95+ बारिश पर शायरी, Barish Shayari in Hindi

Barish Shayari in Hindi – आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन बारिश पर शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Shayari on Barish in Hindi बहुत ही लोकप्रिय हैं. यह सभी Barish ki Shayari हमारे लोकप्रिय शायरों द्वारा लिखी गई हैं. हमारे मन पर बारिश के मौसम का बहुत ही प्रभाव पड़ता हैं. बारिश होने पर हमारे मन में अनेको प्रकार के विचार पैदा होते हैं. इसी बारिश को आधार मानकर हमारे अनेको लोकप्रिय शायरी लिखी हैं.

बारिश का मौसम सभी लोगों के मन को भाती हैं. इस मौसम में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं. और चारो तरफ हरियाली छा जाती हैं. यह मौसम बहुत ही सुहावना लगता हैं.

दोस्तों आइए अब कुछ इकट्ठा किए गए बेहतरीन Barish Shayari in Hindi में पढ़ते हैं. हमें आशा हैं की यह Shayari on Barish आपको बहुत पसंद आएगी. इस बारिश पर शायरी को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

बारिश पर शायरी, Barish Shayari in Hindi

Barish Shayari in Hindi

(1) तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे

(2) टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए

(3) बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

(4) भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है

(5) साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को ‘अंजुम’
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई

(6) धूप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसा
उसकी पायल में बरसात का मौसम छनके

बरसात पर शायरी

(7) शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है

(8) उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई

(9) याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था

(10) आज बादल काले घने हैं
आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं

बारिश पर शायरी

(11) बादलों से कह दो, जरा सोच समझ कर
बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
तो मुकाबला बराबरी का होगा ।

Barish Par Shayari

(12) बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी
याद आई कुछ अपना ज़माना याद आया
कुछ उनकी जवानी याद आई,

(13) मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
बदनसीबी सर पटकती रह गई
और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

(14) ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!

(15) मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ

(16) बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के
होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा ।

(17) कितना अधूरा लगता है तब,
जब बादल हो पर बारिश ना हो,
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.

Barish ki Shayari

(18) मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।

(19) बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में

Shayari on Barish

(20) अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।

(21) हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी

(22) इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

(23) कभी बेपनाह बरस पडी, कभी गुम सी है,
यह बारिश भी कुछ – कुछ तुम सी है।

बारिश के मौसम पर शायरी

(24) एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।

(25) बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं

(26) अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की

(27) आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

Rain Shayari

(28) बरिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है
फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा हैं
यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है

(29) मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है।

(30) कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है

(31) पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है।

(32) कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी

(33) रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।

(34) काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले।

(35) उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।

(36) ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए

(37) वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

(38) मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।

Shayari on Barish

(39) सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!

(40) पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है

(41) कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।

(42) ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

(43) बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

(44) जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

(45) किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे उड़ जाते है
सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नही !

(46) हवा संग बह चला जाएगा ये बादल भी मगर
ये मेरे शहर आया है अब अदब से भीगना होगा !

(47) कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !

(48) बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है !

Barish Shayari in Hindi

(49) सीने में समुन्दर के लावे सा सुलगता हूँ
मैं तेरी इनायत की बारिश को तरसता हूँ

(50) मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !

(51) मुझे मार ही ना डाले इन बादलो की साज़िश
ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो !

(52) बहुत दिनों बाद मेरे शहर में बारिश हुई, अब देखो,
कुछ बूँदें अभी भी पलकों के चारों ओर लिपटी हुई हैं।

(53) जिनके पास सिक्के थे वो
मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके पास नोट थे
वो छत तलाशते हुए रह गए !!

(54) खिड़की के शीशे गीले हैं
मेरा दिल भी गीला है
लगता है कल रात बारिश हुई है
बाहर भी और अंदर भी।

(55) हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !

(56) कुछ तो चाहत होगी इन बारिश की
बूंदो की वरना कौन गिरता है इस
ज़मीन पर आसमान तक पहुँचने के बाद !

(57) न कोई छत्रछाया है न कोई मोह माया है
बारिश से ज्यादा तो मुझको तेरी यादों ने भिगाया है !!

(58) मुझे फ़ुरसत ही कहाँ मौसम सुहाना देखूं
मैं तेरी याद से निकलूं तो ज़माना देखूं !!

(59) अपने विचारो मे ताक़त रखो आवाज़ मे नही
क्योंकि फसल बारिश से होती है बाढ़ मे नही !

(60) किया न करो मुझसे इश्क़ की बाते
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं राते !

Shayari on Barish

(61) बारिशो की भी अपनी कहानी है
जैसे अश्को के साथ बहता पानी है !!

(62) ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।

(63) हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।

(64) हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश
की बूँदे मगर मेरी आँखों से
ये सावन आज भी हार जाता है।

(65) जिसके आने से
मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को
हरा करते हैं !!

(66) मौसम चल रहा है इश्क का साहिब
जरा सम्भल कर के रहियेगा !!

(67) कह दो बादलों से
कुछ पानी मेरी आँखों से
उधार ले जाये !!

(68) हमारे शहर आ जाओ
सदा बरसात रहती है
कभी बादल बरसते है
कभी आँखे बरसती है !!

(69) ये बारिशों से दोस्ती
अच्छी नहीं फ़राज़
कच्चा तेरा मकान है
कुछ तो ख्याल करो !!

बारिश पर शायरी

(70) ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,
फर्क सिर्फ इतना है,
तुम मन को भीगा देते हो,
वो पूरे तन को भीगा देती है।

(71) मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं

(72) तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे

(73) बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में

(74) खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है

(75) सुना है बाजार में गिर गए हैं दाम सारे इत्र के
बारिश की पहली बूंदों ने आज मिटटी को छुआ है

(76) कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है

बारिश शायरी

(77) अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रेहता हूँ बारिश में
बदन जलता है और मैं भीगता रेहता हूँ बारिश में

(78) हम भीगते है जिस तरह से तेरी यादों में डूब कर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे खयालों जैसी

(79) बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।

(80) बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था।

(81) बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत सीखो फ़राज़,
अगर ये रूठ भी जाएँ, तो बरसती बहुत हैं।

(82) मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
बदनसीबी सर पटकती रह गई
और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

Barish Pe Shayari

(83) कभी जी भर के बरसना,
कभी बूँद-बूँद के लिए तड़पना,
अये बारिश तेरी आदतें भी मेरे यार जैसी हैं।

(84) अगर भीगने का इतना ही शौक है,
बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है,
लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।

(85) इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद
करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

(86) क्या तमाशा लगा रखा है,
तूने ए-बारिश बरसना ही है , तो जम के बरस.
वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.

(87) कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है

(88) बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है !

(89) बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

(90) मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

(91) गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

(92) तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं !

(93) हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है !

(94) मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

(95) बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !
दूर आसमा से निकल कर,
जमी में मिल जाती हैं !

(96) कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए,
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है !

(97) इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !

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