राधा कृष्ण शायरी, Radha Krishna Shayari in Hindi

Radha Krishna Shayari in Hindi – यहाँ पर आपको बेहतरीन राधा कृष्ण शायरी का संग्रह दिया गया हैं. यह सभी Radha Krishna Ki Shayari को हमारे लोकप्रिय और प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखी गई हैं. आप इन सभी Radhe Krishna Shayari को किसी आयोजन या मंच पर सुना सकते हैं.

राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी पूरी दुनिया में विश्व विख्यात हैं. राधा ने कृष्ण को इतना प्रेम किया था. की कहा जाता हैं. की वृन्दावन की मिट्टी में भी प्रेम समा गया था. वृन्दावन की हवाओं से प्रेम की खुशबु आती हैं. आज भी कृष्ण और राधे भक्त जब वृन्दावन जाते हैं. तो वहां की मिट्टी को अपने माथे पर लगाते हैं. आज भी पूरी दुनिया से वृन्दावन में लोग कृष्ण और राधे के प्रेम को समझने आते हैं.

कहा जाता हैं. की उद्धव अपने आप को बहुत ही बड़ा ज्ञानी मानते थे. उन्हें अपने ज्ञान पर बहुत ही अहंकार था. वह एक बार वृन्दावन राधा को ज्ञान देने के लिए जाते हैं. लेकिन जब वह वहां से लौटते हैं तब वह राधा से प्रेम का ज्ञान लेकर आते हैं. प्रेम अमृत के समान हैं. जिनके पास प्रेम का ज्ञान नहीं हैं. उसके सभी ज्ञान बेकार हैं.

अब आइए यहाँ पर कुछ Radha Krishna Shayari in Hindi में दी गई हैं. उसे पढ़ते हैं. हमें उम्मीद हैं. की यह सभी राधा कृष्ण शायरी आपको पसंद आएगी. इस Radha Krishna Ki Shayari को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

राधा कृष्ण शायरी, Radha Krishna Shayari in Hindi

Radha Krishna Shayari in Hindi

(1) राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम हैं।

(2) एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।

(3) यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।

(4) राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।

(5) कन्हैया दिल में है याद तेरीहोठों पे नाम तेरा
मेरे दिल में बसने वालेतेरे चरणों में प्रणाम मेरा।

(6) रिश्तो की लंबीकतारों से क्या लेना
दिल से हो तो मेरा कृष्ण ही काफी है।

(7) कन्हैया बस तेरी रहमतपर नाज करते हैं
इन आंखो को जब तेरा दीदार हो जाता हैं
मेरा तो हर दिन सांवरे त्योहार हो जाता है।

(8) तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ,
तेरी साँसो मेँ घुल कर खुशबू बन जाऊँ।
हो ना फासला कोई हम दोनो के दरम्याँ
मैँ… मैँ ना रहुँ कान्हा.. बस तुँ ही तुँ बन जाऊँ।

Krishna Bhakti Shayari in Hindi

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(9) कर लो भजन राधा रानी का
भरोसा नही हैं जिंदगानी का,
जग में मीठा कुछ भी नही
मीठा हैं नाम बस राधा रानी का।

(10) प्यार सबको आजमाता हैं,
सोलह हज़ार एक सौ आठ रानियों से मिलने वाला श्याम,
एक राधा को तरस जाता हैं।

(11) कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ, जहाँ में नहीं हूँ,
राधा ने मुस्कुरा के कहा, बस मेरे नसीब में।

(12) एक सच्चा तेरा साथ है
सच्ची तेरी हर बात है,
पड़ता नहीं अब फर्क मुझे
कि कौन मेरे साथ है।

(13) हे कान्हा !मैं कौन सा ऐसा कर्म करूं
कि तेरे चरणों में जगह पा जाऊं।।

(14) तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी नजर हैं,
वो तो तेरी रहमत हैं, जो तेरा रुख इधर हैं।

(15) छोड़ कर दुनिया को मै तुझ मेंसमा जाऊं
कर दे कुछ ऐसी कृपा की नजर
कि मै मुझ में ही तुझ को पा जाऊं।

(16) सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर निकाह होता,
तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता।

Radhe Krishna Shayari

Radhe Krishna Shayari

(17) पता नहीं मजाक था या प्यार का पैगाम लिखा था,
जब मैनें राधा और उसने श्याम लिखा था।

(18) हे कान्हा, तुम संग बीते वक़्त का मैं कोई हिसाब नहीं रखती
मैं बस लम्हे जीती हूँ, इसके आगे कोई ख्वाब नहीं रखती।

