अमिताभ भट्ट अरविन्द की प्रसिद्ध कविताएँ, Amitabh Bhatt Arvind Poem in Hindi

Amitabh Bhatt Arvind Poem in Hindi – आपको यहाँ पर Amitabh Bhatt Arvind ki Kavita in Hindi में दी गई हैं. अमिताभ भट्ट अरविन्द का जन्म 16 दिसम्बर 1996 को उत्तरप्रदेश के लखनऊ में हुआ था. इन्होनें 18 वर्ष की आयु में अपनी पहली हिंदी कविता लिखी.

आइए अब यहाँ पर Amitabh Bhatt Arvind Famous Poems in Hindi में दिए गए हैं. इसे पढ़ते हैं.

अमिताभ भट्ट अरविन्द की प्रसिद्ध कविताएँ, Amitabh Bhatt Arvind Poem in Hindi

Amitabh Bhatt Arvind Poem in Hindi

1. खुली हवा में रखा हुआ पेट्रोल

खुली हवा में रखा हुआ पेट्रोल
जैसे उड़ने के बाद भी
छोड़ जाता है अपनी खुशबू
दिलाता है याद अपने होने की
वैसे ही
तुम भी छोड़ जाना
अपना एक हिस्सा मेरे भीतर
पिघलाना मुझे अंदर से
निकलकर बाहर आना
आँसुओं के साथ
दिलाना याद अपने होने की
छोड़ जाना अपनी खुशबू
अखबार के पन्नों में
सुबह की चाय में
घर की दीवारों में
और मुझमें

2. मेरी सदियों की निराशा तोड़ डाली

मेरी सदियों की निराशा तोड़ डाली
मैं अकेला था मिला संसार मुझको

जिन दिशाओं में तुझे मैं ढूंढता था
आज उनमें कुछ अलग सा हो रहा है
झूम कर इतरा रहे हैं सारे तारे
चाँद बादल के पलंग पर सो रहा है
क्या बताऊँ क्या अजब सा था हुआ जब
तूने हाथों से परोसा प्यार मुझको
मेरी सदियों की निराशा तोड़ डाली
मैं अकेला था मिला संसार मुझको

3. रुकना राही का काम नहीं

रुकना राही का काम नहीं
चलो ! अभी विश्राम नहीं

मंजिल अब खड़ी पुकार रही
बढ़ते जाओ, वह दूर सही
जीवन है पग पग चलने में
गिरने में और संभलने में
जो भाग गया रणभूमि से
अर्जुन फिर उसका नाम नहीं
चलो ! अभी विश्राम नहीं

घर से आए तुम दूर निकल
लेकर पैरों मे गति प्रबल
हारा जो राहों से लड़कर
मरकर वह राही रहा अमर
तुम हार मान क्यों बैठ गए
यह तो जीवन की शाम नहीं
चलो ! अभी विश्राम नहीं

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