चन्द्रसखी की प्रसिद्ध कविताएँ, Chandrasakhi Poem in Hindi

चन्द्रसखी (Chandrasakhi) की रचनाएँ 1. आज बिरज में होरी रे रसिया 1 आज बिरज में होरी रे रसिया॥ टेक होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥ आज… कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ कमोरी रे रसिया॥ आज… कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी, राधा के हाथ कमोरी रे रसिया॥ आज… अपने-अपने घर से निकसीं, कोई … Read more