(19) कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं
खुदको जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं।

(20) चारों तरफ फैल रही हैं,
इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी
कितनी प्यारी लग रही हैं,
साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।।

(21) मुझको मालूम नहीं अगला जन्म हैं की नहीं।
ये जन्म प्यार में गुजरेये दुआ मांगी हैं।।
और कुछ मुझे जमाने से मिले या ना मिले।
ए मेरे कान्हा तेरी मोहब्बत ही सदा मांगी हैं।

(22) दौलत छोड़ी शोहरत छोड़ी सारा खजाना छोड़ दिया
कृष्णा के प्रेम दीवानों ने सारा जमाना छोड़ दिया।

(23) प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी।

(24) पता नहीं कैसे परखता है,
मेरा कृष्ण मुझे,
इम्तिहां भी मुश्किल ही लेता है,
और फेल भी होने नहीं देता।

(25) मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है,
करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है।

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(26) कर्तव्य पथ पर जाते-जाते केशव गये थे रूक,
देख दशा राधा रानी, ब्रम्हा भी गये थे झुक।

(27) जानते हो कृष्ण,
क्युं तुम पर हमें गुरुर हैं?
क्युंकि तुम्हारे होने से हमारी ज़िन्दगी मे नूर है।

(28) बड़ा मीठा नशा है कृष्ण की याद का
वक्त गुजरात गया और हम आदि होते गए।
।।जय राधे कृष्णा।।

(29) माना कि मुझमे मीरा सी..कोई कशिश नही,
गोपी के जैसे रो सकू..वो जज्बात नही,
एकबार मेरे साँवरे इस..दिल की भी सुनो,
मेरे राधा कृष्णा मुरारी।

(30) सुनो कन्या जहाँ से तेरा मन करे
मेरी ज़िन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा।

(31) राधा की कृपा, कृष्णा की कृपा,
जय पे हो जाए,
भगवान को पाए,
मौज उड़ाए सब सुख पाए।
।।जय श्री राधे।।

(32) राधा मुरली-तान सुनावें
छीनि लियो मुरली कान्हा से
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें
राधा ने धुन, प्रेम की छेड़ी
कृष्ण को तान पे, नाच नचावें।
।।जय श्री राधे कृष्णा।।

(33) रंग बदलती दूनियाँ देखी देखा जग व्यवहार,
दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबार राधे राधे।

(34) मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले
मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले।

Radha Krishna Ki Shayari

(35) राधा की चाहत है कृष्ण
उसके दिल की विरासत है कृष्ण
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण
दुनिया तो फिर भी यही कहती है।
राधे कृष्ण राधे कृष्ण

(36) सांवरे तेरी मोहब्बत को, नया अंजाम देने की तैयारी हैं
कल तक मीरा दीवानी थी, आज मेरी बारी हैं।

(37) दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा
कब तक तेरी राह निहारूं, अब तो आओ कृष्णा।

(38) राधा ने किसी और की तरफ देखा हीं नहीं,
जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गई,
कान्हा के प्यार में पड़कर,
वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।

(39) राधा कहती है दुनियावालों से,
तुम्हारे और मेरे प्यार में बस इतना अंतर है।
प्यार में पड़कर तुमने अपना सबकुछ खो दिया,
और मैंने खुद को खोकर सबकुछ पा लिया।

(40) प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है, ठीक वैसे हीं जैसे प्यार में
कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता है।

(41) कर भरोसा राधे नाम का, धोखा कभी न खायेगा,
हर मौके पर कृष्ण, तेरे घर सबसे पहले आयेगा।
।।जय श्री राधेकृष्ण।।

(42) पीर लिखो तो मीरा जैसी, मिलन लिखो कुछ राधा सा।
दोनों ही है कुछ पूरे से, दोनों में ही वो कुछ आधा सा।
।।जय श्री कृष्णा।।

(43) राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी,
आएंगे बिहारी चले आएंगे बिहारी।

(44) मन की आंखों से रब का दीदार करो,
दो पल का है अंधेरा
बस सुबह का इंतजार करो,
क्या रखा है आपस के बैर में
छोटी सी है जिंदगी सब से प्यार करो।

Radha Krishna Shayari in Hindi

(45) बहुत खूबसूरत है मेरे
ख्यालों की दुनिया,
बस कृष्ण से शुरू और
कृष्ण पर ही खत्म।

