बेइज्जती वाली शायरी, Insult Shayari in Hindi

Insult Shayari in Hindi : दोस्तों आज इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन और लोकप्रिय बेइज्जती वाली शायरी का संग्रह दिया गया हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Insult Shayari in Hindi में दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी बेइज्जती वाली शायरी आपको पसंद आएगी.

Insult Shayari in Hindi

बेइज्जती वाली शायरी, Insult Shayari in Hindi

(1) आसमान जितना नीला है, सूरजमुखी जितना पीला है,
पानी जितना गीला है, आपका स्क्रू उतना ही ढीला है.

(2) भोकना और चिल्लाना कुत्तों का काम है,
हम तो बेज्जती भी इज्ज़त से करते है.

(3) तारीफ़ के काबिल हम कहाँ,
चर्चा तो आपकी चलती हैं,
सब कुछ तो हैं आपके पास,
बस सींग और पूंछ की कमी खलती हैं.

(4) पानी आने की बात करते हो,
दिल जलाने की बात करते हो,
चार दिन से मुहँ नही धोया,
तुम नहाने की बात करते हो.

(5) चाँद से रौशनी ज्यादा, और सितारों से कम निकले,
जब भी मैं तुझे देखूँ, मेरा हँस-हँस के दम निकले.

(6) इस दिल को तो एक बार बहला कर चुप करा लिया हैं,
पर इस दिमाग का क्या करूँ, जिसका तुमने दही बना दिया हैं.

(7) दिल की तमन्ना है,
कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊं तुझको,
बस तू अपना वजन कम कर ले,
जिससे ये काम आसान लगे मुझकों.

(8) क्या मस्त मौसम आया है, हर तरफ पानी ही पानी लाया है,
तुम घर से बाहर मत निकलना,
वर्ना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं और मेंढक निकल आया है.

(9) तू कहे तो चाँद तारे तोड़ दूँ,
तू कहे तो ये दुनिया छोड़ दूँ,
तू एक बार हँस के देख मेरे दोस्त,
तेरे सारे गंदे दांत तोड़ दूँ

(10) इतना खुबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो,
इतना कातिल कैसे शरमा लेते हो,
कितनी आसानी से जान ले लेते हो,
किसी ने सिखाया है…
या बचपन से ही कमीने हो?

Attitude Insult Shayari

(11) शाम होते ही ये दिल उदास होता है,
टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है,
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है,
जब कोई बन्दर आस-पास होता है।

(12) तुमसा कोई दूसरा जमीन पर हुआ
तो रब से शिकायत होगी एक का तो
झेला नहीं जाता दूसरा आ गया तो
क्या हालत होगी.

(13) कमाल के तेर नखरें
कमाल का तेरा स्टाइल हैं,
बात करने की तमीज नही
और हाथ में मोबाइल हैं.

(14) ज़माने में मेरी इज्जत उछालने के लिए
उसने खुद को बेइज्जत कर लिया ऐसा
बदनसीब हैं मेरा दुश्मन जिसने मुझे
जलाने के लिए ‘खुद’ को जला दिया.

(15) तेरे लिए सब कुछ कर जाते है
और मेकअप कर लिया करो
बचे डर जाते है.

(16) याद है हम पहले कहाँ मिले थे,
ट्रेन रुकी, खिड़की खुली,
नजरों से नजरे मिली और अपने कहा,
“अल्लाह के नाम पर कुछ देदे बाबा।”

(17) दुआ करते हैं हम खुदा से,
के वो आप जैसा दोस्त और न बनाये,
एक कार्टून जैसी चीज है हमारे पास,
कहीं वो भी कॉमन न हो जाये।

(18) आखों से आसुओं की विदाई कर दो,
दिल से ग़मों की जुदाई कर दो,
गर फिर भी दिल न लगे कहीं,
तो मेरे घर की पुताई कर दो.

(19) आप हमारे दिल में कुछ इस तरह समां गए हो,
आप हमारी जिन्दगी में कुछ इस तरह आ गए हो,
जैसे हरे भरे खेत में कुछ सांड घुस गए हो.

(20) जब तू होती थी मेरी जिन्दगी में
तो तेरे मेरे इश्क के चर्चे बहुत थे,
अच्छा ही हुआ जिन्दगी से चली गयी तू
क्योकि तेरे खर्चे ही बहुत थे.

(21) मज़ाक उतना ही करो जितना कि बेइज्जती ना हो,
दुस्मनी_झेल लेंगे साहब पर यह साली बेज्जती बरदाशत नहीं होती।

(22) बेइज़्ज़ती करना “दोस्त” की ये भी एक जूनून है,
इसमें भी एक मज़ा है #इसमें भी एक सुकून है।

(23) ‘तरसोगे’ कभी मेरी एक ‘झलक’ के लिए
इस बेइज्जती का ऐसा बदला मैं लूंगा..
आज तोड़ा हैं तूने_गुरूर मेरा मगर
एक दिन तेरा सिर ‘झुकाकर’ रहूंगा..

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