75+ माँ के लिए शायरी, Maa Ke Liye Shayari

Maa Ke Liye Shayari – आपको इस पोस्ट में कुछ बेहतरीन माँ के लिए शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Mom Ke Liye Shayari को हमारे लोकप्रिय और प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखी गई हैं. आप इन सभी Maa Ke Liye Shayari in Hindi को Mother’s Day जो प्रत्येक वर्ष 10 मई को मनाया जाता हैं. अपने माँ को सुनाकर अपने मनोभाव को प्रकट कर सकते हैं. एवं किसी आयोजन या मंच पर भी इन सभी शायरी को सुना सकते हैं.

हमारे जीवन में माँ का कितना महत्व हैं. उससे पूछिए जिनकी माँ नहीं हैं. आज हम इस दुनिया में माँ की ही बदौलत हैं. माँ ही हैं, जो हमें दुनिया से पहली परिचय कराती हैं. हम इस दुनिया की कल्पना माँ के बिना नहीं कर सकते हैं.

माँ जितना प्यार इस दुनिया में और किसी से भी नही मिल सकता हैं. हमलोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा कर जाते हैं. लेकिन माँ हमसे कभी भी गुस्सा नहीं करती हैं. यह भी कहा जाता हैं. की माँ के चरणों में स्वर्ग होता हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Mummy Ke Liye Shayari दी गई हैं. इसको पढते हैं. हमें उम्मीद हैं की यह सभी माँ के लिए शायरी आपको पसंद आएगी. इस Mom Ke Liye Shayari को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

माँ के लिए शायरी, Maa Ke Liye Shayari

Maa Ke Liye Shayari

(1) जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।

(2) मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा
झुक कर करू तेरा सजदा
तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए
ना कर कभी मुझे माँ से जुदा!

(3) चलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

(4) माँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।

(5) रब से करू दुआ बार-बार
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।

(6) तन्हाई क्या होती उस माँ से पूछो,
जिसका बेटा घर लोट कर नही आया।

(7) बिना हुनर के भी वो चार ओलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

(8) उसकी डांट में भी प्यार नजर आता है,
माँ की याद में दुआ नजर आती है।

Maa Ke Liye Shayari in Hindi

Mom Ke Liye Shayari

(9) खाली पड़ा था मकान मेरा,
जब माँ घर आयी तो घर बना।

(10) बर्तन माज कर माँ चार बेटो को पाल लेती है,
लेकिन चार बेटो से माँ को दो वक्त की रोटी नही दी जाती।

(11) बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।

(12) गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें है कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

(13) मां की दुआ को क्या नाम दूं,
उसका हाथ हो सर पर तो मुकद्दर जाग उठता है।

(14) मां कहती नहीं लेकिन सब कुछ समझती है,
दिल की और जुबां की दोनों भाषा समझती है।

(15) जब नींद नहीं आती,
तब मां की लोरी याद आती है।

(16) मां तो वो है जो अगर खुश होकर सर पर हाथ रख दे,
तो दुश्मन तो क्या काल भी घबरा जाए।

(17) पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,
बस इक औलाद के सितम से माँ टूट जाती है।

(18) भटकती हुई राहों की धूल था मैं
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।

Mummy Ke Liye Shayari

Maa Ke Liye Shayari in Hindi

(19) जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है।

(20) जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है,
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते है।

(21) हर झुला झूल के देखा पर,
माँ के हाथ जैसा जादू कही नही देखा।

(22) माँ खुद भूखी होती है, मुझे खिलाती है,
खुद दुःखी होती है, मुझे चेन की नींद सुलाती है।

(23) माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा!
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा!

