प्यारी राखी ।।

दिन बीते सुख चैन भरे ,
राते बीते आनन्द भरी ।
रेशम के कोमल धागो मे ,
बहना की प्रीत भरी ।।

मेरी बहना , प्यारी बहना ,
तुझे वचन मै देता हू ।
जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का प्रण लेता हू ।।

बहना तेरी आन ~ मान पर
आच न मै आने दूगा ।
इस प्यारी राखी के बदले
जीवन भी अपना दूगा ।।

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