(46) गोकुल मैं हैं जिनका वास,
गोपियो संग करे निवास,
देवकी यशोदा हैं जिनकी मैया,
ऐसे हैं हमारे कृष्ण कन्हैया।

(47) मटकी तोड़े, माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये,
राधा के वो प्यारे मोहन, महिमा उनकी दुनिया गाये।

(48) जो हैं माखन चोर, जो हैं मुरली वाला,
वही हैं हम सबके दुःख दूर करने वाला।

(49) हर पल, हर दिन कहता हैं कान्हा का मन
तू कर ले पल-पल राधा का सुमिरन।

(50) जब सुकून ना मिले दिखावे की बस्ती में
तब खो जाना मेरे श्याम की मस्ती में।

(51) अगर तुमने राधा के कृष्ण के प्रति समर्पण को जान लिया,
तो तुमने प्यार को सच्चे अर्थों में जान लिया।

(52) पलकें झुकें और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और बंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कान्हा
कि आपको याद करूँ और दर्शन हो जाए।

Radha Rani Shayari

(53) नन्हा सा फूल हूँ मैं,
चरणों की धुल हूँ मैं,
आया हूँ तेरे द्वार
कान्हा मेरी पूजा करो स्वीकार।

(54) हे अर्जुन के सारथी मुझको भी ऐसा ज्ञान दो,
तेरे प्रेम की ज्योति को जलाये रखू, ऐसा बरदान दो।

(55) तू समझ ये बंदे,
प्रभु तुझसे दूर नहीं,
भक्तों को कष्ट मिले,
ये हमारे कान्हा को मंजूर नहीं।

(56) श्याम तेरे मिलने का सत्संग ही बहाना है,
दुनिया वाले क्या जाने ये रिश्ता पुराना है।

(57) जब प्रेम का सुरूर मेरे दिल पर छाता है,
मेरा हृदय चारों तरफ राधा-कृष्ण को ही पाता है।

(58) वह हृदय होता है ख़ास,
जिसमें बसते है राधा संग श्याम।

(59) कितना भी धन-दौलत पा लो
पर भूख नहीं मिटटी तृष्णा की,
उसको जीवन का सारा धन मिल जाता है
जो भक्ति करें राधा के कृष्णा की।

(60) राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार,
क्योंकि यही वही वो नाम हैं जिससे कृष्ण को हैं प्यार।

राधे कृष्णा शायरी

(61) राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है,
बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है।

(62) अब तो आँखों से भी जलन होती हैं मुझे ए कान्हा,
खुली हो तो तलाश तेरी और बंद हो तो ख्वाब तेरे।

(63) जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं।

(64) सुध-बुध खो रही राधा रानी,
इंतजार अब सहा न जाएँ,
कोई कह दो सावरे से,
वो जल्दी राधा के पास आएँ।

(65) पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत।

(66) प्रेम को भी खुद पर गुमान है क्योंकि,
राधा-कृष्ण का प्रेम हर दिल में विराजमान हैं।

(67) श्याम की बंसी जब भी बजी है,
राधा के मन में प्रीत जगी है।

(68) कितने सुंदर नैन तेरे ओ राधा प्यारी,
इन नैनों में खो गये मेरे बांकेबिहारी।

(69) कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।

कृष्ण प्रेम शायरी

(70) आज वो पावन प्रेम कहाँ
कहां उनसी प्रेम कहानी है
कहां वो नटखट कृष्णा हैं
कहाँ वो राधा दिवानी है ।।
वेद प्रकाश वेदांत

(71) कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है,
खुद को कितना भी रोक लूँ, प्यार हो ही जाता है.

(72) अधूरा है मेरा इश्क तेरे नाम के बिना,
जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना।

(73) एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।

(74) जो प्रेम को ना समझे वो तप कर ले,
मन में राधा-कृष्ण के नाम का जप करे ले.

(75) कोई कह दो यशोदा से जाकर बातें अब बड़ी बनाने लगे है,
श्याम माखन चुराते-चुराते अब तो दिल भी चुराने लगे है.

राधा कृष्ण प्रेम शायरी

(76) श्याम तेरे मिलने का सत्संग ही बहाना है,
दुनिया वाले क्या जाने ये रिश्ता पुराना है.

(77) संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे

(78) कान्हा हरदम मेरे साथ है फिर क्या कमी है,
विरह में नहीं, प्रेम की वजह से आखों में नमी है.

(79) पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत..
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत।

(80) यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता.

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