(24) हजारो गम है जिन्दगी में,
फिर माँ मुस्कराती है,
तो हर गम भूल जाता हू।

(25) माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमो में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।

(26) कभी चाउमीन, कभी मैगी, कभी पीजा खाया लेकिन,
जब मां के हाथ की रोटी खायी तब ही पेट भर पाया।

(27) पैसो से सब कुछ मिलता है पर,
माँ जैसा प्यार कही नही मिलता।

(28) हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश देखा,
लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।

Ma Ke Liye Shayari

(29) काम से घर लौट कर आया तो सपने को क्या लाए,
बस एक मां ने पूछा बेटा कुछ खाया कि नहीं।

(30) हर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका,
दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका।

(31) कहीं भी चला जाऊं दिल बेचैन रहता है,
जब घर जाता हूं तो माँ के आंचल में ही सुकून मिलता है।

(32) उम्र भर खाली यूं ही मकान हमने रहने दिया,
तुम गए तो दूसरे को कभी यहां रहने ना दिया,
मैंने कल सब चाहतों की किताबे फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज पर लिखा मां रहने दिया।

(33) मुश्किल घड़ी में ना पैसा काम आया,
ना रिश्तेदार काम आये,
आँख बंद की तो सिर्फ मां याद आयी।

(34) कोई सरहद नहीं होती,
कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती,
तो बंटवारा नहीं होता।

(35) जब दवा काम नहीं आती है,
तब माँ की दुआ काम आती है।

(36) राहे मुश्किल थी रोकने की कोशिश बहुत की,
लेकिन रोक न पाए क्योंकि मैं घर से मां के पैर छू निकला था।

(37) तकिए बदले हमने बेशुमार लेकिन तकिए हमें सुलाते नहीं,
बेखबर थे हम कि तकिए में मां की गोद को तलाशते नहीं।

Mom Ke Liye Shayari

(38) मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है,
तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।

(39) जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम।

(40) हालात बुरे थे मगर अमीर बना कर रखती थी,
हम गरीब थे यह बस हमारी मां जानती थी।

(41) सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है,
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है।

(42) खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी…
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..

(43) हम खुशियों में मां को भले ही भूल जाए,
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है मां।

(44) रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

(45) किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता,
शायद अब घर से कोई मां के पैर छूकर नहीं निकलता।

(46) जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।

(47) दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।

(48) मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,
जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई।

Maa Ke Liye Shayari

(49) हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।

(50) मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।

(51) ना आसमां होता ना जमीं होती,
अगर मां तुम ना होती।

(52) माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता,
लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया।

(53) मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है,
जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है।

(54) जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।

(55) हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर, देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम,
माँ, तेरी गोद में मुझे, जन्नत का एहसास होता है।

(56) माँ है तो फिर सब कुछ है इस जहाँ में,
कौन कहता है यहाँ जन्नत नहीं मिलती।

(57) नींद भी भला इन आँखों में कहाँ आती है,
एक अर्से से मैंने अपनी माँ को नहीं देखा।

(58) घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हो गया।

(59) हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।

(60) एक मुद्दत हुई मेरी मां नहीं सोई तबिश,
मैंने एक बार कहा था कि मुझे डर लगता है।

(61) मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।

(62) न जाने क्यों आज के इंसान इस बात से अनजान हैं,
छोड़ देते हैं बुढ़ापे में जिसे वो माँ तो एक वरदान है।

(63) बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा,
मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूँ।

(64) बालाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं,
मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं।

(65) इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।

(66) मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों,
सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था।

(67) भूल जाता हूँ परेशानियां ज़िंदगी की सारी,
माँ अपनी गोद में जब मेरा सर रख लेती है।

(68) मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है।
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।

(69) अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआएं भी साथ चलती है।

(70) ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब,
कही मेरी माँ की दुआ तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये।

(71) माँ ! के आगे यूँ ही कभी खुल कर नहीं रोना,
जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती।

(72) माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

(73) खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी,
जब मैंने मुस्कुराती हुई माँ देखी।

(74) जब जब कागज पर लिखा, मैने “माँ” का नाम,
कलम अदब से बोल उठी, हो गये चारो धाम।

(75) यूं ही नहीं गूंजती किलकारियां‬ घर आँगन‬ के कोने में,
जान ‎हथेली‬ पर रखनी‪ पड़ती है “माँ” को “‪माँ‬” होने में।

(76) क्या सही है क्या गलत वो हमेशा मुझे समझाती है,
मैं खाना नहीं खाता तो वो भी कहां कुछ खाती है,
और अपने बच्चो के लिए कुछ पैसे बचा लूँ,
ये सोचकर #मां घर पैदल चली आती है।

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